घर में पधारो ओ देवा गजानन: भक्ति गीत - ghar mein padharo o deva gajanan: bhakti geet

घर में पधारो ओ देवा गजानन: भक्ति गीत

गली गली में धूम मची है, और चारो दिशा में मेला,
घर में पधारो ओ देवा गजानन, घर में पधारो ओ देवा,

इस पंक्ति में गजानन यानी गणेश जी का स्वागत किया जा रहा है। चारों ओर धूमधाम और उत्सव का माहौल है, और भक्त गणेश जी को अपने घर में आमंत्रित कर रहे हैं।

तू ही तो मन में है तू ही तन में है तू ही मेरे जीवन में,
तेरी ही भक्ति में तेरी ही पूजा में डूबे है तेरी लगन में,
तेरे नाम की गिन कर माला रहता हु तुझमे मगन मैं,
घर में पधारो गजानन

भक्त यहां गणेश जी की सर्वव्यापकता और उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हैं। वे गणेश जी की भक्ति और पूजा में पूरी तरह डूबे हुए हैं और उनके नाम की माला गिनते हैं।

तेरा ही गुण गान करता हु ध्यान रखना तू हम को नजर में,
गाओ की गलियां भी फूलो की कालिया भी रंगी है तेरे असर में,
साथ हमारे सूरज चंदा आये है तेरी शरण में,
घर में पधारो गजानन

भक्त गणेश जी की महिमा का गुणगान करते हुए उनसे प्रार्थना कर रहे हैं कि वे उनकी कृपा और निगाह में हमेशा रखें। उनके प्रभाव से गाांव की गलियां और फूल रंगीन हो गए हैं, और सूर्य तथा चंद्रमा भी उनकी शरण में हैं।

निष्कर्ष:

इस भक्ति गीत में गणेश जी की महिमा और उनके प्रति भक्तों की श्रद्धा को व्यक्त किया गया है। गणेश जी को घर में आमंत्रित करने के साथ ही भक्त उनके गुणगान और पूजा में डूबे हुए हैं। गीत गणेश जी के प्रति भक्ति और सम्मान को प्रदर्शित करता है।

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