वीडियो कॉल पर गांव की झलक: तस्वीरों के माध्यम से पुरानी यादें - Glimpses of the village on video call: Nostalgia through pictures
गांव की तस्वीरें: वीडियो कॉल के माध्यम से पुरानी यादों का पुनरावलोकन
इस कविता में वीडियो कॉल के माध्यम से गांव की तस्वीरों को देखने का अनुभव और उन तस्वीरों के माध्यम से गांव की पुरानी यादों को पुनर्जीवित करने की भावना व्यक्त की गई है। कविता में गांव के सुंदर दृश्य, पारंपरिक जीवन, और व्यक्तिगत संबंधों की झलक पेश की गई है, जो इस बात को दर्शाती है कि आधुनिक तकनीक के बावजूद, हम अपनी जड़ों और पुराने दिनों की यादें कैसे सहेज सकते हैं।
कविता:
वीडियो कॉल में तस्वीर देखी गै
मेरा गांव की मिकै खबर मिली गै।।
वीडियो कॉल में तस्वीर देखी गै
मेरा गांव की मिकै खबर मिली गै।
सीढ़ी दार गड़ा भिंडा, उच्चा उच्चा रुख
देखी मि भूलि गयुं, बॉर्डरै का दुख
सरु और सरु की ईजा देखी गै
वीडियो कॉल में तस्वीर देखी गै
मेरा गांव की मिकै खबर मिली गै।।
पाथरे कुड़ी हामरी, पाखा सुकया गौत
बॉर्डर याद उछि, मिकै गांव कि भौत
घौम तापनि मां आमा देखी गै
वीडियो कॉल में तस्वीर देखी गै
मेरा गांव की मिकै खबर मिली गै।।
उच्चा उच्चा डांडा काना, सेतो हिमाल
कसीकै काटिलो, माया को यो जाल
झूली फूली नारंगे डाली देखी गै
वीडियो कॉल में तस्वीर देखी गै
मेरा गांव की मिकै खबर मिली गै।।
कैकि खुशखबरी छ, कैको लग्न काज
"अर्जुन" खबर मिली, कॉल करि आज
नयी हय्यै गोरु की बाछि देखी गै
वीडियो कॉल में तस्वीर देखी गै
मेरा गांव की मिकै खबर मिली गै।।
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