उत्तराखंड का नौला - एक जल मंदिर - Naula of Uttarakhand - A Water Temple

उत्तराखंड का नौला - एक जल मंदिर

एक जल मंदिर
(कविता)

नौला है धरोहर हमारी, संस्कृति की पहचान,
हिमालय के आंगन में, बसा जल का ये दान।
नदियों की तरह बहते थे, ये शुद्ध निर्मल धार,
अब विलुप्त हो रहे हैं, हम सब पर है भार।

धीरे धीरे  विलुप्त होती जा  रही हैं किसी का ध्यान  इस ओर  नहीं है
उत्तराखंड का नौला ( एक जल मंदिर )

बात थी कभी पहाड़ों की, जहां जल था अमृत,
हर घर की नई बहू लाती, इसमें सजीव हसरत।
पहले पांव पड़ते थे, नौले की इस पूजा में,
अब बहक गए हैं हम, विकास की दौड़ के झांसे में।

एक जल मंदिर

सरकार आई, नियम बने, पाइप से आए पानी,
मगर सूखे पड़े नल, हमें सिखाते नई कहानी।
नौले की वो मिठास, अब न कोई समझेगा,
हमने खोया धरोहर, जिसे शायद कोई न पूछेगा।

धरती की कोख से निकला, ये शीतल अमृतजल,
रखें इसे संभाल कर, नहीं तो खो देंगे कल।
आओ फिर से सजाएं हम, अपने इन जल मंदिरों को,
उत्तराखंड का नौला, पहचान बने फिर से सबका।

एक जल मंदिर है ये, सहेज लो इसे,
पानी की इस पूजा में, न भटको अब किसी किसे।


उत्तराखंड का नौला - एक अमूल्य धरोहर

FQCs (Frequently Asked Questions) दिए गए हैं, जो आपके लेख "उत्तराखंड का नौला - एक जल मंदिर" से संबंधित हो सकते हैं:

1. नौला क्या है?

उत्तर: नौला एक पारंपरिक जल स्रोत या जल मंदिर है, जो उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। यह जल स्रोत नदियों या तालाबों की तरह प्राकृतिक पानी के स्त्रोत होते हैं, जहां ग्रामीण लोग पानी इकट्ठा करने के लिए आते हैं और इनकी पूजा भी करते हैं।

2. उत्तराखंड में नौला क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: नौला उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और यह पहाड़ी जीवन की मूलभूत आवश्यकता पानी का एक प्रमुख स्रोत था। इन जल मंदिरों का धार्मिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिकीय महत्व था, क्योंकि यह पानी के शुद्धतम स्रोत माने जाते थे।

3. नौला का इतिहास क्या है?

उत्तर: पहले नौला एक पवित्र स्थान के रूप में जाना जाता था, जहां लोग धार्मिक अनुष्ठान करते थे और पानी को अमृत जैसा मानते थे। प्रत्येक घर की नई बहू इसे पूजा के रूप में लाती थी और यह पारंपरिक पर्वों का हिस्सा हुआ करता था।

4. नौला के महत्व में कमी क्यों आ रही है?

उत्तर: आधुनिक विकास और पाइपलाइन सिस्टम के कारण नौला जैसे जल स्रोतों की अहमियत कम हो गई है। जल की पाइपलाइन के माध्यम से आपूर्ति हो रही है, लेकिन पारंपरिक जल स्रोतों की देखभाल और संरक्षण की ओर ध्यान कम दिया जा रहा है, जिससे ये जल मंदिर विलुप्त होते जा रहे हैं।

5. नौला को कैसे सहेजा जा सकता है?

उत्तर: नौला के संरक्षण के लिए हमें इन जल मंदिरों की देखभाल करनी होगी, ताकि यह प्राकृतिक जल स्रोत आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रहें। इसके लिए सरकार, स्थानीय समुदाय और पर्यावरण संगठनों को मिलकर प्रयास करने होंगे।

6. क्या नौला की पूजा अब भी की जाती है?

उत्तर: पहले जैसे लोग नौला की पूजा करते थे, अब वह परंपरा धीरे-धीरे कमजोर पड़ती जा रही है। हालांकि, कुछ ग्रामीण इलाकों में अभी भी इस जल मंदिर की पूजा की जाती है, परंतु पहले जैसा व्यापक रूप से इसे मान्यता नहीं मिल रही।

7. नौला के जल का महत्व क्या है?

उत्तर: नौला का जल स्वच्छ, शीतल और प्राकृतिक होता था, जिसे अमृत जल माना जाता था। यह पानी न केवल पीने के लिए उपयोगी था, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता था।

8. उत्तराखंड के जल स्रोतों का संरक्षण कैसे किया जा सकता है?

उत्तर: उत्तराखंड के जल स्रोतों का संरक्षण करने के लिए पारंपरिक जल संग्रहण प्रणालियों को पुनर्जीवित करना होगा। इसके साथ ही जलवर्धन, साफ-सफाई और प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ानी होगी।

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