सूर्य देव को अर्घ्य: वैज्ञानिक एवं ज्योतिषीय लाभ - Offering water to Sun God: Scientific and astrological benefits
सूर्य देव को अर्घ्य: वैज्ञानिक एवं ज्योतिषीय लाभ
सूर्य देवता को जल अर्पित करना भारतीय परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सूर्य को जल देने का कारण क्या है और यह हमारी सेहत पर क्या प्रभाव डालता है? इस लेख में हम सूर्य देव को अर्घ्य देने के वैज्ञानिक और ज्योतिषीय लाभों के बारे में जानेंगे।
सूर्य देव का महत्व और जल अर्पित करने की परंपरा
सूर्य देवता का स्थान हमारे जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह जीवन शक्ति के स्रोत माने जाते हैं। शरीर में रंगों का प्रभाव भी स्वास्थ्य पर पड़ता है। जैसे त्वचा का रंग गेहूंआ, केशों का रंग काला और आंखों का रंग सफेद होता है, उसी प्रकार शरीर के विभिन्न अंगों में रंगों की विभिन्नता शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। जब इन रंगों की मात्रा शरीर में संतुलित होती है, तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
सूर्य की किरणों से मिलने वाले रासायनिक तत्व शरीर में जाकर असाध्य रोगों को दूर करने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति को खून की कमी हो, तो उसे सूर्य की रश्मियों से लाभ मिल सकता है क्योंकि सूर्य की किरणों में लाल रंग की विशेषता है, जो खून की कमी को दूर करने में मदद करती है।
इसके अलावा, सूर्योदय के समय सूर्य की लाल किरणों में बैठने से हृदय रोग, पीलिया, और अन्य आंतरिक रोगों में भी लाभ पाया जाता है। यह विशेष रूप से छोटे बच्चों के लिए फायदेमंद होता है, जिन्हें पीलिया जैसे रोग होते हैं। उन्हें सूर्योदय के समय सूर्य की रश्मियों में लिटाकर अल्ट्रावायलेट किरणों का लाभ दिया जाता है, जिससे शरीर के पिगमेंट सेल्स पर रासायनिक प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है।
सूर्य की रश्मियों में सात रंगों का योगदान
सूर्य की रश्मियों में सात रंग शामिल होते हैं और इन रंगों का स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव होता है:
- लाल रंग: यह ज्वर, खांसी, मलेरिया, सर्दी, जुकाम, सिर दर्द और पेट के विकारों में लाभकारी है।
- हरा रंग: यह स्नायुरोग, नाड़ी संस्थान के रोग, लिवर के रोग और श्वास रोगों को दूर करने में सहायक है।
- पीला रंग: चोट, घाव, रक्तस्राव, उच्च रक्तचाप, दिल के रोग, और अतिसार में लाभकारी है।
- नीला रंग: यह दाह, अपच, मधुमेह आदि में लाभकारी है।
- बैंगनी रंग: श्वास रोग, सर्दी, खांसी, मिर्गी और दांतों के रोग में सहायक है।
- नारंगी रंग: वात रोग, अम्लपित्त, अनिद्रा और कान के रोगों को दूर करता है।
- आसमानी रंग: स्नायू रोग, यौन रोग, सरदर्द, सर्दी-जुकाम में सहायक है।
इन रंगों के प्रभाव से हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। रोजमर्रा के जीवन में अपने कपड़ों, परिवेश और रंगों का चयन इन रंगों के अनुसार करने से हम अनेक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
सूर्य देव को अर्घ्य देने का ज्योतिषीय महत्व
सूर्य देवता को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। यह कार्य विशेष रूप से रविवार और सप्तमी तिथि को किया जाता है। रविवार सूर्य देव का दिन माना जाता है और सप्तमी तिथि में सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, आयु, धन, यश और समृद्धि प्राप्त होती है।
सूर्य देव को अर्घ्य देने की विधि:
- तांबे का पात्र लें।
- उसमें लाल चन्दन, लाल पुष्प, और अक्षत डालकर सूर्य मंत्र का जाप करते हुए जल अर्पित करें।
- तीन बार अर्घ्य देकर सूर्य देव को प्रणाम करें।
- यह अर्घ्य भगवान सूर्य को प्रसन्न करता है और उनकी कृपा से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और लंबी उम्र मिलती है।
सूर्य देव की कृपा पाने के लिए सूर्य के उगते वक्त जल अर्पित करना विशेष लाभकारी होता है। सूर्य की रश्मियों में बैठकर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना भी हृदय रोगियों के लिए लाभकारी है।
