उत्तराखंड राज्य का भूगोल
- उत्तराखंड राज्य का कुल क्षेत्रफल है - 53,483 किमी² (देश के कुल क्षेत्रफल का 1.69%)
- राज्य के कुल क्षेत्रफल का कितना % पर्वतीय है - 86.07%
- राज्य के कुल क्षेत्रफल का कितना % मैदानी है - 13.93%
- उत्तराखंड राज्य की कुल जनसँख्या - 84,89,349
- क्षेत्रफल की दृष्टी से उत्तराखंड राज्य का स्थान - 18 वां
- उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक स्थिति - 28’43 से 31’27.’उ0 अक्षांश तथा 71’34 से 81’02‘पू0 देशान्तर
- उत्तराखंड राज्य का उत्तर से दक्षिण में विस्तार - 320 किमी
- उत्तराखंड राज्य का पूर्व से पश्चिम में विस्तार - 358 किमी
- उत्तराखंड की सीमा किन देशो से लगती है - नेपाल (पूर्व में) एवं तिब्बत (उत्तर में)
- उत्तराखंड राज्य की सीमा किन राज्यों से मिलती है - पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश
- उत्तराखंड राज्य की राजधानी - देहरादून
- उत्तरखंड राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी - गैरसैण
- वर्तमान में उत्तराखंड में कितने मंडल हैं - 3 (गढ़वाल, कुमाऊँ, गैरसेंण)
- उत्तराखंड में कुल जिले कितने हैं - 13
- उत्तराखंड में कुल कितने तहसील है - 110
- उत्तराखंड में कुल कितने जनगणना नगर (2011) है -41
- उत्तराखंड में कुल कितने नगर निगम है -6 (देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर व रुड़की)
- उत्तराखंड में कुल कितनी नगरपालिका परिषदें है - 41
- उत्तराखंड में कुल कितनी नगर पंचायत है - 41
- उत्तराखंड में कुल कितने ज़िला पंचायत है - 13
- उत्तराखंड में कुल कितने ग्राम पंचायत है - 7791
उत्तराखण्ड राज्य का क्षेत्रफल 53,484 वर्ग किमी और जनसंख्या 8,479,562 (2001 की जनगणना के अनुसार) है। उत्तराखण्ड भारत के उत्तर - मध्य भाग में स्थित है। यह पूर्वोत्तर में तिब्बत, पश्चिमोत्तर में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण - पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण - पूर्व में नेपाल से घिरा है। उत्तराखण्ड का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 28° 43’ उ. से 31°27’ उ. और रेखांश 77°34’ पू. से 81°02’ पू के बीच में 53,483 वर्ग किमी है, जिसमें से 43,035 किमी पर्वतीय है और 7,448 किमी मैदानी है, तथा 34,651 किमी भूभाग वनाच्छादित है। राज्य का अधिकांश उत्तरी भाग वृहद्तर हिमालय श्रृंखला का भाग है, जो ऊँची हिमालयी चोटियों और हिमनदियों से ढका हुआ है, जबकि निम्न तलहटियाँ सघन वनों से ढकी हुई हैं जिनका पहले अंग्रेज़ लकड़ी व्यापारियों और स्वतन्त्रता के बाद वन अनुबन्धकों द्वारा दोहन किया गया। हाल ही के वनीकरण के प्रयासों के कारण स्थिति प्रत्यावर्तन करने में सफलता मिली है। हिमालय के विशिष्ठ पारिस्थितिक तन्त्र बड़ी संख्या में पशुओं - जैसे भड़ल, हिम तेंदुआ, तेंदुआ, और बाघ, पौंधो, और दुर्लभ जड़ी-बूटियों का घर है।
