माँ चंद्रघंटा की आरती: पूर्ण लिरिक्स और भक्ति के भाव - Maa Chandraghanta Aarti: Complete Lyrics and Devotional Essence

1)Google News यहाँ क्लिक करें 2) Join Update WathsApp चैनल से जुड़े

माँ चंद्रघंटा आरती लिरिक्स हिंदी में

नवरात्रि के तीसरे दिन, माँ चंद्रघंटा की पूजा विशेष महत्व रखती है। माँ चंद्रघंटा देवी दुर्गा का एक रूप हैं, जिनके दस भुजाएँ और सिंह पर सवार होने के कारण उन्हें शक्तिशाली और भयभीत करने वाली देवी माना जाता है। माँ चंद्रघंटा की आरती उनकी महिमा और शक्ति का बखान करती है। इस ब्लॉग में हम प्रस्तुत कर रहे हैं माँ चंद्रघंटा की आरती के लिरिक्स हिंदी में, जिसे आप अपने पूजा अनुष्ठान में शामिल कर सकते हैं।


माँ चंद्रघंटा आरती लिरिक्स हिंदी में

जयति जय चंद्रघंटा,
माँ जयति जय चंद्रघंटा,
तुम्हरे नाम का बजता,
तुम्हरे नाम का बजता,
सृष्टि में डंका,
माँ जयति जय चंद्रघंटा।

जयति जय चंद्रघंटा,
माँ जयति जय चंद्रघंटा,
तुम्हरे नाम का बजता,
तुम्हरे नाम का बजता,
सृष्टि में डंका,
माँ जयति जय चंद्रघंटा।

दस भुजा मात के सोहे,
खड़ग खप्पर धारी,
माँ खड़ग खप्पर धारी,
घंटा माथे विराजे,
घंटा माथे विराजे,
अर्धचंद्र कारे,
माँ जयति जय चंद्रघंटा।

सिंह वाहिनी देवी,
दानव संघारे,
माँ दानव संघारे,
छवि अनुपम हे मैया,
छवि अनुपम हे मैया,
शक्ति अवतारे,
माँ जयति जय चंद्रघंटा।

धर्म की रक्षक जननी,
पाप का अंत करे,
माँ पाप का अंत करे,
देख के शक्ति माँ की,
देख के शक्ति माँ की,
काल भी स्वयं डरे,
माँ जयति जय चंद्रघंटा।

घंटा शंख मृदंग माँ,
तेरे दर बाजे,
माँ तेरे दर बाजे,
हीरे मोती पन्ने,
हीरे मोती पन्ने,
चरणों में राजे,
माँ जयति जय चंद्रघंटा।

श्रद्धा भक्ति से जो भी,
मैया को ध्याता,
मेरी मैया को ध्याता,
भक्त वो मन वांछित फल,
भक्त वो मन वांछित फल,
मैया से पाता,
माँ जयति जय चंद्रघंटा।

नवदुर्गा में मैया,
तीजा तेरा स्थान,
माँ तीजा तेरा स्थान,
तीजे नवरात्रि को माँ,
तीजे नवरात्रि को माँ,
भक्त धरें तेरा ध्यान,
माँ जयति जय चंद्रघंटा।

तीजे नवरात्रे को माँ,
व्रत जो तेरा धारे,
माँ व्रत जो तेरा धारे,
सिद्ध कामना होती,
सिद्ध कामना होती,
भव निधि से तारे,
माँ जयति जय चंद्रघंटा।

हाथ जोड़कर कर विनती,
हैं इतनी माता,
बस हैं इतनी माता,
भक्ति अपनी देना,
भक्ति अपनी देना,
और ना कुछ चाहता,
माँ जयति जय चंद्रघंटा।

जयति जय चंद्रघंटा,
माँ जयति जय चंद्रघंटा,
तुम्हरे नाम का बजता,
तुम्हरे नाम का बजता,
सृष्टि में डंका,
माँ जयति जय चंद्रघंटा।


