कृष्ण और कालिया: अहंकार पर विजय की कथा - Krishna Aur Kaliya: Ahankar Par Vijay Ki Divya Katha

कृष्ण और कालिया: अहंकार पर विजय की कथा

प्रस्तावना
भगवान श्रीकृष्ण के बाल जीवन की लीलाएँ हमें केवल उनकी अलौकिक शक्ति का ही अनुभव नहीं करातीं, बल्कि हमें जीवन की गहरी सीख भी देती हैं। यमुना नदी में कालिया नाग के साथ हुई उनकी प्रसिद्ध मुठभेड़ एक ऐसी ही घटना है, जो अहंकार, विष और हिंसा पर शांति और सद्गुण की जीत का संदेश देती है।

यमुना नदी के तट पर खेल
एक दिन, जब कृष्ण और उनके दोस्त यमुना नदी के किनारे खेल रहे थे, उनकी गेंद अचानक नदी में गिर गई। यह नदी वही स्थान था, जहाँ कालिया नामक एक सौ दस सिर वाला विशाल नाग अपने परिवार के साथ रहता था। कालिया के विष के कारण यमुना नदी का पानी पूरी तरह से जहरीला हो चुका था, और आसपास का वातावरण भी दूषित हो गया था।

कृष्ण और कालिया नाग की मुठभेड़
कृष्ण ने अपने दोस्तों की चिंता को नजरअंदाज करते हुए नदी में गोता लगाया, ताकि वह गेंद को वापस ला सकें। जैसे ही कृष्ण ने गेंद लेने के लिए पानी में प्रवेश किया, कालिया ने अपने विष से पानी को और अधिक जहरीला बनाना शुरू कर दिया। कृष्ण ने कालिया से शांति से कहा कि वह नदी को विषाक्त न करे और इसे छोड़ दे, ताकि यमुना का जल और पर्यावरण दोनों सुरक्षित रह सकें। लेकिन कालिया, जो अपने अहंकार और शक्ति पर गर्वित था, कृष्ण की बात मानने को तैयार नहीं हुआ।

कृष्ण की विजय और कालिया का पश्चाताप
तब भगवान कृष्ण ने कालिया से मुकाबला करने का निश्चय किया। दोनों के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें कृष्ण ने अपनी अद्भुत शक्ति का प्रदर्शन किया। कृष्ण ने कालिया को पराजित कर उसके सिरों पर नृत्य करना शुरू कर दिया। कालिया, जो अपने अहंकार में डूबा हुआ था, कृष्ण की दिव्य शक्ति के सामने नतमस्तक हो गया। कृष्ण ने उसे जीवन दान दिया और उसे यमुना नदी को छोड़कर कभी वापस न आने का आदेश दिया। कालिया ने कृष्ण की महानता को स्वीकार किया और यमुना नदी छोड़कर सदा के लिए चला गया।

कथा की सीख
इस कथा से हमें यह सीख मिलती है कि युद्ध और हिंसा की बजाय शांति एक बेहतर समाधान है। अहंकार और द्वेष से भरा जीवन अंततः विनाश की ओर ले जाता है, जबकि शांति और सद्गुण का मार्ग हमें सच्ची विजय की ओर ले जाता है। कृष्ण ने कालिया को पराजित कर उसे यह सिखाया कि हिंसा का मार्ग हमेशा विनाशकारी होता है, और उसे शांति के मार्ग पर चलने का आदेश दिया।

उपसंहार
कृष्ण और कालिया की इस कथा से हमें जीवन में अहंकार से दूर रहने और शांति का मार्ग अपनाने की प्रेरणा मिलती है। भगवान श्रीकृष्ण का यह अद्भुत चमत्कार हमें यह भी सिखाता है कि चाहे परिस्थिति कितनी भी विषम क्यों न हो, शांति, धैर्य और साहस के साथ उसका सामना किया जा सकता है।

जय श्रीकृष्ण!


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