उत्तराखंड राज्य का भूगोल भूमि
यद्यपि उत्तराखण्ड में धूल भरे मैदान जगह-जगह छाए हुए हैं, फिर भी यह क्षेत्र ख़ासा वनाच्छादित और अत्यधिक पहाड़ी है। बर्फ़ से ढकी चोटियाँ, गहरी खाइयाँ, गरजती जल धाराओं और सुन्दर झीलों से युक्त इस क्षेत्र की भू-आकृति अत्यन्त विविधतापूर्ण है। ऊँचे पहाड़ों के हिमनद गंगा और यमुना नदी के स्रोत हैं। सबसे ऊँचे पर्वत शिखरों में से कुछ उत्तरांचल में स्थित हैं, जैसे -
नंदा देवी 7,817 मीटर
बद्रीनाथ 7,138 मीटर
सतोपंथ 7,075 मीटर
त्रिशूल 7,120 मीटर
केदारनाथ 6,940 मीटर
कामेट 7,756 मीटर
नीलकंठ 6,596 मीटर
अधिकांश शिखरों को हिन्दू मतावलम्बी पवित्र उपासना स्थलों के रूप में पूजते हैं। सांस्कृतिक और राजनीतिक तौर पर उत्तराखण्ड गढ़वाल और कुमाऊँ के रूप में दो प्रमुख भागों में बँटा हुआ है, जिसमें से प्रत्येक को तीन भू-आकृतियों में बाँटा जा सकता है, जो पश्चिमोत्तर से दक्षिण-पश्चिम की ओर एक-दूसरे के समानान्तर चलती हैं।
उत्तरी खण्ड हिमाद्रि के नाम से प्रसिद्ध है और यहाँ ज़ास्कर पर्वतमाला व 3,000 से 7,000 की ऊँचाई वाला मुख्य हिमालय है। ज़्यादातर उपरोक्त चोटियाँ इसी भूखण्ड में स्थित हैं।
हिमालय के बाद दक्षिण में 2,000 से 3,000 मीटर की ऊँचाई पर हिमालय नाम से प्रसिद्ध निम्न हिमालय स्थित है। यहाँ पर एक रेखा में दो पर्वत श्रृंखलाएँ मसूरी और नाग टिब्बा व पहाड़ी पर्यटन स्थल मसूरी, नैनीताल, नौकुचिया ताल, रानीखेत और बहुत-सी सुन्दर झीलें, जैसे नैनीताल, भीमताल व सातताल हैं।
दक्षिणतम खण्ड में शिवालिक पहाड़ियाँ हैं, जो 300 से 3,000 मीटर की ऊँचाई वाले तराई क्षेत्र में मिलती हैं। शिवालिक का दक्षिणी सिरा संरचनात्मक अवसादों से बना है, जिसे स्थानीय तौर पर दून, देहरादून कहते हैं।
उत्तराखंड राज्य का भूगोल अपवाह
उत्तराखण्ड राज्य गंगा जल प्रणाली की अनेक नदियों के द्वारा सिंचित है। यद्यपि गंगा प्रणाली उत्तराखण्ड में कम ही प्रचलित है। सुदूर पश्चिमी नदी प्रणाली टोन्स और यमुना से मिलकर बनती है। इसके पूर्व में गंगा की प्रमुख सहायक नदियाँ भागीरथी, मन्दाकनी, अलकनन्दा और पिंडर हैं। पूर्व में और आगे रामगंगा व कोसी नदियाँ बहती हैं। दक्षिण - पूर्व में बहने वाली नदियाँ सरजु, गौरीगंगा और धौलीगंगा हैं। घाटियाँ बारहमासी नदियों द्वारा निर्मित गहरे दर्रों से बनी हैं। इन नदियों को मुख्य हिमालय और ज़ास्कर श्रृंखला से सतत बहकर आने वाली बर्फ़ से पानी मिलता है। ये नदियाँ जलविद्युत उत्पादन का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं।
उत्तराखंड राज्य का भूगोल मृदा
