मां ब्रह्मचारिणी का दिव्य तेज
सादगी का स्वरूप, तप का ताज,
मां ब्रह्मचारिणी, तू है सृष्टि का राज।
तेरे तप में है वह अद्भुत शक्ति,
जो सबको देती है आश्रय और भक्ति।
निर्मल है तेरा रूप और भाव,
तेरी कृपा से मिलता हर जीवन को प्रभाव।
संयम की ज्योति से तूने जग को दिखाया,
कैसे कठिन तप से जीवन सफल बनाया।
फल-फूल का भोजन, शाक पर जीवन,
तेरे तप ने दिया संसार को नवीन आभा।
तूने सिखाया हमें धैर्य और त्याग,
मां ब्रह्मचारिणी, तू है हर कष्ट का उपचार।
तू ही है ममता की मूरत,
तेरे बिना सब कुछ है अधूरा।
तेरी भक्ति से मिलती है शांति अपार,
हर भक्त के जीवन में लाती है नया उजास।
तपस्या की देवी, तू है साधकों की प्रेरणा,
तेरे चरणों में समर्पण से मिलता है समर्पण का मार्ग।
हे मां ब्रह्मचारिणी, हमें वरदान दे,
तेरी भक्ति में हम सदा रहें।
नमन है तुझे, हे देवी महान,
तेरी महिमा गाता है सारा जहान।
तेरे चरणों में शरण पा लें हम सब,
तू ही है हमारे जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य।
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3. चंद्रघंटा
• अर्थ: चंद्रघंटा का अर्थ है "चाँद की तरह चमकने वाली"। उनके मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्र होता है। वह शक्ति और साहस की प्रतीक हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन उनकी पूजा होती है।
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