माँ महागौरी: महाष्टमी की विशेष पूजा विधि, ध्यान, स्तोत्र और आरती - Mother Mahagauri: Special worship method, meditation, hymns and aarti for Mahashtami.

माँ महागौरी: महाष्टमी की विशेष पूजा विधि, ध्यान, स्तोत्र और आरती

नवरात्रि का आठवां दिन माँ महागौरी की आराधना के लिए समर्पित होता है। माँ महागौरी, देवी पार्वती का अष्टम रूप मानी जाती हैं, जो अपने श्वेत स्वरूप के कारण गौरी कहलाती हैं। कहा जाता है कि माँ महागौरी की कृपा से भक्त के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे सुख, शांति, और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। उनकी पूजा विशेष रूप से महाष्टमी के दिन की जाती है और इस दिन माँ की उपासना करने से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान मिलता है।

आइए, जानते हैं माँ महागौरी की पूजा विधि, ध्यान, स्तोत्र, और आरती के बारे में।


माँ महागौरी की पूजा विधि (Puja Vidhi)

  1. प्रातःकाल स्नान: सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को शुद्ध करें।
  2. मूर्ति या चित्र स्थापना: माँ महागौरी की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
  3. सफेद वस्त्र और पुष्प: माँ को सफेद वस्त्र और सफेद फूल अर्पित करें, क्योंकि सफेद रंग माँ महागौरी का प्रिय रंग है।
  4. मंत्र और स्तोत्र: पूजा के दौरान माँ महागौरी के ध्यान मंत्र और स्तोत्र का पाठ करें।
  5. नारियल और मिठाई: नारियल और विशेष मिठाई का भोग माँ को अर्पित करें।
  6. आरती और प्रसाद: पूजा समाप्त होने के बाद माँ की आरती करें और प्रसाद बांटें।

माँ महागौरी का ध्यान (Maa Mahagauri Dhyana)

माँ महागौरी का ध्यान करना साधक को शांति, शक्ति और शुभता प्रदान करता है। ध्यान करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। नीचे दिए गए ध्यान मंत्र का उच्चारण कर माँ का ध्यान करें:

वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥

पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्।
वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम्।
कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम्॥

अर्थ:
माँ महागौरी की उपासना का यह ध्यान उनके सुंदर, शांत और कल्याणकारी स्वरूप का वर्णन करता है। वे चंद्रमा की शीतलता और पूर्णिमा की आभा के समान प्रकाशित हैं। उनकी कृपा से भक्तों के समस्त कामनाओं की पूर्ति होती है।

इस ध्यान मंत्र के साथ माँ महागौरी की कृपा प्राप्त करें और उन्हें अपने जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का स्रोत बनाएं।


माँ महागौरी स्तोत्र (Maa Mahagauri Stotra)

माँ महागौरी का स्तोत्र उनकी कृपा को शीघ्र प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इस स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आने वाली सभी परेशानियों का निवारण होता है और माँ की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

सर्वसङ्कट हन्त्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदायनीम्।
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

त्रैलोक्यमङ्गल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।
वददम् चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

अर्थ:
यह स्तोत्र माँ महागौरी की सर्वशक्तिमानता और संकट हरने वाली शक्ति का गुणगान करता है। माँ धन, ऐश्वर्य, ज्ञान, और शांति की दात्री हैं। उनकी उपासना से जीवन के तीनों ताप—आध्यात्मिक, भौतिक, और मानसिक—दूर होते हैं और साधक को सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।

माँ महागौरी कवच (Maa Mahagauri Kavach)

माँ महागौरी का कवच साधक को हर प्रकार के संकट से बचाने वाला होता है। यह कवच उनकी कृपा का कवच बनकर जीवन को सुरक्षित और समृद्ध बनाता है।

ॐकारः पातु शीर्षो माँ, हीं बीजम् माँ, हृदयो।
क्लीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥

ललाटम् कर्णो हुं बीजम् पातु महागौरी माँ नेत्रम् घ्राणो।
कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा माँ सर्ववदनो॥

माँ महागौरी की आरती (Maa Mahagauri Aarti)

माँ महागौरी की आरती गाकर माँ की कृपा प्राप्त की जा सकती है। आरती का पाठ करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

जय महागौरी जगत की माया। जय उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा। महागौरी तेरा वहाँ निवासा॥

चन्द्रकली और ममता अम्बे। जय शक्ति जय जय माँ जगदम्बे॥
भीमा देवी विमला माता। कौशिक देवी जग विख्यता॥

हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा। महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती (सत) हवन कुण्ड में था जलाया। उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया। तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया। शरण आने वाले का संकट मिटाया॥

शनिवार को तेरी पूजा जो करता। माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो। महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥

यह भी पढ़े

9. सिद्धिदात्री

  1. श्री सिद्धिदात्री महामन्त्र जप विधि 
  2. नवरात्रि के नौंवे दिन माता सिद्धिदात्री की आराधना
  3. सिद्धिदात्री माता की आरती: नवरात्रि के नौवें दिन की पूजा विधि और मंत्र
  4. प्रथमावरण पूजा: आध्यात्मिक सिद्धि का मार्ग 
  5. मां सिद्धिदात्री के अन्य महत्वपूर्ण मंत्र
  6. माता सिद्धिदात्री: नवरात्रि के नवें दिन की पूजा
  7. माता सिद्धिदात्री चालीसा: धन और सफलता के लिए 
  8. श्री सिद्धिदात्री आवरण पूजा विधि 
  9. माता सिद्धिदात्री की स्तुति, ध्यान मंत्र, स्तोत्रम, कवच और आरती
  10. मां सिद्धिदात्री की महिमा
  11. मां सिद्धिदात्री की महिमा
  12. मां सिद्धिदात्री शायरी: सिद्धियों की देवी का आशीर्वाद
  13. देवी सिद्धिदात्री - पीठ पूजा: विधि और मंत्र
  14. माता सिद्धिदात्री चालीसा: धन और सफलता के लिए

टिप्पणियाँ

upcoming to download post