उत्तराखंड में है भारत का इकलौता असुर मंदिर, राहु दोष की होती है
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राहु को पाप ग्रह माना गया है। राहु के अशुभ स्थान में होने पर यह जातक को अत्यंत परेशान करता है। लाल किताब के अनुसार राहु यदि कुंडली में अशुभ स्थान में विराजमान है तो वह जातक को संतान प्राप्ति और धन प्राप्ति में अड़चनें उत्पन्न करता है। इसके प्रभाव में धन हानि के योग भी बनते हैं, यहाँ राहु से सम्बंधित हर चीज का उल्लेख किया जा रहा है |
राहू वह धमकी है जिससे आपको डर लगता है |
- जेल में बंद कैदी भी राहू है |
- राहू सफाई कर्मचारी है |
- स्टील के बर्तन राहू के अधिकार में आते हैं |
- हाथी दान्त की बनी सभी वस्तुए राहू के रूप हैं |
- राहू वह मित्र है जो पीठ पीछे आपकी निंदा करता है|
- दत्तक पुत्र भी राहू की देन होता है |
- नशे की वस्तुएं राहू हैं |
- दर्द का टीका राहू है |
- राहू मन का वह क्रोध है जो कई साल के बाद भी शांत नहीं हुआ है, न लिया हुआ बदला भी राहू है |
- शेयर मार्केट की गिरावट राहू है, उछाल केतु है |
- बहुत समय से ताला लगा हुआ मकान राहू है |
- बदनाम वकील भी राहू है |
- मिलावटी शराब राहू है |
- राहू वह धन है जिस पर आपका कोई हक़ नहीं है या जिसे अभी तक लौटाया नहीं गया है ना लौटाया गया उधार भी राहू है, उधार ली गयी सभी वस्तुएं राहू खराब करती हैं |
- राहु के कुछ सावधानियां इस प्रकार है :-
- यदि आपकी कुंडली में राहू अच्छा नहीं है तो किसी से कोई चीज़ मुफ्त में न लें क्योंकि हर मुफ्त की चीज़ पर राहू का अधिकार होता है |
- राहू ग्रह का कुछ पता नहीं कि कब बदल जाए जैसे कि आप कल कुछ काम करने वाले हैं लेकिन समय आने पर आपका मन बदल जाए और आप कुछ और करने लगें तो इस दुविधा में राहू का हाथ होता है |
- किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना का दावेदार राहू ही होता है |
- आप खुद नहीं जानते की आप आने वाले कुछ घंटों में क्या करने वाले हैं या कहाँ जाने वाले हैं तो इसमें निस्संदेह राहू का आपसे कुछ नाता है | या तो राहू लग्नेश के साथ है या लग्न में ही राहू है |
- यदि आप जानते हैं की आप झूठ की राह पर हैं परन्तु आपको लगता है की आप सही कर रहे हैं तो यह धारणा आपको देने वाला राहू ही है
किसी को धोखा देने की प्रवृत्ति राहू पैदा करता है यदि आप पकडे जाएँ तो इसमें भी आपके राहू का दोष है और यह स्थिति बार बार होगी इसलिए राहू का अनुसरण करना बंद करें क्योंकि यह जब बोलता है तो कुछ और सुनाई नहीं देता जिस तरह कर्ण पिशाचिनी आपको गुप्त बातों की जानकारी देती है उसी तरह यदि राहू आपकी कुंडली में बलवान होगा तो आपको सभी तरह की गुप्त बातें बैठे बिठाए ही पता चल जायेंगी | यदि आपको लगता है की सब कुछ गुप्त है और आपसे कुछ छुपाया जा रहा है या आपके पीठ पीछे बोलने वाले लोग बहुत अधिक हैं तो यह भी राहू की ही करामात है
राहू रहस्य का कारक ग्रह है और तमाम रहस्य की परतें राहू की ही देन होती हैं | राहू वह झूठ है जो बहुत लुभावना लगता है | राहू झूठ का वह रूप है जो झूठ होते हुए भी सच जैसे प्रतीत होता है | राहू कम से कम सत्य तो कभी नहीं है |
जो सम्बन्ध असत्य की डोर से बंधे होते हैं या जो सम्बन्ध दिखावे के लिए होते हैं वे राहू के ही बनावटी सत्य हैं|
राहू व्यक्ति को झूठ बोलना सिखाता है बातें छिपाना, बात बदलना, किसी के विशवास को सफलता पूर्वक जीतने की कला राहू के अलावा कोई और ग्रह नहीं दे सकता
राहू वह लालच है जिसमे व्यक्ति को कुछ अच्छा बुरा दिखाई नहीं देता केवल अपना स्वार्थ ही दिखाई देता है |
क्यों न हों ताकतवर राहू के लोग सफल? क्यों बुरे लोग तरक्की जल्दी कर लेते हैं | क्यों झूठ का बोलबाला अधिक होता है और क्यों दिखावे में इतनी जान होती है ? क्योंकि इन सबके पीछे राहू की ताकत रहती है |
मांस मदिरा का सेवन, बुरी लत, चालाकी और क्रूरता, अचानक आने वाला गुस्सा, पीठ पीछे की वो बुराई, जो ये काम करे ये सब राहू की विशेषताएं हैं | असलियत को सामने न आने देना ही राहू की खासियत है।
कुंडली में 12 भावो के अनुसार राहु की स्थिति का फल
परन्तु लाल किताब के अनुसार ग्रह चाहे शुभ स्थिति में हो या अशुभ उसका उपाय करने से जहाँ उसके फल में स्थायित्व रहता हें, वही दूसरी तरफ अशुभ ग्रह का उपाय करने से उसके दूष्प्रभाव की शान्ति होती है. इस लेख के माध्यम से राहु ग्रह के प्रत्येक भाव मेँ स्थित होने पर उसके उपाय की जानकारी दी गई है. प्रत्येक व्यक्ति जिनका राहु जिस-2 भाव में स्थित है वह यहाँ दी गई सूची के आधार पर उपाय कर सकता है |
प्रथम भाव में स्थित राहु के उपाय
1) गले में चाँदी धारण करें.
