पढ़िए सूर्य भगवान की ये पौराणिक कथा, दूर होंगे सारे कष्ट - Read this mythological story of Sun God, all the troubles will be removed
पढ़िए सूर्य भगवान की ये पौराणिक कथा, दूर होंगे सारे कष्ट
सूर्य देव की उपासना हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। सूर्य भगवान को साक्षात देवता के रूप में पूजा जाता है, जो जीवन, ऊर्जा, और समृद्धि प्रदान करते हैं। यह पौराणिक कथा सूर्य देव की महिमा और उनके प्रति श्रद्धा से प्राप्त आशीर्वाद की अद्भुत शक्ति को दर्शाती है।
सूर्य भगवान की प्रेरणादायक कथा
प्राचीन काल में एक वृद्धा रहती थी। वह हर रविवार को सूर्योदय से पहले उठती, स्नान करती, और अपने आंगन को गोबर से लीपकर स्वच्छ बनाती। इसके बाद वह सूर्य देव की पूजा करती और उनकी व्रत कथा सुनती। उस दिन वृद्धा केवल एक समय भोजन करती और उससे पहले सूर्य देव को भोग लगाती।
सूर्य देव की कृपा
वृद्धा की श्रद्धा और नियमित पूजा से सूर्य देव अत्यंत प्रसन्न थे। इसी कारण उसे कभी किसी प्रकार का कष्ट नहीं हुआ और वह धन-धान्य से परिपूर्ण थी।
पड़ोसन की जलन और सूर्य देव का चमत्कार
वृद्धा की सुखी और समृद्ध स्थिति देखकर उसकी पड़ोसन जलने लगी। वृद्धा के पास गाय नहीं थी, इसलिए वह अपनी पड़ोसन के आंगन से गोबर लेती थी। एक दिन पड़ोसन ने उसे परेशान करने के लिए अपनी गाय को घर के अंदर बांध दिया, जिससे वृद्धा को गोबर नहीं मिल सका।
उस दिन वृद्धा ने सूर्य देव को भोग नहीं लगाया और खुद भी भूखी-प्यासी रही। अगले दिन उसने देखा कि उसके आंगन में एक सुंदर गाय और बछड़ा बंधा हुआ था। वृद्धा ने उनकी सेवा की और सूर्य देव की पूजा पहले की तरह जारी रखी।
सोने का गोबर और पड़ोसन की चालाकी
गाय ने सोने का गोबर दिया, लेकिन वृद्धा को इसकी जानकारी नहीं थी। पड़ोसन ने इसे देखकर चालाकी से वह गोबर अपने आंगन में रख लिया और धीरे-धीरे धनवान हो गई।
हालांकि, वृद्धा की श्रद्धा और भक्ति में कोई कमी नहीं आई। जब सूर्य देव को पड़ोसन की चालाकी का पता चला, तो उन्होंने तेज आंधी चलाकर वृद्धा को सचेत किया। इसके बाद वृद्धा ने गाय और बछड़े को घर के अंदर बांध लिया।
राजा का लोभ और सूर्य देव की कृपा
पड़ोसन ने राजा से शिकायत की, और राजा ने उस गाय और बछड़े को अपने महल में मंगवा लिया। जब राजा ने सोने का गोबर देखा, तो वह लोभ में आ गया।
उसी रात सूर्य देव राजा के सपने में प्रकट हुए और उसे चेतावनी दी कि वह गाय और बछड़ा तुरंत वृद्धा को लौटा दे, अन्यथा उसके राज्य पर संकट आ जाएगा। सूर्य देव के इस संदेश से डरकर राजा ने गाय और बछड़ा वृद्धा को लौटा दिया।
सूर्य उपासना का महत्व
इस कथा से यह शिक्षा मिलती है कि सच्ची श्रद्धा और भक्ति कभी व्यर्थ नहीं जाती। सूर्य भगवान की पूजा न केवल सुख-समृद्धि देती है, बल्कि सभी कष्टों का भी निवारण करती है।
सूर्य भगवान की आराधना का मंत्र
"ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः"
इस मंत्र का जाप करें और सूर्य देव की कृपा से अपने जीवन को कष्टमुक्त बनाएं।
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