माँ चंद्रघंटा की पूजा का महत्व

माँ चंद्रघंटा को श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। इस आरती के माध्यम से हम माँ चंद्रघंटा की शक्ति और उनकी कृपा को मानते हैं, जो हमें जीवन की कठिनाइयों से उबारती हैं और हमें धर्म और सच्चाई की राह पर चलने की प्रेरणा देती हैं। इस आरती का गायन न केवल पूजा को समर्पित करता है, बल्कि भक्तों के हृदय में माँ के प्रति प्रेम और श्रद्धा को भी प्रकट करता है।

आशा है कि यह आरती लिरिक्स आपको माँ चंद्रघंटा की पूजा और उनकी आराधना में सहायता करेंगे। माँ चंद्रघंटा का आशीर्वाद हमेशा आपके साथ रहे और आपके जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर दे।

चैत्र नवरात्रि की शुभकामनाएं!

FAQ (Frequently Asked Questions)

  1. माँ चंद्रघंटा कौन हैं?
    माँ चंद्रघंटा नौ दुर्गाओं में तीसरे स्थान पर हैं। इनकी पूजा विशेष रूप से नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है।

  2. माँ चंद्रघंटा की आरती का महत्व क्या है?
    माँ चंद्रघंटा की आरती उनके दिव्य रूप और शक्तियों का गुणगान करती है और भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए की जाती है।

  3. माँ चंद्रघंटा की आरती कब की जाती है?
    माँ चंद्रघंटा की आरती नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है।

  4. माँ चंद्रघंटा की आरती कैसे की जाती है?
    माँ चंद्रघंटा की आरती भक्ति और श्रद्धा के साथ की जाती है। दीपक जलाकर, फूल चढ़ाकर और आरती गाकर माँ के प्रति अपनी भक्ति प्रकट की जाती है।

  5. आरती के दौरान कौन-कौन से वस्त्र और सामग्री चाहिए होती है?
    आरती के दौरान दीपक, अगरबत्ती, फूल, फल, और चंदन की आवश्यकता होती है।

कूष्माण्डा

• अर्थ: कूष्माण्डा का अर्थ होता है "पूरा जगत उनके पैर में है"। वह ब्रह्मांड की उत्पत्ति का प्रतीक हैं। नवरात्रि के चौथे दिन उनकी पूजा की जाती है। वह सृजन शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं।

  1. नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्माण्डा की महिमा और आशीर्वाद
  2. माँ कूष्माण्डा की स्तुति: नवरात्रि पर विशेष शायरी और शुभकामनाएं
  3. माँ कूष्माण्डा की महिमा: नवरात्रि के चौथे दिन की पूजा का महत्व
  4. माँ कूष्माण्डा पर विशेष कविता
  5. माँ कूष्माण्डा की महिमा पर सर्वश्रेष्ठ कविता
  6. माँ कूष्माण्डा देवी: सृष्टि की आदि शक्ति और उनकी पूजा विधि
  7. माता कूष्माण्डा की कथा: नवरात्रि के चौथे दिन की देवी
  8. श्री कूष्माण्डा देवी पूजा विधि
  9. माता कुष्मांडा की कहानी और पूजा का महत्व
  10. माँ कूष्मांडा देवी का इतिहास और पौराणिक कथा
  11. नवरात्रि के चौथे दिन कूष्माण्डा देवी की उपासना
  12. श्री कुष्माण्डा महामन्त्र जप विधि
  13. श्री कूष्माण्डा महामन्त्र जप विधि एवं महत्व
  14. माता कूष्माण्डा पूजा विधि: नवरात्रि की चतुर्थी पर विशेष
  15. माँ कूष्मांडा की पूजा विधि, मंत्र और महिमा
  16. पूजा विधि की पूर्णता: तृतीय, तुरिय, और पञ्चमावरण अनुष्ठान
  17. षडङ्ग तर्पणम् – कूष्माण्डा देवी की पूजा विधि
  18. कूष्माण्डा देवी पूजा विधि: षडङ्ग और लयाङ्ग तर्पणम्

टिप्पणियाँ