नवरात्रि के द्वितीय दिन: माता ब्रह्मचारिणी का वंदन और उनके दिव्य आशीर्वाद - Second Day of Navratri: Worship of Mother Brahmacharini and her divine blessings

नवरात्रि के द्वितीय दिन: माता ब्रह्मचारिणी का वंदन और उनके दिव्य आशीर्वाद


नवरात्रि के द्वितीय दिन माता ब्रह्मचारिणी का वंदन

नवरात्रि का पर्व माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा का अद्भुत अवसर है। इस पावन पर्व के द्वितीय दिन, हम माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना करते हैं। माँ ब्रह्मचारिणी तपस्या, साधना और ज्ञान की देवी हैं। उनकी उपासना से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा:

दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

माता ब्रह्मचारिणी की उपासना से भक्तगण कठिन समय में भी अपने कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होते। माँ की कृपा से सभी कार्यों में सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। उनका यह दिव्य स्वरूप हमें तपस्या, संयम और ज्ञान की ओर प्रेरित करता है।

माँ ब्रह्मचारिणी के गुण और आशीर्वाद:

नवरात्रि के दूसरे दिन, माँ दुर्गा के दूसरे रूप देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा विशेष महत्व रखती है। माँ ब्रह्मचारिणी को तपस्या और साधना की देवी माना जाता है। उनकी पूजा से भक्तों को शक्ति, बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना मंत्र:

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

आपके लिए शुभकामनाएँ:

आपका दिन शुभ मंगलमय हो, सुख, शांति और समृद्धि आपके द्वार आए। इस विशेष दिन पर माँ ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद से आपके जीवन में खुशहाली और सफलता की प्राप्ति हो।

सुप्रभात वंदन 🔱🚩
जय माता दी 🌺🌺

माँ ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद:

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
जपमाला कमण्डलु धरा ब्रह्मचारिणी शुभाम्।।

🙌 माँ की कृपा-दृष्टि सदैव आप सभी पर बनी रहे 🙌

जय माता की 🌺🌷🙏
जय माँ ब्रह्मचारिणी 🌺🌷🙏

नवार्ण मंत्र की शक्ति:

दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

माँ जगदम्बा के द्वितीय स्वरूप, ब्रह्मचारिणी माता को मेरा कोटि-कोटि वंदन। इस अवसर पर मैं मातारानी से देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करता हूँ।

श्वेत वस्त्र धारण.. हाथों में लिए,
अष्टदल की माला और कमण्डल,
ध्यान, ज्ञान और वैराग्य की अधिष्ठात्री
द्वितीय स्वरूप माँ ब्रह्मचारिणी ♥️
जय माता रानी की 🙏🏻

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3. चंद्रघंटा

• अर्थ: चंद्रघंटा का अर्थ है "चाँद की तरह चमकने वाली"। उनके मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्र होता है। वह शक्ति और साहस की प्रतीक हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन उनकी पूजा होती है।

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