उत्तराखण्ड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक झलक: रोचक तथ्यों का संग्रह

उत्तराखण्ड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक झलक: रोचक तथ्यों का संग्रह

उत्तराखण्ड, जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, न केवल अपनी आध्यात्मिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह राज्य सामाजिक आंदोलनों, वैज्ञानिक उपलब्धियों, और ऐतिहासिक स्थलों से भी समृद्ध है। इस लेख में हम उत्तराखण्ड से जुड़े उन चुनिंदा तथ्यों को प्रस्तुत कर रहे हैं जो राज्य की पहचान और गौरव को दर्शाते हैं।

  •  ऐतिहासिक घटनाएँ और आंदोलन
  •  शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में योगदान
  •  संस्कृति और त्यौहार
  •  पर्यटन और तीर्थ
  •  प्राकृतिक धरोहर और जीव-जंतु
  •  इतिहास और पुरातत्त्व
  •  महापुरुष और उनका योगदान
  •  साहित्य, बोली और भाषाई विरासत
  •  कुछ अन्य रोचक तथ्य


🔹 ऐतिहासिक घटनाएँ और आंदोलन

  • उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन की पहली महिला बंदी थीं – तुलसी रावत (1902)

  • 1928 में बागेश्वर में हरगोविन्द पन्त जी ने कुलीन ब्राह्मणों द्वारा हल न चलाने की प्रथा को तोड़ा।

  • टिहरी में बांध विरोधी समिति की स्थापना 1978 में हुई।

  • कुमाऊं राष्ट्रीय मोर्चा का गठन 3 अक्टूबर 1970 को हुआ।


🔹 शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में योगदान

  • गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के लिए गुरु श्रद्धानंद को भूमि दान मुंशी अमन सिंह ने दी।

  • शुद्ध साहित्य समिति की स्थापना 1913 में स्वामी सत्यदेव द्वारा अल्मोड़ा से की गई।

  • प्रकाशमिति पर शोध करने वाले वैज्ञानिक थे – देवीदत्त पन्त

  • उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास निगम का मुख्यालय – उरेडा, अल्मोड़ा

  • बायोटेक्नोलॉजी संस्थानपटवांडा नगर, नैनीताल

  • हाइड्रोपावर इंस्टीट्यूटटिहरी में


🔹 संस्कृति और त्यौहार

  • उत्तरायणी मेले को स्थानीय भाषा में घुघुतिया कहा जाता है।

  • फूलदेई त्यौहार पर आधारित उत्तराखण्ड की झांकी 2003 के गणतंत्र दिवस पर प्रस्तुत की गई थी।

  • वन्दे मातरम् योजना का संबंध गर्भवती महिलाओं से है।


🔹 पर्यटन और तीर्थ

  • हेमकुण्ड तीर्थ की खोज 1930 में हुई।

  • हेमकुण्ड में गुफाओं की स्थापना 1935-36 में हुई।

  • लोकपाल हेमकुण्ड को दण्ड पुष्करणी तीर्थ के नाम से जाना जाता है।

  • फूलों की घाटी के लिए पैदल मार्ग गोविन्द घाट से शुरू होता है।

  • भकोट पर्यटन स्थलकौसानी में

  • ओसला नामक पर्यटन स्थलउत्तरकाशी में

  • लौंग स्टाफ फॉलचमोली जिले में

  • भानुमती जल स्रोतभुवनेश्वरी मंदिर, पौड़ी में।

  • ज्वाल्पा देवी मंदिरपश्चिमी नयार नदी, पौड़ी के किनारे।


🔹 प्राकृतिक धरोहर और जीव-जंतु

  • 2004 में उत्तराखण्ड में सेब का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन हुआ।

  • 2017 की जनगणना के अनुसार उत्तराखण्ड में बाघों की संख्या 361 थी।

  • एशिया की सबसे बड़ी दूरबीनदेवस्थल, नैनीताल में है।

  • काफल को उत्तराखण्ड का राज्य फल घोषित किया गया है।


🔹 इतिहास और पुरातत्त्व

  • रुपकुण्ड ताल से राजा यशधवल व रानी बल्पा का संबंध।

  • शिव पालितकुणिंद वंश का राजा।

  • गोथलागोपेश्वर का पुराना नाम है।

  • डयोलीडांडा (पुरातात्विक स्थल)अल्मोड़ा जनपद में स्थित है।

  • मौर्यकालीन व्यापार केंद्रकालूकट


🔹 महापुरुष और उनका योगदान

  • स्वामी मन्मथन का पूरा नाम – उदय मंगलम चन्द्रशेखर मन्मथ मेनन

  • दिव्य जीवन संघ के संस्थापक – महात्मा शिवानन्द

  • बाबा काली कमली का वास्तविक नाम – श्री विशुद्धानन्द

  • जयानन्द भारती ने राज्य का पहला जागर महाविद्यालय श्रीनगर में स्थापित किया।

  • गोविन्द बल्लभ पंत इंजीनियरिंग कॉलेजघुड़दौड़ी, पौड़ी

  • शैलेश मटियानी का जन्म – 14 अक्टूबर 1931, अल्मोड़ा


🔹 साहित्य, बोली और भाषाई विरासत

  • रौ चौभेसी बोलीउत्तर-पूर्वी नैनीताल में बोली जाती है।

  • शुद्ध साहित्य समितिअल्मोड़ा से शुरू हुई।

  • उत्तराखण्ड के लिए 'उत्तर कुरू' नाम का प्रयोग ऐतरेय ब्राह्मण में मिलता है।


🔹 कुछ अन्य रोचक तथ्य

  • कोटद्वारखोह नदी के किनारे बसा है।

  • कुलसारीनंदा देवी यात्रा का पहला ससुराल पड़ाव, पिंडर नदी के किनारे

  • पूर्वी और पश्चिमी नयार का संगमसतपुली में होता है।

  • 1857 में कुमाऊं कमिश्नर का मुख्यालयनैनीताल

  • राज्य में किलर माउंटेननन्दा देवी, 7817 मीटर


उत्तराखण्ड एक जीवंत सांस्कृतिक, भौगोलिक और ऐतिहासिक धरोहर है। इस तरह के रोचक तथ्यों को जानना न केवल हमारी जिज्ञासा को संतुष्ट करता है, बल्कि हमें अपने गौरवशाली अतीत और प्रेरणादायक वर्तमान से जोड़ता भी है।

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