माँ शैलपुत्री मंत्र और शायरी - Maa Shailputri Mantra and Shayari

माँ शैलपुत्री मंत्र और शायरी


जय मां शैलपुत्री 🚩🙏

आप सभी को नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!
प्रथम नवरात्र मां शैलपुत्री की कृपा बनी रहे।
🌺🌺 जय मां शैलपुत्री माता 🌺🌺


माँ शैलपुत्री का महत्त्व

मां शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन पूजी जाने वाली देवी हैं। इन्हें पर्वतराज हिमालय की पुत्री कहा जाता है। देवी शैलपुत्री का वाहन वृषभ (बैल) है, और वे अपने दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प धारण करती हैं।
माँ शैलपुत्री की उपासना से भक्तों को मानसिक शांति, शक्ति और साहस की प्राप्ति होती है।


माँ शैलपुत्री के मंत्र

॥ ॐ शं शैलपुत्री देव्यैः नमः ॥
वन्दे वांछितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

मां शैलपुत्री की जय‼️


शुभकामनाएं और शायरी

  • सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
    शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

    मेरी "माँ" के बराबर कोई नहीं...

  • जय माँ शैलपुत्री 🚩🙏
    सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
    शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥


माँ शैलपुत्री की पूजा विधि

माँ शैलपुत्री की पूजा में निम्नलिखित सामग्री का उपयोग किया जाता है:

  • लाल वस्त्र
  • पुष्प
  • धूप
  • दीपक
  • चंदन
    मंत्रों का जाप करते हुए माँ से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

नवरात्रि की शायरी और स्टेटस

  • "या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥"

  • "ऊँचा है मंदिर तेरा, ऊँचा माँ तेरा स्थान,
    दानी क्या कोई दूजा, माँ होगा तेरे समान..."

  • "गणपति बप्पा का आशीर्वाद सदा रहे आपके साथ।
    विघ्न हर्ता हर लेते हैं सारे विघ्न।"


नवरात्रि पर्व का महत्त्व

नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा होती है। मां शैलपुत्री का पूजन नवरात्रि के पहले दिन विशेष रूप से किया जाता है। माँ की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में शांति एवं समृद्धि का वास होता है।


नवरात्रि स्टेटस और शायरी

  • "वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्।
    वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥"
    #जय_मां_शैलपुत्री 🙏

  • "सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
    शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥"


शुभ नवरात्रि 🌺🌺

जय माँ शैलपुत्री माता 🙏🚩


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ब्रह्मचारिणी

  1. अर्थ: ब्रह्मचारिणी का अर्थ है "ब्रह्मचारीणी" अर्थात तपस्विनी। वह संयम और आत्म-संयम की प्रतीक हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन उनकी पूजा की जाती है। उनकी साधना हमें संयम और धैर्य की शिक्षा देती है।

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