नेगी जी सैकडों गानों को अपनी आवाज दे चुके हैं.

नेगी जी सैकडों गानों को अपनी आवाज दे चुके हैं. 

लेकिन उनका यह गाना अपने आप में अनूठा है. एक आदमी अपनी बिमारी का इलाज कराने डाक्टर के पास पहुंच गया है. बिमारी के लक्षण बताने के साथ ही वह यह भी बताना नहीं भूलता कि वह इसके इलाज के लिये वैद्य से लेकर देवपूजा तक सब उपाय अपना कर हार चुका है और अब डाक्टर के हाथ से ही उसका इलाज होना है.

लेकिन मरीज जी चाहते हैं कि इलाज शुरु करने से पहले डाक्टर उनका मिजाज समझ ले. वो स्पष्ट रूप से बताते हैं कि चाय, तम्बाकू और मांसाहार नहीं छोड पायेंगे और दलिया वगैरा खाना उनके वश की बात नहीं है. गोलियां, कैप्सूल, इंजेक्शन और ग्लूकोज वाला इलाज भी वो नहीं करवायेंगे. उनकी पाचन शक्ति ठीक नहीं है लेकिन वो बिना खाये भी रह नहीं पाते हैं.

दवाई के स्वाद बारे में उन्हें पहले से ही अहसास है कि डॉक्टर मीठी दवाई तो देगा ही नही, लेकिन डॉक्टर को वो खुले शब्दों में कहते हैं कि कड़वी दवाई वो पियेंगे ही नही..

इसके साथ ही वह बार-बार डॉक्टर से यह भी कहते रहते हैं कि मेरा इलाज अब तुम्हारे हाथों ही होना है…

सामान्य आदमी के मनोविज्ञान को दर्शाने वाला यह गाना लगता तो एक व्यंग की तरह है, लेकिन असल में यह एक कड़वी सच्चाई को उजागर करता है.. गाने के अंत में मरीज अपने रोग का कारण स्वयम ही बताता है… असल में वह इस बात से व्यथित है कि उसके मरने के बाद सारे रिश्तेदार और संपत्ति छोड़कर उसे जाना पड़ेगा…




 न उकाल न उन्दार

न उकाल न उन्दार सीधू सैणु धार धार

गौ कू बाटू मेरा गौ कू बाटू

ऐ जाणू कभी मठु माठु मठु माठु

भला लोग भलु समाज गोऊ पिठाई कू रिवाज

खोली खोलियो म गणेश

मोरी नारेयण बिराजे मेरा गोऊ मा

देवी दय्बतो का थान

धरम करम पुण्य दान

छोटू बडो सबो मान

पोणु दय्बता समान मेरा गोऊ मा

बन खेती हो खल्याँ

मिल बाटी होंदी धानं

कुई फोजी कोई किसान

एक जि इकि प्राण मेरा गोऊ मा

सेरा ओखाड्यु मा नाज

वन हरयाली कु राज

बाडी सगोड्यु मा साग

जख तक तारकजी मेरा गोऊ मा-2

नोला मागरियो को पानी

छ्खी अमृत जनि

लेनी पेनी पीनी खानि

राखी मन मा न सयानी मेरा गोऊ मा

गौड़ी भैस्यु का खरग

घ्यु दूधो का छरग

म्यारो रोतेलो मुलुक

मकु एखि छ स्वर्ग मेरा गोऊ मा

कोथीग बिरेना की देर

बेटी ब्वारी कोथिगेर

दानं नचाद गितेर

जवान माया का स्वदेर मेरा गौ मा

काफल बुरांश का बोण

काकू हिलाश की धोन्

मीठी बोली मीठी भाषा

लिजा ऍच समलोंण मेरा गौ मा

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