पहाड़ की चोटी पर: एक कविता - On Top of the Mountain: A Poem

पहाड़ की चोटी पर: एक कविता

उस पहाड़ की चोटी पर बैठ कर सोच रहा था कि मेरा गांव कितना अच्छा है॥

पहाड़ की चोटी पर

उस पहाड़ की चोटी पर बैठ कर,
मैं सोच रहा था अपने गांव की बातें,
कितना अच्छा है ये गांव मेरा,
हर ओर बसी हैं खुशियों की बातें।

अर्थ: पहाड़ की ऊंचाई पर बैठ कर लेखक अपने गांव की अच्छाइयों और खुशियों को याद कर रहा है।

नदियाँ कितनी सुंदर हैं यहाँ,
जंगल की हरियाली बेमिसाल है,
गांव की ठंडी हवाओं में जो मजा है,
दिल्ली-मुंबई के ए.सी. से वो ज़िन्दगी नहीं मिलती।

उस पहाड़ की चोटी पर बैठ कर सोच रहा था कि मेरा गांव कितना अच्छा है॥

अर्थ: गांव की नदियाँ और जंगल कितने खूबसूरत हैं, और वहां की ठंडी हवा का आनंद शहरों के ए.सी. से प्राप्त आनंद की तुलना में कहीं अधिक है।

बुराड़ी से अच्छा पौड़ी का दृश्य,
खोड़ा से सुंदर है अल्मोड़ा का शहर,
उस पहाड़ की चोटी पर बैठ कर,
मैं सोच रहा था, मेरा गांव कितना अच्छा है।

अर्थ: बुराड़ी की तुलना में पौड़ी और खोड़ा की तुलना में अल्मोड़ा सुंदर है, और लेखक यह सोचता है कि उसका गांव इन सभी जगहों से बेहतर है।

रात को चाँद की कमी नहीं दिखती,
देहरादून की सुंदरता हर पल लुभाती है,
तारों की बारात से सजता आँगन,
पिथौरागढ़ से बागेश्वर तक पहाड़ों का जश्न है।

अर्थ: रात को चाँद की चमक हमेशा उपलब्ध रहती है, और देहरादून की सुंदरता लगातार आकर्षित करती है, तारों की बारात से आँगन सजता है, और पहाड़ों में खुशी का जश्न मनाया जाता है।

ठंडी ठंडी हवाओं में दिल हो जाता है शराबी,
चंपावत का महल राजाओं की यादों का हिस्सा है,
गंगा माँ की शीतल धारा बहती है,
हरिद्वार में हर हर गंगे की महिमा गूंजती है।

अर्थ: ठंडी हवाओं में दिल मस्त हो जाता है, चंपावत का महल राजाओं की यादों को संजोए हुए है, गंगा की शीतल धारा हरिद्वार में गंगे की महिमा को महसूस कराती है।

उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के मेले,
गंगा यमुना की संस्कृति का अद्भुत खेल,
टिहरी की कहानी बिजली और पानी की सच्चाई,
उधम सिंह नगर की चीनी से ज्यादा पहाड़ी गुड़ की मिठास है।

अर्थ: उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के मेले गंगा यमुना की संस्कृति की झलक दिखाते हैं, टिहरी का महत्व बिजली और पानी के दृष्टिकोण से है, और उधम सिंह नगर की चीनी की तुलना में पहाड़ी गुड़ की मिठास अधिक है।

चमोली के पर्वतों में बसी है अलग ज़िंदगानी,
हेमकुंड से बद्रीनाथ तक बर्फ की चादर में जीवन है रेशमी,
नैनिताल की झीलों से अधिक भाषा और वाणी,
उत्तराखंड की विविधता में गहराई की कहानी है।

अर्थ: चमोली के पर्वतों में जीवन की विशेषता है, हेमकुंड से बद्रीनाथ तक बर्फ से ढका जीवन बहुत ही खास है, नैनिताल की झीलों की तुलना में उत्तराखंड की भाषा और वाणी की विविधता अधिक है।

गांव की यादें दिल को बहुत भाती,
यहाँ की ठंडी हवाओं में जीवन की सूरत सजीव रहती,
फिर एक दिन लौटने की ख्वाहिश दिल में पलती,
इस पहाड़ की चोटी से गांव की यादें संजीवनी बनती हैं।

अर्थ: गांव की यादें लेखक के दिल को छू जाती हैं, यहां की ठंडी हवा में जीवन की सुंदरता जीवित रहती है, और लेखक एक दिन गांव लौटने की इच्छा रखता है। पहाड़ की चोटी से गांव की यादें उसे जीवंत और प्रेरणादायक लगती हैं।

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