क्यों बाघ और अन्य जंगली जानवर डरते हैं भोटिया कुत्तों से?

क्यों बाघ और अन्य जंगली जानवर डरते हैं भोटिया कुत्तों से?

भोटिया कुत्ते अपनी बहादुरी और अनूठे गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। इन्हें 'हिमालयन शीपडॉग' के नाम से भी जाना जाता है। इनका स्वभाव, ताकत, और रणनीतिक कौशल ऐसा है कि बाघ, गुलदार, और हिम तेंदुए जैसे खूंखार जानवर भी इनसे उलझने से कतराते हैं।


भोटिया कुत्तों की अनोखी विशेषताएं

  1. शारीरिक बनावट और ताकत
    भोटिया कुत्ते बड़े और मजबूत होते हैं। नर की ऊंचाई 28-34 इंच और वजन 45-80 किलोग्राम तक हो सकता है। इनके विशाल शरीर को देखकर बाघ इन्हें जंगली भेड़िया समझ लेते हैं और सीधा मुकाबला करने से बचते हैं।

  2. झुंड में काम करने की क्षमता
    भोटिया कुत्तों का झुंड आपस में बेहतरीन तालमेल बनाकर मवेशियों और भेड़ों की सुरक्षा करता है। ये भेड़ों को बीच में रखते हैं और चारों ओर से घेरकर सुरक्षा प्रदान करते हैं। बाघ और गुलदार इनके इस सुरक्षा घेरे को तोड़ने में असफल रहते हैं।

  3. रणनीतिक कौशल
    इन कुत्तों की योजना बनाने की क्षमता इतनी शानदार है कि इन्हें रणनीतिकार भी कहा जा सकता है। जब भी कोई खतरा होता है, तो ये पूरी तैयारी के साथ हमला करते हैं और दुश्मन को पलायन करने पर मजबूर कर देते हैं।

  4. शांत स्वभाव लेकिन आक्रमकता
    भोटिया कुत्ते स्वभाव से शांत और वफादार होते हैं। लेकिन जब उनके मालिक या मवेशियों पर हमला होता है, तो ये बेहद आक्रमक हो जाते हैं और दुश्मन को कोई मौका नहीं देते।


भोटिया कुत्तों का उपयोग

  • मवेशियों की सुरक्षा
    भोटिया कुत्तों को पहाड़ी इलाकों में भेड़-बकरियों की रक्षा के लिए रखा जाता है।
  • फैमिली डॉग
    ये कुत्ते अपने मालिक और उनके बच्चों के प्रति बेहद प्यार भरे और सुरक्षात्मक होते हैं।

भोटिया कुत्ते और उनकी पहचान

  1. यह मुख्यतः काले, भूरे, लाल, या सफेद-काले मिश्रित रंगों के होते हैं।
  2. इनका शरीर ताकतवर और फर से ढका होता है।
  3. तिब्बती मास्टिफ की प्रजाति से होने के बावजूद इनका आकार थोड़ा छोटा होता है।

भोटिया कुत्तों का महत्व

  • डाक टिकट में स्थान
    इनकी खूबियों को देखते हुए भारतीय डाक विभाग ने 9 जनवरी 2005 को इनकी तस्वीर वाली डाक टिकट जारी की।
  • पर्वतीय इलाकों में पहचान
    उत्तराखंड, हिमाचल, और तिब्बत के ऊंचाई वाले इलाकों में ये अधिक पाये जाते हैं। बागेश्वर के उत्तरायणी मेले में इनकी बिक्री होती है।

भोटिया कुत्तों का स्वभाव

  • ये स्वतंत्रता पसंद करते हैं।
  • नियमित कसरत और खुला स्थान इनके स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
  • इन्हें जंजीर से बांधकर रखना इनके स्वभाव के विपरीत होता है।

क्यों बाघ और गुलदार इनसे डरते हैं?

भोटिया कुत्तों के मजबूत कद-काठी और लड़ाई के कौशल के कारण बाघ और अन्य जंगली जानवर इनके सामने टिक नहीं पाते।

  1. ये बाघों को भी परास्त करने की क्षमता रखते हैं।
  2. इनका झुंड इतनी कुशलता से सुरक्षा करता है कि दुश्मन को घुसने का मौका नहीं मिलता।
  3. इनके आक्रामक स्वभाव और ताकत से जंगली जानवर डरते हैं।

भोटिया कुत्ते खरीदने के लिए कहाँ जाएं?

शुद्ध भोटिया कुत्ते हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में आसानी से मिलते हैं। चरवाहे और स्थानीय ग्रामीण इन्हें पालते हैं और अक्सर मेलों में बेचते हैं।


निष्कर्ष

भोटिया कुत्ते सिर्फ पहाड़ी इलाकों की जान नहीं, बल्कि एक अद्वितीय योद्धा भी हैं। इनकी वफादारी, ताकत, और साहस ने इन्हें हिमालयी इलाकों के संरक्षक का दर्जा दिलाया है। अगर आप इन्हें पालना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आपके पास इनके लिए खुला और बड़ा स्थान हो।


शायरी

"भोटिया की ताकत पर मत कर संदेह,
बाघ भी डरता है इसका देख।"

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