पहाड़ी कविताएं - पहाड़ों की सुंदरता पर कविता, वादियों पर कविता, उत्तराखंड पर कविता ( Pahari Poems - Poem on the beauty of the mountains, Poem on the plains, Poem on Uttarakhand)

पहाड़ी कविताएं - पहाड़ों की सुंदरता पर कविता, वादियों पर कविता, उत्तराखंड पर कविता

  • पहाड़ों की सुंदरता पर कविता
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  • उत्तराखंड पर कविता

पहाड़ों की सुंदरता पर कविता

 हिमालय की शीतल छाँव में,
उत्तराखंड की धरती बसी है।

पावन गंगा का स्नान कर,
शुद्धि और शांति पाई है।

पहाड़ों की ऊँचाइयों से,
देखा सृष्टि का रहस्यमय संगीत।

चारों ओर हरियाली की आँचल,
देती विश्राम और अश्रुत्पात।

नंदा देवी के दर्शन से,
हर कष्ट का नाश किया है।

केदारनाथ की शिव की धरा,
देती अनंत सुख की वरदान।

उत्तराखंड की खूबसूरती को,
शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

प्रकृति का यह अद्वितीय पैगाम,
हर दिल में बसी यही ख्याली है।

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वादियों पर कविता

हिमालय की शांति, उत्तराखंड की पवित्रता,
प्राकृतिक सौंदर्य का अनगिनत संगम।

चारों ओर बसी है अलख जगमगाती धरती,
फूलों की सुगंध, बर्फीली चादर, वनों की गहराई।

पहाड़ों की चोटियों से उठती सूर्य की किरणें,
झीलों की छाया में खेलती हैं स्वच्छता की छायाएं।

गढ़वाल की गाथाएं, कुमाऊं की मिठास,
परंपराओं का संगम, इस भूमि की अनूठी बात।

नंदा देवी, बद्रीनाथ, केदारनाथ का विश्राम,
उत्तराखंड का सौंदर्य, अमर है यह धरोहर हमारी धरती का संगम।
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उत्तराखंड पर कविता

ऊँची-ऊँची पहाड़ों की गोद में,
नदियों की धरती ओढ़ में।

उत्तराखंड की शान है यहाँ,
हर शिखर पर बसी विश्वजाल।

चंदनी रातें, गहरी धूप,
प्रेम से भरी रहती हर दूर।

चारों ओर से बसी वनों की सुंदरता,
प्राकृतिक सौंदर्य से भरी यहाँ की महिमा।

गर्मी की छुट्टी, सर्दी का मौसम,
खुशियों का बांटवारा, परंपराओं का साथ।

उत्तराखंड की धरती पर हर पल,
अनुभवों का संगम, धरोहर की महक।

यहाँ की पहाड़ियों में बसी है अनमोलता,
उत्तराखंड की यह धरती है अमर विशाल।

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