श्री कूष्माण्डा देवी पूजा विधि
ध्यानम्
उद्यदात्रीशाननां चन्द्रचूडां, पंचास्यस्थां त्रीक्षणां सुप्रसन्नाम्।
शंखाब्जेपद्मासनैः शौभिहस्तां, श्रीकूष्माण्डां हृद्रसरोजे भजेहम्।।
पञ्चपूजा
- लं पृथिव्यात्मिकायै - गन्धं कल्पयामि।
- हं आकाशात्मिकायै - पुष्पाणि कल्पयामि।
- यं वाय्वात्मिकायै - धूपं कल्पयामि।
- रं अग्न्यात्मिकायै - दीपं कल्पयामि।
- वं अमृतात्मिकायै - अमृतं महानैवेद्यं कल्पयामि।
- सं सर्वात्मिकायै - ताम्बूलादि समस्तोपचारान् कल्पयामि।
पीठ पूजा
ॐ मण्डूकादि परतत्त्वाय नमः।
- प्रीं पृथिव्यै नमः
- सौः सुधार्णवाय नमः
- रां रत्नद्वीपाय नमः
- क्रीं सौः सरोवराय नमः
- क्लीं कल्पवनाय नमः
- पद्मवनाय नमः
- कल्पवल्ली मूलवेद्यै नमः
- यं योगपीठाय नमः
श्री कूष्माण्डा देवी का आवाहन
उद्यद्रान्त्रीशाननां चन्द्रचूडां, पंचास्यस्थां त्रीक्षणां सुप्रसन्नाम्।
शंखाब्जे पद्मासनैः शौभिहस्तां, श्रीकूष्माण्डां हृद्रसरोजे भजेहम्।।
आवाहन मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डा ध्यायामि, आवाहयामि नमः।
श्री कूष्माण्डा देवी की पूजन विधि:
आसन
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै आसनं कल्पयामि।पाद्य (चरणों की पूजा)
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै पादयोः पाद्यं कल्पयामि।अर्घ्य (हाथों की पूजा)
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै हस्तयोः अर्घ्यं कल्पयामि।आचमन (मुख की पूजा)
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै मुखे आचमनीयं कल्पयामि।स्नान
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै शुद्धोदक स्नानं कल्पयामि।वस्त्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै वस्त्राणि कल्पयामि।आभूषण (गहने)
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै आभरणानि कल्पयामि।गंध
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै दिव्यपरिमळ गन्धं कल्पयामि।पुष्प
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै पुष्पाक्षतान् कल्पयामि।धूप
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै धूपं कल्पयामि।दीप
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै दीपं कल्पयामि।नैवेद्य (भोग)
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै नैवेद्यं कल्पयामि।ताम्बूल
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै सुगंध ताम्बूलं कल्पयामि।कर्पूर नीराजन
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
श्री कूष्माण्डायै कर्पूर नीराजनं कल्पयामि।प्रदक्षिणा और नमस्कार
ॐ श्रीं ह्रीं क्रीं कूष्माण्डायै नमः।
प्रदक्षिण नमस्कारान् कल्पयामि।
अंत में:
सन्विन्मये परे देवी परामृत रुचि प्रिये।
अनुज्ञां कूष्माण्डां देहि परिवार्चनायम् मे।।
यह पूजा विधि आपको कूष्माण्डा देवी की उपासना के दौरान ध्यान केंद्रित करने में सहायता करेगी और शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन करते हुए आपकी पूजा को पूर्णता प्रदान करेगी।
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