श्री सूर्य स्तवराज (shri surya stavaraj)

श्री सूर्य स्तवराज

प्रस्तावना: श्री सूर्य देव के महत्त्व को समझते हुए, इस लेख में हम सूर्य के “महामन्त्र” का वर्णन करेंगे, जिसे पद्यपुराणीय आदिदेव महादेव जी ने षडानन-स्कन्द को उपदेशित किया था। यह मन्त्र न केवल जीवन में सुख-शांति और स्वास्थ्य लाता है, बल्कि यह सूर्य देव के महान गुणों को भी उजागर करता है।

मन्त्र: ॐ नमः सहस्त्रबाह्े आदित्याय नमो नमः।
नमस्ते पद्यहस्ताय वरुणाय नमो नमः।
नमस्तिमिरनाशाय श्रीसूर्याय नमो नमः।
नमः सहस्त्रजिद्ाय भानवे च नमो नमः।
त्वं च ब्रह्मा, त्वं च विष्णु रुद्रस्त्वं च नमो नमः।
त्वमग्निस्सर्वभूतेषु वायुस्त्वं च नमो नमः।
सर्वगः सर्वभूतेषु न हि किचित्त्वया विना।
चराचरे जगत्यस्मिन्‌ सर्वदेहे व्यवस्थितः।

मन्त्र का अर्थ और महत्त्व: इस मन्त्र में सूर्य देव की महिमा और उनकी विविध शक्तियों का वर्णन किया गया है। इसमें सूर्य को ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र, अग्नि और वायु के रूप में पूजने का आग्रह किया गया है। यह मन्त्र मानव जीवन को समृद्ध, सुखी और निरोग बनाने की शक्ति रखता है।

श्री सूर्य स्तवराज की महिमा: श्री सूर्य देव का स्तवराज न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह धन, यश, और समृद्धि भी प्रदान करता है। यह मन्त्र तीनों लोकों में प्रसिद्ध है और इसके प्रभाव से शरीर में व्याधियाँ समाप्त होती हैं, धन में वृद्धि होती है, और व्यक्ति यशस्वी बनता है।

साम्ब का अनुभव: एक समय की बात है, भगवान् श्री कृष्ण के पुत्र साम्ब, जो एक गंभीर रोग से पीड़ित थे, ने सूर्य देव की स्तुति के लिए इस स्तवराज का पाठ शुरू किया। उनकी स्थिति देखकर सूर्य देव ने स्वप्न में दर्शन दिए और उन्हें यह स्तवराज पढ़ने की सलाह दी। साम्ब ने विधिपूर्वक इसका पाठ किया और न केवल शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त किया, बल्कि वह मानसिक शांति और सुख भी अनुभव करने लगे।

स्तवराज के लाभ:

  1. शरीर आरोग्य: यह मन्त्र शरीर को रोगमुक्त करता है और स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
  2. धन वृद्धि: इससे धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
  3. यश व कीर्ति: व्यक्ति को समाज में प्रतिष्ठा और सम्मान मिलता है।
  4. पाप नाश: यह मन्त्र पापों का नाश करने वाला है और मानसिक शांति प्रदान करता है।

उपयोग: सूर्य स्तवराज का पाठ प्रातः और संध्या समय किया जाता है। संध्योपासन, धूप, हवन, अर्घ्य और बलि प्रदान करते समय इस मन्त्र का उच्चारण करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। यह मन्त्र व्यक्ति के शरीर, वाणी और मन से किए गए सभी पापों को नष्ट करता है।

निष्कर्ष: श्री सूर्य स्तवराज एक अत्यंत प्रभावी मन्त्र है, जो न केवल शारीरिक व्याधियों से मुक्ति प्रदान करता है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति भी लाता है। यदि इसे सही तरीके से पढ़ा जाए और इसके प्रभावों को समझा जाए, तो यह जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।

अंतिम शब्द: यह स्तवराज न केवल स्वास्थ्य के लिए, बल्कि जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने के लिए उपयोगी है। इसे नियमित रूप से जाप करने से मनुष्य जीवन में आ रही समस्याओं का समाधान पाया जा सकता है।

श्री सूर्य स्तवराज के लिए FQCs (Frequently Queried Concepts):

  1. श्री सूर्य स्तवराज क्या है?
    श्री सूर्य स्तवराज एक प्राचीन वैदिक स्तोत्र है, जिसमें सूर्य देव के दिव्य गुणों और शक्तियों का वर्णन किया गया है। इसे पद्यपुराण में वर्णित किया गया है और यह शरीर, मन, और आत्मा के शुद्धिकरण के लिए उपयोगी है।

  2. सूर्य स्तवराज के मन्त्र का महत्त्व क्या है?
    यह मन्त्र सूर्य देव की महिमा, उनके रचनात्मक, पालनकर्ता और संहारक रूपों का वर्णन करता है। इसके जप से रोग, पाप, और मानसिक अशांति का नाश होता है।

  3. सूर्य स्तवराज का जाप कब और कैसे करें?
    इस मन्त्र का जाप प्रातःकाल सूर्य को अर्घ्य देने के समय, संध्या उपासन के दौरान, या विशेष पूजा विधियों में किया जाता है। शुद्ध मन और समर्पण से इसका पाठ करें।

  4. श्री सूर्य स्तवराज का अर्थ क्या है?
    इस स्तवराज में सूर्य देव को ब्रह्मा, विष्णु, और रुद्र के रूप में वर्णित किया गया है। इसमें उनकी सर्वव्यापकता, ऊर्जा, और शक्तियों का गुणगान किया गया है।

  5. सूर्य स्तवराज के लाभ क्या हैं?

    • स्वास्थ्य और आरोग्यता में सुधार
    • धन, यश, और समृद्धि की प्राप्ति
    • मानसिक शांति और पापों का नाश
    • जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता का संचार
  6. क्या सूर्य स्तवराज केवल स्वास्थ्य के लिए है?
    नहीं, यह शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक कल्याण के लिए है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति और जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति प्रदान करता है।

  7. साम्ब का अनुभव सूर्य स्तवराज से कैसे जुड़ा है?
    श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब ने सूर्य स्तवराज का पाठ करके अपने गंभीर रोग से मुक्ति पाई और स्वस्थ व सुखी जीवन व्यतीत किया।

  8. क्या सूर्य स्तवराज का पाठ किसी विशेष पूजा में किया जाता है?
    हां, इसे सूर्योपासना, धूप, हवन, और विशेष अनुष्ठानों के दौरान पढ़ा जाता है।

  9. सूर्य स्तवराज का प्रभाव कब तक रहता है?
    नियमित पाठ और समर्पण के साथ, इसका प्रभाव दीर्घकालिक होता है। यह जीवन में स्थायी सकारात्मक बदलाव लाता है।

  10. क्या सूर्य स्तवराज आधुनिक जीवन में भी प्रासंगिक है?
    बिल्कुल, आज के समय में शारीरिक और मानसिक तनाव को दूर करने, सकारात्मक ऊर्जा पाने, और जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए यह स्तोत्र अत्यधिक उपयोगी है।

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