उत्तराखंड का इतिहास Uttarakhand history

उत्तराखंड का इतिहास  Uttarakhand history in hindi 



उत्तराखण्ड का इतिहास

उत्तराखण्ड या उत्तराखंड भारत के उत्तर में स्थित एक राज्य है। 2000 और 2006 के बीच यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था, 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड भारत गणराज्य के 27 वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। राज्य का निर्माण कई वर्ष के आन्दोलन के पश्चात् हुआ। इस प्रान्त में वैदिक संस्कृति के कुछ सबसे महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। उत्तर प्रदेश से अलग किये गये नए प्रांत उत्तरांचल 8 नवम्बर 2000 को अस्तित्व में आया। इस राज्य की राजधानी देहरादून है। उत्तरांचल अपनी भौगोलिक स्थिता, जलवायु, नैसर्गिक, प्राकृतिक दृश्यों एवं संसाधनों की प्रचुरता के कारण देश में प्रमुख स्थान रखता है। उत्तरांचल राज्य तीर्थ यात्रा और पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्त्व रखता है। यहाँ चारों धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री हैं।
उत्तराखंड का इतिहास  Uttarakhand history 

पौराणिक इतिहास

प्राचीन धर्मग्रंथों में उत्तराखंड का उल्लेख केदारखंड, मानसखंड और हिमवंत के रूप में मिलता है। लोककथा के अनुसार पांडव यहाँ पर आए थे और विश्व के सबसे बड़े महाकाव्यों महाभारत व रामायण की रचना यहीं पर हुई थी। इस क्षेत्र विशेष के बारे में बहुत कुछ कहा जाता है, लेकिन प्राचीन काल में यहाँ मानव निवास के प्रमाण मिलने के बावजूद इस इलाक़े के इतिहास के बारे में बहुत कम जानकारी मिलती है। भारत के इतिहास में इस क्षेत्र के बारे में सरसरी तौर पर कुछ जानकारी मिलती है। उदाहरण के लिए हिन्दू धर्म के पुनरुद्धारक आदि शंकराचार्य के द्वारा हिमालय में बद्रीनाथ मन्दिर की स्थापना का उल्लेख आता है। शंकराचार्य द्वारा स्थापित इस मन्दिर को हिन्दू चौथा और आख़िरी मठ मानते हैं।

देवभूमि

यहाँ पर कुषाणों, कुनिंदों, कनिष्क, समुद्रगुप्त, पौरवों, कत्यूरियों, पालों, चंद्रों, पंवारों और ब्रिटिश शासकों ने शासन किया है। इसके पवित्र तीर्थस्थलों के कारण इसे देवताओं की धरती ‘देवभूमि’ कहा जाता है। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को निर्मल प्राकृतिक दृश्य प्रदान करते हैं। वर्तमान उत्तराखंड राज्य 'आगरा और अवध संयुक्त प्रांत' का हिस्सा था। यह प्रांत 1902 में बनाया गया। सन् 1935 में इसे 'संयुक्त प्रांत' कहा जाता था। जनवरी 1950 में 'संयुक्त प्रांत' का नाम 'उत्तर प्रदेश' हो गया। 9 नंवबर, 2000 तक भारत का 27वां राज्य बनने से पहले तक उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा बना रहा।
उत्तराखंड का इतिहास  Uttarakhand history 

स्वातंत्र्योत्तर इतिहास

स्वातंत्र्योत्तर भारत में 1949 में इसका एक बार फिर उल्लेख मिलता है, जब टिहरी गढ़वाल और रामपुर के दो स्वायत्त राज्यों को संयुक्त प्रान्त में मिलाया गया। 1950 में नया संविधान अंगीकार किये जाने के साथ ही संयुक्त प्रान्त का नाम उत्तर प्रदेश रखा गया और यह नए भारतीय संघ का संविधान-सम्मत राज्य बन गया। उत्तर प्रदेश के गठन के फ़ौरन बाद ही इस क्षेत्र में गड़बड़ी शुरू हो गई। यह महसूस किया गया कि राज्य की बहुत विशाल जनसंख्या और भौगोलिक आयामों के कारण लखनऊ में बैठी सरकार के लिए उत्तराखण्ड के लोगों के हितों का ध्यान रखना असम्भव है। बेरोज़गारी, ग़रीबी, पेयजल और उपयुक्त आधारभूत ढांचे जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव और क्षेत्र का विकास न होने के कारण उत्तराखण्ड की जनता को आन्दोलन करना पड़ा। शुरुआत में आन्दोलन कुछ कमज़ोर रहा, लेकिन 1990 के दशक में यह ज़ोर पकड़ गया और 1994 के मुज़फ़्फ़रनगर में इसकी परिणति चरम पर पहुँची। उत्तराखण्ड की सीमा से 20 किमी। दूर उत्तर प्रदेश राज्य के मुज़फ़्फ़नगर ज़िले में रामपुर तिराहे पर स्थित शहीद स्मारक उस आन्दोलन का मूक गवाह है, जहाँ 2 अक्टूबर, 1994 को लगभग 40 आन्दोलनकारी पुलिस की गोलियों के शिकार हुए थे। लगभग एक दशक के दीर्घकालिक संघर्ष की पराकाष्ठा के रूप में पहाड़ी क्षेत्र के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों की पहचान और बेहतर प्रशासन के लिए राजनीतिक स्वायत्तता हेतु उत्तरांचल राज्य का जन्म हुआ।

