गणेश पूजा का फाग: मंगलकारी धुन - ganesh puja ka fogg: mangalkari dhun

गणेश पूजा का फाग: मंगलकारी धुन

जय जय गणपति

गणेश पूजा के समय एक विशेष फाग गाया जाता है, जो इस पूजा की शुभता और पवित्रता को दर्शाता है। इस फाग की धुन मंगलकारी वातावरण को उत्पन्न करती है और पूजा की शुरुआत को अमृतमय बनाती है। यहाँ इस पवित्र फाग के बोल प्रस्तुत हैं:


जय जय गणपति, जय जय ए ब्रह्म सिद्धि विनायक।
एक दंत शुभकरण, गंवरा के नंदन, मूसा के वाहन॥

सिंदुरी सोहे, अगनि बिना होम नहीं,
ब्रह्म बिना वेद नहीं,
पुत्र धन्य काजु करें, राजु रचें।
मोत्यूं मणिका हिर-चौका पुरीयलै,
तसु चौखा बैइठाला रामीचन्द्र लछीमन विप्र ऎ।
जौ लाड़ी सीतादेही, बहुराणी, काजुकरे, राजु रचै॥
फुलनी है, फालनी है जाइ सिवान्ति ऎ।
फूल ब्यूणी ल्यालो बालो आपूं रुपी बान ऎ॥


यह फाग गणेश जी की भव्यता और उनकी दिव्यता का प्रतीक है। गणेश पूजा के इस फाग के माध्यम से हम गणपति जी की कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति की आशा करते हैं। इस फाग को गाकर पूजा की शुरुआत करने से वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो सभी मंगल कार्यों के लिए आवश्यक है।


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