हिसाऊ/हिसालू/हिसारु/हिसर [Himalaya Raspberry ]hissau/hisalu/hisaru/hissar

 हिसाऊ/हिसालू/हिसारु/हिसर Himalaya Raspberry 

सुप्रसिद्ध कवि #गुमानी_पन्त ने  ‘‘हिसालू” के बारे में कुछ मुक्तक लिखे हैं। एक है-

"हिसालु की जात बड़ी रिसालू,
जाँ जाँ जाँछे उधेड़ि खाँछे।
यो बात को क्वे नको नी मानौ,
दुद्याल की लात सौणी पड़ंछे।
Himalaya Raspberry 

अंतिम पंक्ति हिंदी लोकोक्ति का कुमाऊंनी अनुवाद है- "दुधारू गाय की लात सहनी पड़ती है"

एक अन्य मुक्तक इस प्रकार है-
"छनाई छन् मेवा रत्न सगला पर्वतन में,
हिसालू का तोपा छन बहुत गोफा जनन में.
पहर चौथा ठंडा स्वाद जनरो लिण में,
अहो मैं समझंछू यो अमृत लग वस्तू के हुनलि कै।"
 हिसाऊ/हिसालू/हिसारु/हिसर

  • हिसालू .... प्रकृति का यह वरदान हमें फलों के रूप में भी प्राप्त होता है ... उत्तराखंड के इन फलों को उगाया नहीं जाता है बल्कि प्राकृतिक रूप से जंगल में स्वयं उत्पन्न होते हैं
  • इसकी जडों को, बिच्छू घास की जड और जरूल ( lagerstroemia parviflora) की छाल के साथ कूटकर काढा बनाकर पिलाने से बुखार के लिये रामबाण दवा है, 
  • हिसालू में प्रचुर मात्रा में एंटी आक्सीडेंट होने के कारण यह शरीर के लिऐ काफी गुणकारी होता है  हमारा पहाड़ी रसबरी फल #हिंसोलू
  • हिसालू फलों में प्रचुर मात्र में एंटी ऑक्सीडेंट की अधिक मात्रा होने की वजह से यह फल शरीर के लिए काफी गुणकारी माना जाता है |
  • इस फलो की जड़ों को बिच्छुघास (Indian stinging nettle) की जड़ एवं जरुल (Lagerstroemia parviflora) की छाल के साथ कूटकर काढा बनाकर बुखार की स्थिति में रामबाण दवा है |
  • हिसालू फलो की ताजी जड़ से प्राप्त रस का प्रयोग करने से पेट सम्बंधित बीमारियों दूर हो जाती है एवम् इसकी पत्तियों की ताज़ी कोपलों को ब्राह्मी की पत्तियों एवं दूर्वा (Cynodon dactylon) के साथ मिलाकर स्वरस निकालकर पेप्टिक अल्सर की चिकित्सा की जाती है |
  • hissau/hisalu/hisaru/hissar
  • इसके फलों से प्राप्त रस का प्रयोग बुखार,पेट दर्द,खांसी एवं गले के दर्द में बड़ा ही फायदेमंद होता है |
  • इसकी छाल का प्रयोग तिब्बती चिकित्सा पद्धतिमें भी सुगन्धित एवं कामोत्तेजक प्रभाव के लिए किया जाता है |
  • हिसालू फल के नियमित उपयोग से किडनी-टोनिक के रूप में भी किया जाता है एवम् साथ ही साथ नाडी-दौर्बल्य , अत्यधिक है |
  • मूत्र आना (पोली-यूरिया ) , योनि-स्राव,शुक्र-क्षय एवं शय्या-मूत्र ( बच्चों द्वारा बिस्तर गीला करना ) आदि की चिकित्सा में भी किया जाता है
  • हिंसर में पोषक तत्व, जैसे कॉर्बोहाइड्र्रेट, सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन, जिंक व एसकारविक एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें विटामिन सी 32 प्रतिशत, मैगनीज 32 प्रतिशत, फाइबर 26 फीसदी व शुगर की मात्रा चार फीसदी तक आंकी गई है।
  • हिसालू जैसी वनस्पति को सरंक्षित किये जाने की आवश्यकता को देखते हुए इसे आई.यू.सी.एन . द्वारा वर्ल्ड्स हंड्रेड वर्स्ट इनवेसिव स्पेसीज की लिस्ट में शामिल किया गया है एवम् इसके फलों से प्राप्त एक्सट्रेक्ट में एंटी-डायबेटिक प्रभाव भी देखे गए हैं |
  • हिंसर का उपयोग जैम, जेली, विनेगर, वाइन, चटनी आदि बनाने में भी किया जा रहा है। इसके बावजूद गर्मियों में नैनीताल जैसे हिल स्टेशन की सड़कों पर 30 रुपया प्रति सौ ग्राम की दर से हिसालू बिकता दिखता हैण् सैलानी जिसे 300 रुपया किलो खरीद कर खा रहे हैं
  • यह कटीली झांडियो में उगने वाला ,रसदार फल है, यह पीले रंग का फल होता है और पकने के बाद बहुत मीठा होता है, यह फल बहुत ही कोमल होता है जीभ पर रखने पर पिघलने लग जाता है, 
  • “हिसालू”, उत्तराखंड का अद्वितीय और बहुत स्वादिष्ट फल है। यह जेठ-असाड़ महीने में पहाड़ की रूखी-सूखी धरती पर छोटी कांटेदार झाड़ियों में उगने वाला एक जंगली रसदार फल है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Most Popular

केदारनाथ स्टेटस हिंदी में 2 लाइन(kedarnath status in hindi 2 line) something
जी रया जागी रया लिखित में , | हरेला पर्व की शुभकामनायें  (Ji Raya Jagi Raya in writing, | Happy Harela Festival )
हिमाचल प्रदेश पर शायरी स्टेटस कोट्स इन हिंदी(Shayari Status Quotes on Himachal Pradesh in Hindi)
 हिमाचल प्रदेश की वादियां शायरी 2 Line( Himachal Pradesh Ki Vadiyan Shayari )
महाकाल महादेव शिव शायरी दो लाइन स्टेटस इन हिंदी (Mahadev Status | Mahakal Status)
हिमाचल प्रदेश पर शायरी (Shayari on Himachal Pradesh )
गढ़वाली लोक साहित्य का इतिहास एवं स्वरूप (History and nature of Garhwali folk literature)
श्री बद्रीनाथ स्तुति (Shri Badrinath Stuti) Badrinath Quotes in Sanskrit
150+ उत्तराखंड सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर हिंदी में | Gk in Hindi - 150 +  Uttarakhand GK Question Answers in Hindi | Gk in hindi
Pahadi A Cappella 2 || Gothar Da Bakam Bham || गोठरदा बकम भम || MGV DIGITAL