2) जौ दूध में धोकर जल में प्रवाहित करें.
3) रात में सिरहाने सौंफ रखकर सोएं.
4) गूड़ गेहुं ताम्बे का दान करें
द्वितीय भाव में स्थित राहु के उपाय
1) ठोस चांदी अपने पास रखें.
2) दो किलो सिक्के के टुकडे चलते पानी में डालें.
3) चाँदी की गोली गले में पहनें.
4) घर में मन्दिर की स्थापना न करें.
तृ्तीय भाव में स्थित राहु के उपाय
1) हाथी का खिलौना घर में न रखें.
2) हाती दाँन्त घर में न रखें.
चतुर्थ भाव में स्थित राहु के उपाय
1) गंगा जल से स्नान करें.
2) चाँदी के चार गोली सफेद कपडा में बाँधकर अपने पास रखें.
3) जौ में जौ से चार गुना दूध मिलाकर जल में प्रवाहित करें.
4) माता की सेवा करें.
पंचम भाव में स्थित राहु के उपाय
1) हाथी दाँत घर में न रखें.
2) चाँदी का हाथी चाँदी की कटोरी में जल डालकर रखें.
3) भोजन रसोई घर में ही करें.
4) अपनी पत्नी से दुबारा शादी करें.
5) कीकर की दातुन करें.
6) मीठी वाणी बोले.
छटे भाव में स्थित राहु के उपाय
1) काले रंग का कुत्ता पालें.
2) भाई को अपनी साथ रखें.
3) सिक्के की गोली अपने पास रखें.
4) शराब, अण्डा, मांस से परहेज करें.
सप्तम भाव में स्थित राहु के उपाय
1) चांदी का चौकर टुकडा़ अपनी जेब में रखें.
2) कुत्ता पालें.
3) किसी के साथ भी साझेदारी न करें.
4) चार बोतल शराव खोलकर चलती पानी में डालें.
5) अपने वजन के बराबर जौ दूध में धोकर चलते पानी में डालें.
अष्टम भाव में स्थित राहु के उपाय
1) चाँदी का चौकोर टुकडा़ अपने पास रखें.
2) रात को सिरहाने सौफ , देसी खाण्ड रखें.
3) बेईमानी और गलत कामो से दूर रहें.
4) बिजली के सामान का कारबार न करें.
5) जल में सिक्का प्रवाहित करें.
6) मन्दिर में बादाम चढाकर आधे घर में रखें, बाद में उसे बहते पानी में प्रवाहित करें.
नवम भाव में स्थित राहु के उपाय
1) पिता के साथ रहें व उनकी सेवा करें.
2) ईमानदारि की कमाई खाएं
3) कुत्ता पाले.
4) ससुराल से अच्छे सम्बन्ध रखें.
5) नीले व काले रंग का कपडा न दे.
6) बिजली का सामान मुफ्त न लें.
7) धर्म – कर्म करते रहें.
दशम भाव में स्थित राहु के उपाय
1) सिर ढककर रखें.
2) शराव, अण्डा, मांस सेवन न करें.]
3) रात को दूध न पीये.
4) अन्धों को अपने हाथ से भोजन खिलाएं.
एकादश भाव में स्थित राहु के उपाय
1) शराव, अण्डा, मांस से परहेज रहें.
2) पिता की सेवा करें व उनके साथ रहें.
3) सोना अपने पास रखें.
4) जौ, सिक्का, नारियल बहते पानी में प्रवाहित करें.
5) गरीबो को पैसा दान में देते रहें.
6) निले रंग का कपडा़ ना पहने ना अपना पास रखें
7) लोहे का कडा, छल्ला या चेन पहनें.
