Famous festival of Uttarakhand?

उत्तराखंड का सबसे प्रसिद्ध त्योहार कौन सा है?

उत्तराखंड अपनी अनोखी संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है, जहाँ कई प्रसिद्ध लोक पर्व और धार्मिक त्योहार मनाए जाते हैं। आइए जानते हैं, उत्तराखंड के कुछ प्रमुख और अनोखे त्योहारों के बारे में जो यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर को सजीव रखते हैं:


1. फूलदेई (Phuldei)

फूलदेई उत्तराखंड का एक प्रमुख लोक पर्व है जिसे मुख्यतः बच्चे मनाते हैं। चैत्र मास की प्रथम तिथि को, छोटे बच्चे सुबह-सुबह घर-घर जाकर फूल डालते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इस पर्व को 'लोक बाल पर्व' भी कहा जाता है क्योंकि यह मुख्यतः बच्चों द्वारा मनाया जाता है।


जय देवभूमि: फूलदेई और अन्य प्रेरक विषय

2. कुंभ मेला

कुंभ मेला उत्तराखंड के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। यह विश्व में तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा जमावड़ा है, जहाँ लाखों लोग गंगा नदी में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पाने की कामना करते हैं। हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेला धार्मिक आस्था का प्रतीक है और इसे उत्तराखंड का सबसे लोकप्रिय पर्व माना जाता है।


3. उत्तरायणी मेला (Uttarayani Mela)

उत्तरायणी मेला उत्तराखंड का एक प्राचीन मेला है, जो बागेश्वर में सरयू-गोमती और सुप्त भागीरथी के संगम तट पर आयोजित होता है। इस मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक अनुष्ठान और व्यापारिक गतिविधियाँ होती हैं। यह मेला स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का सुंदर प्रदर्शन करता है।


4. ईगास बग्वाल (Igas Bagwal)

उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण लोक पर्व ईगास बग्वाल या बूढ़ी दिवाली है। यह पर्व दीपावली के 11 दिन बाद मनाया जाता है और इसमें गाय और बैल की पूजा की जाती है। इस दिन पारंपरिक भैलो (मशालें) जलाने की प्रथा भी है जो इस पर्व को विशेष बनाती है।


5. घुघुतिया (Ghughutiya) - कुमाऊं का त्योहार (लोकपर्व घुघुति,)

उत्तरायणी पर्व: उत्तराखंड की धरोहर

उत्तरायणी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

उत्तरायणी पर्व उत्तराखंड के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, जो मकर संक्रांति के अवसर पर मनाया जाता है। यह त्यौहार प्रकृति और मानव के अटूट संबंध को दर्शाता है।

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मकर संक्रांति: पर्व की शुभकामनाएं

उत्तरायणी के साथ ही उत्तराखंड में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। यह त्योहार सुख, समृद्धि, और सौहार्द का प्रतीक है।

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उत्तरायणी मेले का इतिहास

उत्तरायणी मेला उत्तराखंड की सांस्कृतिक समृद्धि और परंपराओं का प्रतीक है। यह मेला मेलजोल और सांस्कृतिक उत्सवों का अद्भुत संगम है।

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उत्तरायणी पर्व और लोक परंपराएं

उत्तरायणी पर्व उत्तराखंड की अद्वितीय लोक परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं को उजागर करता है। इस अवसर पर दान और पुण्य का विशेष महत्व है।

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उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मकर संक्रांति पर 'घुघुतिया' त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बच्चों को आटे के बने विशेष व्यंजन घुघुते दिए जाते हैं, जो कौवों को खिलाए जाते हैं। बच्चे कौवों को बुलाते हुए कहते हैं, "काले कौवा काले, घुघुति माला खा ले।" यह त्योहार कुमाऊं में विशेष रूप से लोकप्रिय है।


6. रम्माण (Ramman) - गढ़वाली पर्व

रम्माण एक धार्मिक त्योहार और अनुष्ठान नाट्य है जो गढ़वाल के चमोली जिले के सलूर डुंगरा गाँव में मनाया जाता है। यह पर्व यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों में भी शामिल है और गढ़वाल क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।


7. झंडा मेला (Jhanda Ji Mela) - देहरादून का प्रसिद्ध पर्व

देहरादून में होली के पाँचवें दिन 'झंडा मेला' आयोजित होता है। यह मेला गुरु रामराय महाराज की याद में मनाया जाता है और इसे देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु देहरादून आते हैं।


भिटौली: उत्तराखंड का एक प्रमुख पर्व

भिटौली उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में मनाया जाने वाला एक विशेष लोक पर्व है। यह पर्व मुख्यतः कुमाऊं क्षेत्र में मनाया जाता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। भिटौली का आयोजन खासतौर पर मकर संक्रांति के समय होता है। इस दिन, लोग घर-घर जाकर एक-दूसरे को तिल और गुड़ की भेटी (भिटौली) देते हैं। इसे सौहार्द और मेल-मिलाप का प्रतीक माना जाता है।

