सिसूण का सूप: एक पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन
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सिसूण, जिसे बिच्छू घास के नाम से भी जाना जाता है, उत्तराखण्ड के दुर्गम क्षेत्रों का एक प्रमुख व्यंजन है। इस पौष्टिक हरी पत्तेदार सब्जी का साग और कापा तो पहले से ही उत्तराखंड के पारंपरिक भोजन का हिस्सा था, लेकिन अब इसका सूप भी लोकप्रिय हो रहा है। सिसूण का सूप (Nettle Soup) न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह सूप उत्तराखंड के अलावा भारत के अन्य पहाड़ी राज्यों, नेपाल, भूटान, आयरलैंड और स्कैंडिनेवियाई देशों में भी बहुत पसंद किया जाता है।
सिसूण का औषधीय और पौष्टिक गुण
सिसूण के सूप में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, आयरन, सोडियम और विटामिन ए, के, सी, बी और डी पाए जाते हैं। इसके ये गुण इसे सेहत के लिए बहुत उपयोगी बनाते हैं, खासकर हड्डियों और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए। इसके औषधीय गुणों के कारण यह दोबारा से लोगों के भोजन में शामिल हो रहा है।
सिसूण का सूप बनाने की विधि

सामग्री:
- सिसूण (बिच्छू घास) की ताजा और कोमल पत्तियां
- 1 बारीक कटा प्याज
- 1 आलू (छोटे टुकड़ों में कटा हुआ)
- 1 टमाटर (कटा हुआ)
- 1 गाजर (कटी हुई)
- हरा प्याज (वैकल्पिक)
- 1 चम्मच मक्खन
- थोड़ा सा तेल
- काली मिर्च (स्वादानुसार)
- नमक (स्वादानुसार)
- तिमूर का पाउडर (स्वादानुसार, वैकल्पिक)
- मक्खन और क्रीम (सूप के ऊपर डालने के लिए)
बनाने की विधि:
- सबसे पहले एक चौड़े भगौने में थोड़ा सा तेल गर्म करें और उसमें मक्खन डाल दें।
- अब उसमें बारीक कटे हुए प्याज, आलू, टमाटर, गाजर और हरा प्याज डालकर हल्का भूनें।
- जब सब्जियां मुलायम हो जाएं, तो उसमें पानी मिला दें और 10 मिनट तक मध्यम आंच पर पकाएं।
- इसके बाद सिसूण की ताजा पत्तियां डालें और 5 मिनट तक पकाएं।
- अब इस मिश्रण को ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें।
- ब्लेंड किए हुए मिश्रण को मोटी छन्नी से छान लें ताकि एक चिकना सूप तैयार हो जाए।
- तैयार सूप को फिर से भगौने में चढ़ाकर उसमें काली मिर्च, नमक और तिमूर का पाउडर डालें और कुछ देर पकने दें।
- सूप को सूप बाउल में डालें और ऊपर से थोड़ा मक्खन और क्रीम डालकर परोसें।
सिसूण का सूप: उत्तराखंड की परंपरा और स्वाद
सिसूण का सूप एक ऐसा व्यंजन है जो न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि इसमें छिपे औषधीय गुण इसे सेहत के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाते हैं। उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में जहां सिसूण का साग और सूप मुख्य आहार हुआ करता था, वहीं अब इसे आधुनिक व्यंजनों में भी स्थान मिल रहा है। इसे बनाना बेहद आसान है और इसका स्वाद भी लाजवाब है।
यदि आप भी पहाड़ी व्यंजनों के प्रेमी हैं, तो एक बार सिसूण का सूप जरूर ट्राई करें और इसका स्वाद और सेहतमंद गुणों का आनंद लें।
FAQ's सिसूण का सूप (Nettle Soup) - एक पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन के बारे में
प्रश्न 1: सिसूण का सूप क्या है?
उत्तर: सिसूण का सूप एक पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन है जो उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में पारंपरिक रूप से बनाया जाता है। इसे बिच्छू घास के ताजे पत्तों से तैयार किया जाता है और यह हड्डियों और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए फायदेमंद होता है।
प्रश्न 2: सिसूण का सूप किन देशों में लोकप्रिय है?
उत्तर: सिसूण का सूप न केवल उत्तराखंड में बल्कि भारत के अन्य पहाड़ी राज्यों, नेपाल, भूटान, आयरलैंड, और स्कैंडिनेवियाई देशों में भी बहुत लोकप्रिय है।
प्रश्न 3: सिसूण के औषधीय गुण क्या हैं?
उत्तर: सिसूण में कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, आयरन, सोडियम, और विटामिन ए, के, सी, बी और डी जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये गुण इसे हड्डियों और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए बेहद लाभदायक बनाते हैं।
प्रश्न 4: सिसूण का सूप बनाने के लिए किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है?
उत्तर: इसके लिए सिसूण की पत्तियां, प्याज, आलू, टमाटर, गाजर, मक्खन, तेल, काली मिर्च, नमक, और तिमूर का पाउडर (वैकल्पिक) जैसी सामग्री की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 5: सिसूण का सूप कैसे बनाया जाता है?
उत्तर: सबसे पहले तेल और मक्खन में प्याज, आलू, टमाटर, और गाजर को भूनें। फिर पानी डालकर सब्जियों को पकाएं और सिसूण की पत्तियां मिलाएं। मिश्रण को ब्लेंड कर मोटी छन्नी से छान लें और उसमें नमक, काली मिर्च और तिमूर का पाउडर डालकर फिर से पकाएं।
प्रश्न 6: क्या सिसूण का सूप सेहत के लिए अच्छा है?
उत्तर: हां, सिसूण का सूप कैल्शियम, आयरन, और कई विटामिन्स से भरपूर होने के कारण हड्डियों और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए फायदेमंद होता है।
उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजन और उनके स्वास्थ्य लाभ
सिसूण का सूप उत्तराखंड का एक खास व्यंजन है जो पोषण से भरपूर होता है। सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के साथ-साथ इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार।
सिसूण की सब्जी और मंडुवे की रोटी उत्तराखंड के गाँवों में एक प्रमुख पारंपरिक भोजन है। इसमें प्रोटीन और फाइबर भरपूर होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं।
पारंपरिक पहाड़ी स्वाद के साथ आधुनिक शैली का मंडुवे का पिज्जा, एक अनोखा व्यंजन है जो मंडुवा (रागी) के उपयोग से तैयार होता है। यह स्वस्थ और स्वादिष्ट विकल्प है।
मंडुवा, जिसे रागी भी कहा जाता है, उत्तराखंड का सुपरफूड है जो पोषण से भरपूर है। यह विशेष रूप से हड्डियों की मजबूती और ऊर्जा के लिए अत्यंत लाभकारी है।
मंडुवा, जिसे वैज्ञानिक नाम Eleusine coracana के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यंत पौष्टिक अनाज है। यह विटामिन, कैल्शियम और आयरन का उत्कृष्ट स्रोत है और स्वास्थ्य के लिए अनेक लाभ प्रदान करता है।
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