8) मन्दिर में प्रतिदिन जाया करें.
द्वादश भाव में स्थित राहू के उपाय
1) नशीली वस्तुओं का सेवन न करें.
2) रात में सिरहाने खाण्ड या सौफ रखकर सोएं.
3) रसोई घर ही भी खाना खाएं.
राहु के इन उपाय करने से तुरन्त लाभ मिलता हैं|
लाल किताब के उपायों को करते समय रखे ये सावधानियां:-
1) एक समय में केवल एक ही उपाय करें.
2) उपाय कम से कम 40 दिन और अधिक से अधिक 43 दिनो तक करें.
3) उपाय में नागा ना करें यदि किसी करणवश नागा हो तो फिर से प्रारम्भ करें.
4) उपाय सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक करें.
5) उपाय खून का रिश्तेदार ( भाई, पिता, पुत्र इत्यादि) भी कर सकता है.
Frequently Asked Questions (FQCs) राहु मंदिर उत्तराखंड
1. राहु मंदिर उत्तराखंड कहाँ स्थित है?
उत्तर: राहु मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी जिले के पैठणी गांव में स्थित है। यह मंदिर विशेष रूप से राहु के पूजा के लिए प्रसिद्ध है और भारत का एकमात्र मंदिर है जहाँ राहु की पूजा होती है।
2. भारत का एकमात्र राहु मंदिर कहाँ है?
उत्तर: भारत का एकमात्र राहु मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी जिले के पैठणी गांव में स्थित है। यह मंदिर विशेष रूप से राहु ग्रह की पूजा के लिए प्रसिद्ध है।
3. राहु और केतु पूजा का महत्व क्या है?
उत्तर: हिंदू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु और केतु सूर्य और चंद्रमा के मार्ग के दो बिंदुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनकी पूजा से ग्रह दोष कम होते हैं और व्यक्ति की जीवन में संतुलन और सुख-शांति आती है। खासकर राहु दोष मुक्ति के लिए यह पूजा की जाती है।
4. राहु दोष मुक्ति के लिए कौन से उपाय किए जाते हैं?
उत्तर: राहु दोष मुक्ति के लिए पैठणी के राहु मंदिर में विशेष पूजा आयोजित की जाती है। मंदिर में शिवलिंग के साथ राहु की पूजा की जाती है और विशेष भोग चढ़ाया जाता है। राहु दोष से मुक्ति के लिए राहु की उपासना, हवन, और विशेष मंत्रोच्चारण किए जाते हैं।
5. पैठणी गांव में स्थित राहु मंदिर का इतिहास क्या है?
उत्तर: पैठणी गांव में स्थित राहु मंदिर की स्थापना का इतिहास बहुत प्राचीन है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, राहु का कटा सिर यहीं गिरा था, जिसके बाद यहाँ पर एक भव्य मंदिर बनाया गया। यह मंदिर भगवान शिव और राहु की पूजा के लिए प्रसिद्ध है।
6. राहु मंदिर के दर्शन करने का समय क्या है?
उत्तर: राहु मंदिर के दर्शन के समय आमतौर पर सुबह से शाम तक होते हैं। भक्तगण यहां सुबह पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं, और मंदिर में विशेष पूजा की व्यवस्था होती है।
7. राहु मंदिर में किस प्रकार की पूजा की जाती है?
उत्तर: राहु मंदिर में शिवलिंग और राहु की पूजा की जाती है। यहां भक्त विशेष रूप से राहु दोष से मुक्ति पाने के लिए पूजा अर्चना करते हैं। इसके साथ ही मंदिर में भोग चढ़ाने और हवन की भी व्यवस्था होती है।
8. राहु मंदिर में कैसे पहुंचा जा सकता है?
उत्तर: राहु मंदिर पैठणी गांव में स्थित है, जो पौड़ी जिले से करीब है। भक्तगण बस या निजी वाहन से इस मंदिर तक पहुँच सकते हैं। पौड़ी से पैठणी गांव तक जाने के लिए स्थानीय परिवहन उपलब्ध है।
9. राहु और केतु के बीच अंतर क्या है?
उत्तर: राहु और केतु दोनों ही ग्रहों को छाया ग्रह माना जाता है। राहु ग्रहण का कारण बनता है, जबकि केतु मोक्ष और अंतिम स्वतंत्रता का कारक है। राहु को पारलौकिक ज्ञान का कारक माना जाता है, जबकि केतु को आत्मा के साथ जुड़ा हुआ ग्रह माना जाता है।
10. राहु मंदिर में विशेष भोग क्या चढ़ाया जाता है?
उत्तर: राहु मंदिर में विशेष रूप से 'मैग्ना खिचड़ी' का भोग चढ़ाया जाता है। यह भोग भक्तों द्वारा मंदिर में चढ़ाया जाता है और भंडारे में भी यही भोग प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
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