उत्तराखण्ड में मिट्टी की विभिन्न क़िस्में पाई जाती हैं और सभी मृदा अपरदन के प्रति संवेदनशील हैं। उत्तर में कंकरीली (हिमनदों के साथ बहकर आया कचरा) से लेकर 'कठोर मिट्टी' तक पाई जाती है। आगे दक्षिण में वनों की 'भूरी मिट्टी' मिलती है, जो प्राय: उथली, कंकरीली और प्रचुर जैविक अवयवों से युक्त होती है। निम्न हिमालय की तराई और शिवालिक पहाड़ियों पर 'भाबर मिट्टी' मिलती है, जो अधिकतर खुरदरी, 'बलुई' से कंकरीली, अत्यधिक रंध्रिल और मुख्यत: बंजर है। सुदूर दक्षिण-पूर्व में मिलने वाली तराई की मिट्टी की संरचना 'चिकनी', 'दोमट' और 'महीन बालू' व खाद की कुछ मात्रा से युक्त होती है। यह मिट्टी चावल और गन्ने की खेती के लिए उपयुक्त है।
उत्तराखंड राज्य का भूगोल नदियाँ
भारत की दो सबसे महत्त्वपूर्ण नदियाँ गंगा और यमुना इसी राज्य में जन्म लेतीं हैं, और मैदानी क्षेत्रों तक पहुँचते मार्ग में बहुत से तालाबों, झीलों, हिमनदियों की पिघली बर्फ़ से जल ग्रहण करती हैं।
उत्तराखंड राज्य का भूगोल वन
उत्तराखण्ड, हिमालय श्रृंखला की दक्षिणी ढलान पर स्थित है, और यहाँ मौसम और वनस्पति में ऊँचाई के साथ बहुत परिवर्तन होता है, जहाँ सबसे ऊँचाई पर हिमनद से लेकर निचले स्थानों पर उपोष्णकटिबंधीय वन हैं। सबसे ऊँचे उठे स्थल हिम और पत्थरों से ढके हुए हैं। उनसे नीचे, 5000 से 3000 मीटर तक घास भूमि और झाड़ी भूमि है। समशीतोष्ण शंकुधारी वन, पश्चिम हिमालयी उपअल्पाइन शंकुधर वन, वृक्षरेखा से कुछ नीचे उगते हैं। 3000 से 2600 मीटर की ऊँचाई पर समशीतोष्ण पश्चिम हिमालयी चौड़ी पत्तियों वाले वन हैं जो 2600 से 1500 मीटर की उँचाई पर हैं। 1500 मीटर से नीचे हिमालयी उपोष्णकटिबंधीय पाइन वन हैं। उंचे गंगा के मैदानों में नम पतझड़ी वन हैं और सुखाने वाले तराई-दुआर सवाना और घासभूमि उत्तर प्रदेश से लगती हुई निचली भूमि को ढके हुए है। इसे स्थानीय क्षेत्रों में 'भाभर' के नाम से जाना जाता है। निचली भूमि के अधिकांश भाग को खेती के लिए साफ़ कर दिया गया है।
उत्तराखंड राज्य का भूगोल राष्ट्रीय उद्यान
भारत के निम्नलिखित राष्ट्रीय उद्यान इस राज्य में हैं, जैसे - जिम कोर्बेट राष्ट्रीय पार्क (भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान) रामनगर, नैनीताल ज़िले में, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान और नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान, चमोली ज़िले में हैं और दोनो मिलकर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान हरिद्वार ज़िले में, और गोविंद पशु विहार और गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान उत्तरकाशी ज़िले में है।
Frequently Asked Questions (FAQs)
1. उत्तराखंड राज्य का कुल क्षेत्रफल कितना है?
उत्तराखंड राज्य का कुल क्षेत्रफल 53,483 किमी² है, जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 1.69% है।
2. उत्तराखंड का कितना प्रतिशत क्षेत्र पर्वतीय है?
उत्तराखंड राज्य का 86.07% क्षेत्र पर्वतीय है।
3. उत्तराखंड का कितना प्रतिशत क्षेत्र मैदानी है?
उत्तराखंड राज्य का 13.93% क्षेत्र मैदानी है।
4. उत्तराखंड राज्य की कुल जनसंख्या कितनी है?
