उत्तराखण्ड के महत्वपूर्ण तथ्य: इतिहास, संस्कृति और समाज से जुड़ी जानकारी
उत्तराखण्ड न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह ऐतिहासिक घटनाओं, सांस्कृतिक धरोहरों और समृद्ध परंपराओं का केंद्र भी है। इस पोस्ट में हम उत्तराखण्ड से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डालेंगे, जिन्हें हर उत्तराखण्डवासी को जानना चाहिए।

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📍 उत्तराखण्ड के ऐतिहासिक स्थल और घटनाएँ
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हिमालय एक्शन रिसर्च सेंटर की स्थापना – 1988 में
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गढ़वाल में पहली बार रात्रि क्रिकेट मैच खेला गया – श्रीनगर में
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स्वामी रामतीर्थ स्मृति ग्रंथ – भक्त दर्शन का
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उर्ध्वमुखी वाद्ययंत्र – सुषिर
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नील नदी का वृक्ष – हिमांशु जोशी की कविता संग्रह है
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दलित उद्धार के लिए बप्पा हॉस्टल की स्थापना – अमृत लाल बिट्ठलदास ने टिहरी में
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राज्य में चाय की खेती को प्रोत्साहित किया – 1835, रायले ने
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चाय की खेती का श्रेय – विषप हेवर को, 1824 में
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लॉर्ड कर्जन ने कुमाऊं की यात्रा की – 1903 में, रानीखेत
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कुमाऊं परिषद के 4 अधिवेशन में कुली बेगारी खत्म करने का निर्णय लिया गया – काशीपुर में
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इस अधिवेशन की अध्यक्षता की थी – हरगोविंद ने
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तुंगनाथ मंदिर स्थित है – चन्द्रशिला पर्वत पर
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हिमगंगा नदी का उद्गम – हेमकुण्ड साहिब
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व्यक्तिगत सत्याग्रह के लिए पहली बैठक – 1940, डांडा मंडी में हुई, जिसकी अध्यक्षता की थी कृष्णा रावत ने
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उत्तराखण्ड की पहली महिला सत्याग्रही – भागीरथी देवी
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उत्तराखण्ड का पहला पुरुष सत्याग्रही – जगमोहन नेगी
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गांधी जी ने उत्तराखण्ड में व्यक्तिगत सत्याग्रह पर प्रतिबंध क्यों लगाया था – डोला पालकी कुप्रथा के कारण
🌱 उत्तराखण्ड की प्रमुख आंदोलन और पहल
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गौरा देवी का संबंध – चिपको आन्दोलन से
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उत्तराखण्ड में स्पर्श गंगा अभियान की ब्राण्ड अंबेसडर – हेमा मालिनी
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उत्तराखण्ड राज्य में अधिकतम नगरीय जनसंख्या वाला शहर – देहरादून
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ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाले उत्तराखण्ड के पहले कवि – सुमित्रानन्दन पन्त (1968)
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भारत छोड़ो आंदोलन को – स्वस्फूर्त क्रान्ति कहा गया था
🏞️ उत्तराखण्ड के प्रमुख स्थल और जगहें
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उत्तराखण्ड के 'कुमाऊं मण्डल' में जनपद की संख्या – 6 जनपद
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उत्तराखण्ड के 'गढ़वाल मण्डल' में जनपद की संख्या – 7 जनपद
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टनकपुर का पुराना नाम – ग्रास्टीनगंज
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कालिदास का जन्मस्थल – कालीमठ को माना जाता है
🏆 खेल और पुरस्कार
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अभिनव बिंद्रा ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार जीता – 2002 में
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उत्तराखण्ड के 'कुमाऊं मण्डल' में कितने जनपद हैं – 6 जनपद
📚 निष्कर्ष
उत्तराखण्ड, अपने ऐतिहासिक तथ्यों, सांस्कृतिक धरोहर और समाज के लिए किए गए आंदोलनों में एक अनमोल धरोहर है। यह राज्य न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है, बल्कि यहां की संस्कृतियों, आंदोलनों और ऐतिहासिक घटनाओं का महत्व भी असीमित है। ऐसे तथ्यों का ज्ञान न केवल हमारी पहचान को मजबूत करता है बल्कि हमें अपने राज्य के गौरवशाली इतिहास का हिस्सा बनने का भी गर्व मिलता है।
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