सूर्य देव की उपासना के अन्य उपाय
- गुड़ और चावल नदी में प्रवाहित करें, इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
- तांबे के सिक्के को नदी में प्रवाहित करना भी शुभ माना जाता है।
- सूर्य मंत्र का जाप नियमित रूप से करें:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
- ॐ घृणि सूर्याय नम:।।
- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।।
- ॐ ह्रीं घृणि सूर्य आदित्य श्रीं ओम्।
- ॐ आदित्याय विद्महे मार्तण्डाय धीमहि तन्न सूर्य: प्रचोदयात्।
- ऊं घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।। (यह मंत्र दो बार दिया गया है)
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
सूर्य देव की उपासना से हम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं, बल्कि सामाजिक और कैरियर में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। सूर्य की रश्मियाँ हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं और हमें निरोगी और दीर्घायु बनाती हैं।
निष्कर्ष: सूर्य देवता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनका अर्घ्य देना एक प्रभावी उपाय है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी यह व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।
Frequently Asked Questions (FAQs)
1. सूर्य देव को अर्घ्य देने का महत्व क्या है?
सूर्य देव को अर्घ्य देने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। इससे शरीर को सूर्य की किरणों के लाभ मिलते हैं, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करते हैं बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करते हैं।
2. सूर्य को अर्घ्य देने का सही तरीका क्या है?
सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तांबे के पात्र में जल, लाल चंदन, पुष्प, और अक्षत डालकर अर्पित करें। इस दौरान सूर्य मंत्र का जाप करें और सूर्योदय के समय सूर्य की किरणों में स्नान करना लाभकारी माना जाता है।
3. सूर्य देव को जल अर्पित करने से कौन से रोग ठीक होते हैं?
सूर्य देव की किरणों से कई रोग ठीक होते हैं जैसे हृदय रोग, पीलिया, और अन्य असाध्य रोग। खासकर, पीलिया के मरीजों को सूर्योदय के समय सूर्य की किरणों में स्नान कराना फायदेमंद होता है।
4. सूर्य देव के कौन से रंग से कौन से रोग ठीक होते हैं?
सूर्य देव के विभिन्न रंगों से अलग-अलग प्रकार के रोगों का इलाज होता है:
- लाल रंग - ज्वार, मलेरिया, सिरदर्द, पेट के विकार
- हरा रंग - लिवर के रोग, श्वास रोग
- पीला रंग - उच्च रक्तचाप, दिल के रोग
- नील रंग - दाह, अपच, मधुमेह
- बैंगनी रंग - श्वास रोग, मिर्गी
- नारंगी रंग - वात रोग, अनिद्रा
5. सूर्य देव को कौन से मंत्र अर्पित करें?
सूर्य देव को अर्पित करने के लिए कुछ प्रभावी मंत्र निम्नलिखित हैं:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।
- ॐ घृणि सूर्याय नम:।
- ॐ आदित्याय विद्महे मार्तण्डाय धीमहि तन्न सूर्य: प्रचोदयात्।
6. सूर्य देव को अर्घ्य देने से जीवन में क्या लाभ होते हैं?
सूर्य देव को अर्घ्य देने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह सूर्य के प्रभाव को शरीर में बढ़ाता है, जिससे जीवन में समृद्धि, शांति और सफलता आती है।
7. क्या सूर्य देव को जल अर्पित करने से धन लाभ होता है?
जी हां, सूर्य देव को जल अर्पित करने से न केवल शारीरिक लाभ होते हैं, बल्कि यह व्यक्ति को धन, सुख और समृद्धि भी प्रदान करता है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
8. सूर्य देव को जल अर्पित करने का सही समय क्या है?
सूर्य देव को अर्घ्य देने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय के समय होता है। यह समय सबसे शुभ और प्रभावी माना जाता है, जब सूर्य की किरणें सीधे और शुद्ध रूप में मिलती हैं।
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