इतिहास तिथि क्रम

वर्ष         ऐतिहासिक घटनाएँ
  1. 1724 कुमाऊं रेजिमेंट की स्थापना।
  2. 1815 पवांर नरेश द्वारा टिहरी की स्थापना।
  3. 1816 सिंगोली संधि के अनुसार आधा गढ़वाल अंग्रेजों को दिया गया।
  4. 1834 अंग्रेज़ अधिकारी ट्रेल ने हल्द्वानी नगर बसाया।
  5. 1840 देहरादून में चाय के बाग़ान का प्रारम्भ।
  6. 1841 नैनीताल नगर की खोज।
  7. 1847 रूढ़की इन्जीनियरिंग कालेज की स्थापना।
  8. 1850 नैनीताल में प्रथम मिशनरी स्कूल खुला।
  9. 1852 रूढ़की में सैनिक छावनी का निर्माण।
  10. 1854 रूढ़की गंग नहर में सिंचाई हेतु जल छोडा गया।
  11. 1857 टिहरी नरेश सुदर्शन शाह ने काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोंद्धार किया गया।
  12. 1860 देहरादून में अशोक शिलालेख की खोज। नैनीताल बनी ग्रीष्मकालीन राजधानी।
  13. 1861 देहरादून, सर्वे ऑफ़ इंडिया की स्थापना।
  14. 1865 देहरादून में तार सेवा प्रारम्भ।
  15. 1874 अल्मोड़ा नगर में पेयजल ब्यवस्था का प्रारम्भ।
  16. 1877 महाराजा द्वारा प्रतापनगर की स्थापना।
  17. 1878 गढ़वाल के वीर सैनिक बलभद्र सिंह को ’आर्डर आफ़ मेरिट’ प्रदान किया गया।
  18. 1887 लैन्सडाउन में गढ़वाल राइफ़ल रेजिमेंट का गठन।
  19. 1888 नैनीताल में सेंट जोजेफ़ कालेज की स्थापना।
  20. 1891 हरिद्वार - देहरादून रेल मार्ग का निर्माण।
  21. 1894 गोहना ताल टूटने से श्रीनगर में क्षति।
  22. 1896 महाराजा कीर्ति शाह ने कीर्तिनगर का निर्माण।
  23. 1897 कोटद्वार - नज़ीबाबाद रेल सेवा प्रारम्भ।
  24. 1899 काठगोदाम रेलसेवा से जुड़ा।
  25. 1900 हरिद्वार - देहरादून रेलसेवा प्रारम्भ।
  26. 1903 टिहरी नगर में बिद्युत ब्यवस्था।
  27. 1905 देहरादून एयरफ़ोर्स आफ़िस में एक्स-रे संस्थान की स्थापना।
  28. 1912 भवाली में क्षय रोग अस्पताल की स्थापना, मंसूरी में विद्युत योजना।
  29. 1914 गढ़वाली वीर, दरबान सिंह नेगी को विक्टोरिया क्रास प्रदान किया गया।
  30. 1918 सेठ सूरजमल द्वारा ऋषिकेश में ’लक्ष्मण झूला’ का निर्माण।
  31. 1922 गढ़वाल राइफ़ल्स को ’रायल’ से सम्मानित किया गया, नैनीताल विद्युत प्रकाश में नहाया।
  32. 1926 हेमकुण्ड साहिब की खोज।
  33. 1930 चन्द्रशेखर आज़ाद का दुगड्डा में अपने साथियों के साथ शस्त्र प्रशिक्षण हेतु आगमन। देहरादून में नमक सत्याग्रह, मंसूरी मोटर मार्ग प्रारम्भ।
  34. 1932 देहरादून मे "इंडियन मिलिटरी एकेडमी" की स्थापना।
  35. 1935 ऋषिकेश - देवप्रायाग मोटर मार्ग का निर्माण।
  36. 1938 हरिद्वार - गोचर हवाई यात्रा ’हिमालयन एयरवेज कम्पनी’ ने शुरू की।
  37. 1942 7वीं गढवाल रेजिमेंट की स्थापना।
  38. 1945 हैदराबाद रेजिमेंट का नाम बदलकर "कुमाऊं रेजिमेंट" रखा गया।
  39. 1946 डी.ए.वी. कालेज देहरादून में कक्षाएं शुरू हुई।
  40. 1948 रूढ़की इन्जीनियरिंग कालेज - विश्वविद्यालय में रूपांतरित किया गया।
  41. 1949 टिहरी रियासत उत्तर प्रदेश में विलय। अल्मोडा कालेज की स्थापना।
  42. 1953 बंगाल सैपर्स की स्थापना रूढ़की में की गई।
  43. 1954 हैली नेशनल पार्क का नाम बदलकर जिम कार्बेट नेशनल पार्क रखा गया।
  44. 1958 मंसूरी में डिग्री कालेज की स्थापना।
  45. 1960 पंतनगर में कृषि एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गई।
  46. 1973 गढ़वाल एवं कुमांऊ विश्वविद्यालय की घोषणा की गई।
  47. 1975 देहरादून प्रशासनिक रूप से गढ़वाल में सम्मिल्लित किया गया।
  48. 1982 चमोली जनपद में 87 कि.मी. में फैली फूलों की घाटी को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।
  49. 1986 पिथौरागढ़ जनपद के 600 वर्ग कि.मी. में फैले अस्कोट वन्य जीव विहार की घोषणा की गई।
  50. 1987 पौड़ी गढ़वाल में 301 वर्ग कि.मी. में फैले सोना-चांदी वन्य जीव विहार की घोषणा की गई।
  51. 1988 अल्मोडा वनभूमि के क्षेत्र बिनसर वन्य जीव विहार की घोषणा की गई।
  52. 1991 20 अक्तूबर को भूकम्प में 1500 व्यक्तियों की मौत।
  53. 1992 उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान तथा गोविंद राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना।
  54. 1994 उत्तराखण्ड प्रथक राज्य के मांग - खटीमा में गोली चली। अनेक व्यक्तियों की मौत। 
  55. 1994               मुजफ़्फ़रनगर काण्ड।
  56. 1995 श्रीनगर में आंदोलनकारियों पर गोली चली।
  57. 1996 रुद्रप्रयाग, चम्पावत, बागेश्वर व उधमसिंह नगर, चार नये जनपद बनाये गये।
  58. 1999 चमोली में भूकम्प। 110 व्यक्तियों की मौत।
  59. 2000 9 नबम्बर को उत्तराखंड राज्य की स्थापना हुई

