उत्तराखंड सामान्य ज्ञान: इतिहास, संस्कृति, परंपरा और गौरवशाली तथ्य

परिचय:
उत्तराखंड न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और तीर्थ स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसका इतिहास, परंपरा, शिक्षा, संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान भी अत्यंत गौरवशाली रहा है। इस लेख में हम उत्तराखंड से जुड़ी ऐसी रोचक और महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा कर रहे हैं जो न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी हैं, बल्कि एक जागरूक उत्तराखंडी के रूप में जानना भी आवश्यक है।
शिक्षा और विज्ञान से जुड़े तथ्य
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विश्व रिकॉर्ड व्याख्यान: ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के शिक्षक अरविंद मिश्रा ने 139 घंटे 42 मिनट 49 सेकंड तक व्याख्यान देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
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मिशन गंगा शोध संस्थान: रुड़की में खोला गया।
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विज्ञान धाम: देहरादून में स्थित।
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प्रदेश में संस्कृत अकादमी: हरिद्वार में।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तथ्य
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गढ़वाल का सबसे पुराना ताम्रपत्र: देवप्रयाग, रघुनाथ मंदिर से प्राप्त हुआ।
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कुमाऊं नाम की उत्पत्ति: कुर्मांचल व कुंमू के अपभ्रंश से।
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गढ़वाल का दानवीर कर्ण: घनानंद खंडूरी को कहा जाता है।
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कठुवा: ब्राह्मण दासों को कहा जाता था।
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कुमाऊं में न्याय की देवी: जियारानी के रूप में पूजी जाती हैं।
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शिव को समर्पित अमरनाथ जैसा बर्फ शिवलिंग: चमोली के टिम्मरसैण में स्थित है।
धार्मिक और तीर्थ स्थल
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रुद्रशिव मंदिर: गोपेश्वर, चमोली में स्थित।
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कुमाऊं में केदार-बद्री मंदिर: द्वाराहाट, अल्मोड़ा में।
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पंचकेदार में पाँचवां केदार: कल्पनाथ को माना जाता है।
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रेतस, हंस, उदक, अमृत, हवन कुण्ड: केदारनाथ के पंचकुंड माने जाते हैं।
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शीतकाल में बद्रीविशाल दर्शन: नरसिंह मंदिर, जोशीमठ में।
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पशुओं के देवता मंदिर: चौमुंह (चंपावत)।
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वीरनेश्वर मंदिर: अल्मोड़ा में।
इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम
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1857 की क्रांति: उत्तराखंड में पहला प्रभाव 27 जून 1857, मल्लाकोट (कुमाऊं) में।
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झंडा सत्याग्रह नेतृत्व: मोहन जोशी (अल्मोड़ा)।
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भारती भवन: मुकुंदीलाल का घर।
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स्वतंत्रता के समय कुमाऊं के कमिश्नर: डब्ल्यू डब्ल्यू फिनले।
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आजाद हिन्द फौज में उत्तराखंड के सैनिकों का प्रतिशत: 12%।
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उंटी बैंक डकैती में क्रांतिकारी: बच्चूलाल भट्ट।
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1938 श्रीनगर कांग्रेस अधिवेशन: अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू।
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प्रेम विद्यालय ताड़ीखेत: भगीरथ पांडे द्वारा स्थापना।
अन्य ऐतिहासिक तथ्य
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पलेठी शिलालेख: देवप्रयाग के पास कल्याण वर्मन के राज्य का उल्लेख।
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जागृत गढ़वाल सभा स्थापना: 1939।
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उत्तराखंड की 30 सदस्यीय अंतरिम विधानसभा का पहला सत्र: 2001।
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उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड गठन: 17 अगस्त 2002।
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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA): उत्तराखंड निर्माण के समय केंद्र में।
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श्रीनगर में कांग्रेस अधिवेशन: 1938।
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26 जनवरी 1930 तिरंगा फहराया गया: टिहरी रियासत।
लोक जीवन, मेले, और परंपराएं
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हिमालय उत्सव: चमोली का नौठा मेला।
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वारुणी यात्रा की दूरी: 15 किमी (उत्तरकाशी)।
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भद्रवानी: सोयाबीन से बनी विशेष नमकीन।
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कंडाली त्योहार: पिथौरागढ़ (हर 12 वर्ष)।
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जौलजीवी मेला (1914): गजेन्द्र बहादुर पाल द्वारा शुरू किया गया।
प्राकृतिक और भौगोलिक जानकारी
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नीलगिरी क्षेत्र: बागेश्वर।
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फांसी गदेरा: नैनीताल में।
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जलना (अल्मोड़ा): विभिन्न फलों के लिए प्रसिद्ध।
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मानसखण्ड गोमती संगम: तीर्थराज प्रयाग कहा जाता है।
रोचक तथ्य और विशेष उपाधियाँ
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गढ़वाल में दुर्भिक्ष (अकाल): "51-52" कहा गया।
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कटकु नौला: पिथौरागढ़ में।
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देवल समेत: शिव का अंश माना गया।
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सबसे ज्यादा नरभक्षी गुलदार मारने वाले: लखपत सिंह।
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ऊन विश्लेषण प्रयोगशाला: पशुलोक, ऋषिकेश में।
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हरिनगर चाय फैक्ट्री: बागेश्वर में।
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राजभवन नैनीताल निर्माण वर्ष: 1897।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड की धरती केवल देवभूमि ही नहीं, बल्कि गाथाओं, संघर्षों, बलिदानों और उपलब्धियों से भरी पड़ी है। ऊपर दी गई जानकारियां न केवल प्रदेश के गौरव को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी बताती हैं कि उत्तराखंड का हर कोना इतिहास और संस्कृति में कितना समृद्ध है।
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