उत्तराखंड सामान्य ज्ञान: इतिहास, संस्कृति और प्रकृति से जुड़े अनमोल तथ्य

उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है — यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी प्राकृतिक विविधता, ऐतिहासिक विरासत और सांस्कृतिक परंपराएं भी इसे विशेष बनाती हैं। इस लेख में हम उत्तराखंड से जुड़े ऐसे रोचक तथ्यों का संकलन प्रस्तुत कर रहे हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताओं, और उत्तराखंड प्रेमियों के लिए बेहद उपयोगी हैं।
🏞️ भूगोल और स्थान विशेष
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पंचगांई (पाँच गाँव) — उत्तरकाशी जिले से संबंधित है।
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दशौलीगढ़ — चमोली जिले में स्थित था।
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मुन्दौली — चमोली जनपद में स्थित है।
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नंधौर वाइल्डलाइफ सेंचुरी — गोला और शारदा नदियों के बीच फैली हुई है।
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जार्ज एवरेस्ट हाउस पार्क — मसूरी, 172.91 एकड़ क्षेत्र में फैला।
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दूधातोली, खिर्रा, घोड़ीखाल — पौड़ी जिले के प्रसिद्ध स्थान।
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गरुड़ — गोमती नदी के किनारे बसा हुआ है।
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बाजपुर — धूमा नदी के किनारे स्थित है।
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गोरा पड़ाव — हल्द्वानी में स्थित स्थान।
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प्रसिद्ध श्रीकोट मंदिर — डीडीहाट (पिथौरागढ़) में स्थित।
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प्रसिद्ध मोहन जोशी पार्क — अल्मोड़ा में स्थित।
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आशियाना पार्क — रानीखेत में स्थित है।
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सारस संस्था — खटीमा, उधमसिंह नगर में स्थित है।
- उत्तराखंड के प्रमुख साहित्यकार
- गढ़वाली और कुमाऊँनी कविता संग्रह
- उत्तराखंड और बॉलीवुड
- कुमाऊँनी लोक साहित्य
- उत्तराखंड का इतिहास
- उत्तराखंड के प्रसिद्ध त्योहार
- उत्तराखंड के सभी राष्ट्रीय उद्यान
🏔️ नदियाँ, घाटियाँ और जलप्रपात
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पंचेश्वर की पाँच नदियाँ — काली, गोरी, धौली, रामगंगा और सरयू।
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नयार नदी — पौराणिक ग्रंथों में साणी और खीरगंगा के नाम से वर्णित।
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द्वैज्यूलीगाड़ व स्यूंसी गाड़ — क्रमशः पश्चिमी नयार व पूर्वी नयार के अन्य नाम।
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सप्तसिंधु सन्दर्भ में — नयार नदी को नवालिका कहा गया है।
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वसुन्धरा प्रपात (माणा) — ऊँचाई 112 मीटर।
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ज्योधार ग्लेशियर व वारसू घाटी — उत्तरकाशी में स्थित हैं।
🏡 सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक विशेषताएं
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पंज्वारी (पंचजोहारी) — पिथौरागढ़ की जोहारी जनजाति से जुड़ा शब्द।
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पंचभैया खाल — पौड़ी जिले से संबंध, पाँच भाइयों का स्मारक।
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गढ़वाल में पहरी — पासवान कहा जाता है।
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पाखा — नदी पार करने का पारंपरिक साधन।
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रिंधर — उत्तरकाशी की सामाजिक संस्था।
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खलंगा (गोरखा भाषा) — सैन्य शिविर का अर्थ।
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राज्य का सांस्कृतिक पोर्टल — हिंदी, संस्कृत, कुमाऊँनी और गढ़वाली भाषा के संरक्षण हेतु।
🧘♂️ धार्मिक व आध्यात्मिक स्थल
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जय राम आश्रम (हरिद्वार) — सांस्कृतिक क्रियाकलापों हेतु प्रसिद्ध।
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देहरादून का लाडला फकीर — राम स्वरुप नकोटी।
📖 साहित्य, लोककला और संगीत
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गौरी गुटका (काव्य संग्रह) — गौरी दत्त पाण्डे 'गौर्दा' द्वारा रचित।
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रम्माण लोक जागर — एकमात्र गायक थान।
🛠️ परंपरागत उपकरण व तकनीक
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खस्याला — लोहे से निर्मित पारंपरिक आखेट यंत्र।
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रूफ टॉप हार्वेस्टिंग — बरसाती जल संचयन की आधुनिक विधि।
🏞️ वन, पर्यावरण और कृषि
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वेदनी बुग्याल — सबसे बड़ा बुग्याल, ऊँचाई 3300 मीटर।
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चारागाह की भूमि — बुण्या भूमि के नाम से जानी जाती है।
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जड़ी-बूटी विकास योजना — 1972 में शुरू हुई।
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कालागढ़ बांध — चतुर्थ पंचवर्षीय योजना में पूर्ण हुआ।
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वन पंचायत हेतु नियम — 01 अगस्त 1934 से लागू।
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वन भूमि क्षेत्र — 38,000 किमी²
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कुमाऊँ मंडल का वन क्षेत्र — 40.30%
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गढ़वाल मंडल का वन क्षेत्र — 59.70%
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सर्वाधिक वन भूमि वाली घाटियाँ — टोंस, कोसी और यमुना नदी घाटियाँ।
📅 तिथियाँ और ऐतिहासिक घटनाएं
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पौड़ी-श्रीनगर मोटर मार्ग — 1944 में बना।
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देहरादून नगर निगम — 9 दिसंबर 1998 को घोषित।
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काठगोदाम रेलवे स्टेशन — 24 अप्रैल 1884 को प्रारंभ।
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लोहाघाट में रामकृष्ण शांति मठ — 1901, स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित।
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घराटों पर सरकारी कर — 1922 में लगाया गया।
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उत्तराखंड पृथक राज्य आंदोलन — असंतुलित विकास और पिछड़ापन मुख्य कारण।
👨👩👦👦 प्रमुख व्यक्तित्व
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चन्द्र सिंह गढ़वाली के पिता — जाथली सिंह भण्डारी।
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पं. गोविन्द बल्लभ पंत के पिता — मनोरथ पंत।
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वी.सी. साहेब — दरबार सिंह नेगी।
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प्रौबी काटले — आधुनिक भगीरथ कहे जाते हैं।
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लवराज सिंह धर्मशक्तू — 2014 में पद्मश्री सम्मान मिला।
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कमिश्नर ट्रेल — कार्यकाल: अगस्त 1817 से 1835 तक।
📚 पौराणिक और ग्रंथ आधारित तथ्य
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ऋग्वेद में मंदाकिनी नदी — कुम्भा नाम से वर्णित।
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हर्षचरित — हिमालय क्षेत्र को तुषारशैल या श्रीपर्वत कहा गया है।
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