भिटौली का मुख्य उद्देश्य एक-दूसरे के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखना और प्यार बढ़ाना है। इस दिन को लेकर कई तरह की मान्यताएँ और परंपराएँ हैं, जो उत्तराखंड की लोक संस्कृति को जीवित रखते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी समुदाय को जोड़ने का काम करता है।

उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति और जीवनशैली को समझने के लिए भिटौली जैसे लोक पर्वों का महत्व बहुत अधिक है, जो लोगों को एकजुट करने का कार्य करते हैं।

भिटौली और उत्तराखंड की लोक संस्कृति

उत्तराखंड के प्रमुख मेले और उत्सवों की सूची

अल्मोड़ा

  1. बिनाथेश्वर मेला
  2. जागेश्वर का श्रावणी मेला
  3. सोमेश्वर मेला
  4. नंदा देवी मेला
  5. स्याल्दे बिखौती मेला
  6. गणनाथ मेला
  7. जैंती मेला
  8. भनोली मेला
  9. गिर का कौथिग मेला
  10. बापू खगोल मेला

बागेश्वर

  1. उत्तरायणी मेला
  2. नागनाथ मेला
  3. वैद्यनाथ मेला
  4. सनीगाड़ मेला
  5. गंगा दशहरा
  6. बागेश्वर उत्तरायणी
  7. नागेश्वर उत्सव
  8. शिखर भनार उत्सव
  9. धौली नाल उत्सव
  10. वासुकी नाल उत्सव
  11. नागपुरी उत्सव
  12. कोट भ्रामरी उत्सव
  13. सनेती मेला

नैनीताल

  1. नंदा देवी मेला (अल्मोड़ा + नैनीताल)
  2. शीलावती मेला
  3. चित्रशिला मेला
  4. हरियाली मेला
  5. फूल सग्यान
  6. लुखाम उत्सव
  7. सीवनी उत्सव
  8. नागो उत्सव
  9. नंदा अष्टमी
  10. जिया रानी का मेला (रानीबाग)
  11. जौ सग्यान
  12. उत्तरायणी मेला

पिथौरागढ़

  1. जौलजीवी मेला
  2. थल मेला
  3. गबला देव मेला
  4. छलिया मेला
  5. मोस्टामानू मेला
  6. गंगावली महोत्सव
  7. रामेश्वर मेला
  8. बेरीनाग मेला
  9. पुष्कर नाग मेला
  10. हाटकाली उत्सव
  11. गढ़मेश्वर उत्सव
  12. थल केदार उत्सव
  13. जुमली महोत्सव
  14. कण्डाली मिर्थी उत्सव
  15. छुरमल पुजाई महोत्सव
  16. होलग्या मेला
  17. छिपला केदार मेला

देहरादून

  1. विस्सू मेला
  2. महासू मेला
  3. जागड़ा महोत्सव
  4. वजट महोत्सव
  5. नूणाई मेला
  6. जखोली मेला
  7. धाचानू मेला
  8. क्वानू मेला
  9. नखौली मेला
  10. शहीद केसरी चंद्र मेला
  11. टपकेश्वर मेला
  12. दशहरा पर्यटन मेला (लखवाड़)
  13. खलंगा मेला
  14. चित्रशिला कालसी
  15. भद्राज मेला
  16. झंडा मेला

हरिद्वार

  1. कुंभ मेला
  2. पिरान कलियर मेला
  3. उर्स मेला

चमोली

  1. कुलसारी मेला
  2. रम्माण उत्सव मेला
  3. हरियाली पूड़ा मेला
  4. शहीद भवानी दत्त जोशी मेला
  5. गौचर मेला
  6. नंदा देवी उत्सव
  7. हिमालय महोत्सव
  8. बसंत बुराँस मेला

टिहरी गढ़वाल

  1. शहीद नागेंद्र सकलानी मेला
  2. सुरकंडा मेला
  3. कुंज्जापुरी मेला
  4. बैकुंठ चतुर्दशी मेला
  5. नाग टिब्बा मेला
  6. घंडियाल उत्सव

उत्तरकाशी

  1. नागराज देवता मेला
  2. खिर्स द्वितीय मेला
  3. खरसाली मेला
  4. माघ मेला
  5. हरूणी मेला

पौड़ी गढ़वाल

  1. वीर चंद्रसिंह गढ़वाली मेला
  2. ताड़केश्वर मेला
  3. गंगवाडस्यु मेला
  4. खदड़िया मेला
  5. बिनसर महादेव मेला

रुद्रप्रयाग

  1. झल्ली महोत्सव
  2. कार्तिक स्वामी मेला
  3. बैशाखी मेला

चंपावत

  1. पूर्णागिरी मेला
  2. बग्वाल मेला
  3. गोरा अरावली मेला

उधमसिंहनगर

  1. शहीद उधमसिंह महोत्सव
  2. चैती मेला
  3. अटरिया मेला

यह सूची उत्तराखंड की सांस्कृतिक विविधता और पारंपरिक मेलों की एक झलक प्रदान करती है।

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