उत्तराखंड राज्य की कुल जनसंख्या 84,89,349 है।
5. उत्तराखंड राज्य का क्षेत्रफल के हिसाब से कौन सा स्थान है?
उत्तराखंड राज्य का क्षेत्रफल के हिसाब से भारत में 18वां स्थान है।
6. उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक स्थिति क्या है?
उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक स्थिति 28°43' से 31°27' उत्तर अक्षांश और 71°34' से 81°02' पूर्व देशांतर के बीच है।
7. उत्तराखंड राज्य का उत्तर से दक्षिण में विस्तार कितना है?
उत्तराखंड राज्य का उत्तर से दक्षिण में विस्तार 320 किमी है।
8. उत्तराखंड राज्य का पूर्व से पश्चिम में विस्तार कितना है?
उत्तराखंड राज्य का पूर्व से पश्चिम में विस्तार 358 किमी है।
9. उत्तराखंड की सीमा किन देशों से मिलती है?
उत्तराखंड की सीमा नेपाल (पूर्व में) और तिब्बत (उत्तर में) से मिलती है।
10. उत्तराखंड राज्य की सीमा किन राज्यों से मिलती है?
उत्तराखंड की सीमा पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश से मिलती है।
11. उत्तराखंड राज्य की राजधानी क्या है?
उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून है।
12. उत्तराखंड राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी कहाँ है?
उत्तराखंड राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण है।
13. उत्तराखंड में कितने मंडल हैं?
उत्तराखंड में कुल 3 मंडल हैं: गढ़वाल, कुमाऊं, और गैरसैण।
14. उत्तराखंड में कुल कितने जिले हैं?
उत्तराखंड में कुल 13 जिले हैं।
15. उत्तराखंड में कितनी तहसीलें हैं?
उत्तराखंड में कुल 110 तहसीलें हैं।
16. उत्तराखंड में कुल कितने नगर निगम हैं?
उत्तराखंड में कुल 6 नगर निगम हैं: देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर और रुड़की।
17. उत्तराखंड में कुल कितनी नगरपालिका परिषदें हैं?
उत्तराखंड में कुल 41 नगरपालिका परिषदें हैं।
18. उत्तराखंड में कुल कितनी नगर पंचायतें हैं?
उत्तराखंड में कुल 41 नगर पंचायतें हैं।
19. उत्तराखंड में कुल कितने जिला पंचायतें हैं?
उत्तराखंड में कुल 13 जिला पंचायतें हैं।
20. उत्तराखंड में कुल कितनी ग्राम पंचायतें हैं?
उत्तराखंड में कुल 7791 ग्राम पंचायतें हैं।
21. उत्तराखंड में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है?
उत्तराखंड में कंकरीली, भूरी, भाबर और चिकनी मिट्टी पाई जाती है। इनकी संरचना और गुण विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न हैं, जो कृषि और वनस्पति को प्रभावित करते हैं।
22. उत्तराखंड राज्य में प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान कौन से हैं?
उत्तराखंड में प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में जिम कॉर्बेट, फूलों की घाटी, नंदा देवी, राजाजी और गोविंद पशु विहार शामिल हैं।
23. उत्तराखंड में कौन-कौन सी प्रमुख नदियाँ बहती हैं?
उत्तराखंड में गंगा, यमुना, भागीरथी, मन्दाकनी, अलकनन्दा, पिंडर, रामगंगा, कोसी, और सरजु नदियाँ प्रमुख हैं।
24. उत्तराखंड का भूगोल कैसे विविध है?
उत्तराखंड का भूगोल विविधतापूर्ण है, जिसमें ऊँचे हिमालयी शिखर, गहरी घाटियाँ, झीलें, घने वन, और हिमनदियाँ शामिल हैं।
25. उत्तराखंड के वनस्पति क्षेत्र का क्या महत्व है?
उत्तराखंड में वनस्पति क्षेत्र हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा है, जो दुर्लभ जड़ी-बूटियों, पशुओं और शंकुधारी तथा पर्णपाती वनस्पतियों का घर है।
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