हरिद्वार जिले के प्रमुख स्थल, मंदिर और तीर्थ (Major Sites, Temples and Pilgrimages of Haridwar District)

हरिद्वार जिले के प्रमुख स्थल, मंदिर और तीर्थ

हरिद्वार, भारतीय संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ कई प्राचीन मंदिर और तीर्थ स्थल हैं जो न केवल धार्मिक महत्त्व रखते हैं, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। आइए, हरिद्वार जिले के प्रमुख स्थलों पर एक नज़र डालते हैं:

1. मायादेवी शक्तिपीठ

यह प्राचीन शक्तिपीठ नगर के मध्य स्थित है। मान्यता है कि माता सती द्वारा हवन कुण्ड में प्राणाहुति देने पर उनकी देह को भगवान रुद्र ने पूरे विश्व में घुमाया। इस क्षेत्र में माता सती का धड़ गिरा था।

2. कुशावर्त घाट

हर की पैड़ी के दक्षिण में स्थित कुशावर्त घाट को वर्तमान स्वरूप और दत्तात्रेय के मंदिर का निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा कराया गया था। यहाँ गऊ घाट भी है, जो भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।

3. बिल्वकेश्वर महादेव

ललतारो पुल के समीप बिल्व पर्वत पर स्थित यह मंदिर शैलपुत्री उमा गौरी द्वारा शिव प्राप्ति हेतु तप करने के स्थान के रूप में प्रसिद्ध है। यह स्थान उनके द्वारा बिल्व (बेल) के पत्ते खाकर जीवन यापन करने के लिए भी जाना जाता है।

4. श्रवणनाथ मंदिर

हरिद्वार के मोती बाजार में स्थित श्रवणनाथ मंदिर में पारद शिवलिंग है, जो शुद्ध पारे से निर्मित है। यह मंदिर भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।

5. नीलेश्वर महादेव मंदिर

नीलपर्वत पर स्थित स्वयम्भू श्री नीलेश्वर महादेव मंदिर यहाँ के धार्मिक महत्व को दर्शाता है।

6. कनखल

कनखल में दक्ष प्रजापति की राजधानी है। यहाँ सतीघाट, श्री हरिहर मंदिर, सतीकुण्ड, तिलभाण्डेश्वर महादेव मंदिर, और प्राचीन विश्वकर्मा मंदिर प्रमुख हैं।

7. मनसा देवी मंदिर

बिल्व पर्वत के ऊपर स्थित यह मंदिर माँ मनसा को समर्पित है, जिन्हें वासुकी नाग की पत्नी माना जाता है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार श्रवणनाथ मठ के महंत शंतानंदनाथ ने कराया था।

8. चण्डी देवी मंदिर

नीलपर्वत पर स्थित इस मंदिर का विधिवत निर्माण 1886 में जम्मू के राजा सुचेत सिंह द्वारा करवाया गया था। यहाँ चैत्र चतुर्दशी को मेला लगता है।

9. काली माँ मंदिर

चंडीदेवी द्वार के पश्चिम में तरू गंगा के तट पर स्थित इस मंदिर का निर्माण गुरु अमरा ने संवत् 1858 में किया था।

10. सप्त ऋषि आश्रम

हर की पैड़ी के निकट सप्त ऋषियों की स्मृति में यह आश्रम स्थित है। मान्यता के अनुसार, यहाँ तपस्या करने वाले सात ऋषियों के कारण गंगा नदी सात धाराओं में विभक्त हुई थी।

11. नारायणी शिला

इस शिला की नक्काशी पुष्प जैसी है। कहा जाता है कि इसका आधा हिस्सा गया, बिहार में है।

12. चेहड़मल

यहाँ भूतों के राजा के रूप में जाने जाने वाले चेहड़मल का थान रूड़की के निकट तेलीवाला गांव में स्थित है। यहाँ प्रतिवर्ष मेले का आयोजन होता है।

13. गुग्घापीर या गुघाल की मजार

जहीर दीवान के रूप प्रसिद्ध यह मजार हिन्दु- मुस्लिम दोनों समुदायों के आराध्य हैं।

14. नौगजा पीर की मजार

यह मजार नौ गजों के साथ युद्ध स्थल में रहने के कारण "नौगजा" कहलाते हैं।

15. शाह विलायत पीर की मजार

1193 में बुखारा से भारत आए शाह विलायत की मजार यहाँ स्थित है।

16. जटाशंकर महादेव मंदिर

खानपुर में स्थित यह मंदिर घटोत्कच के जन्म स्थान के रूप में भी जाना जाता है।

अन्य प्रमुख स्थल

हरिद्वार जिले में अन्य प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी हैं, जैसे:

  • परमार्थ निकेतन
  • सुरेश्वरी देवी मंदिर
  • जयराम आश्रम
  • भारत माता मंदिर
  • दक्षेश्वर महादेव मंदिर
  • दूधाधारी बाबा का राम मंदिर
  • साक्षी गोपाल मंदिर
  • साधु बेला
  • पावन धाम

हरिद्वार का यह धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर इसे एक अनोखा और महत्वपूर्ण स्थल बनाती है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को इन स्थलों का दर्शन करने से न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि यह स्थान भारत की समृद्ध संस्कृति और धार्मिकता का प्रतीक भी है।



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