  1. उत्तराखंड का इतिहास Uttarakhand history
  2. उत्तराखण्ड(उत्तरांचल) राज्य आंदोलन (Uttarakhand (Uttaranchal) Statehood Movement )
  3. उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था (Panchayatiraj System in Uttarakhand)
  4. उत्तराखंड राज्य का गठन/ उत्तराखंड का सामान्य परिचय (Formation of Uttarakhand State General Introduction of Uttarakhand)
  5. उत्तराखंड के मंडल | Divisions of Uttarakhand
  6. उत्तराखण्ड का इतिहास जानने के स्त्रोत(Sources of knowing the history of Uttarakhand)
  7. उत्तराखण्ड में देवकालीन शासन व्यवस्था | Vedic Administration in Uttarakhand
  8. उत्तराखण्ड में शासन करने वाली प्रथम राजनैतिक वंश:कुणिन्द राजवंश | First Political Dynasty to Rule in Uttarakhand:Kunind Dynasty
  9. कार्तिकेयपुर या कत्यूरी राजवंश | Kartikeyapur or Katyuri Dynasty
  10. उत्तराखण्ड में चंद राजवंश का इतिहास | History of Chand Dynasty in Uttarakhand
  11. उत्तराखंड के प्रमुख वन आंदोलन(Major Forest Movements of Uttrakhand)
  12. उत्तराखंड के सभी प्रमुख आयोग (All Important Commissions of Uttarakhand)
  13. पशुपालन और डेयरी उद्योग उत्तराखंड / Animal Husbandry and Dairy Industry in Uttarakhand
  14. उत्तराखण्ड के प्रमुख वैद्य , उत्तराखण्ड वन आंदोलन 1921 /Chief Vaidya of Uttarakhand, Uttarakhand Forest Movement 1921
  15. चंद राजवंश का प्रशासन(Administration of Chand Dynasty)
  16. पंवार या परमार वंश के शासक | Rulers of Panwar and Parmar Dynasty
  17. उत्तराखण्ड में ब्रिटिश शासन ब्रिटिश गढ़वाल(British rule in Uttarakhand British Garhwal)
  18. उत्तराखण्ड में ब्रिटिश प्रशासनिक व्यवस्था(British Administrative System in Uttarakhand)
  19. उत्तराखण्ड में गोरखाओं का शासन | (Gorkha rule in Uttarakhand/Uttaranchal)
  20. टिहरी रियासत का इतिहास (History of Tehri State(Uttarakhand/uttaranchal)

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