उत्तराखंड का नौला - एक जल मंदिर - Naula of Uttarakhand - A Water Temple

उत्तराखंड का नौला - एक जल मंदिर

एक जल मंदिर
(कविता)

नौला है धरोहर हमारी, संस्कृति की पहचान,
हिमालय के आंगन में, बसा जल का ये दान।
नदियों की तरह बहते थे, ये शुद्ध निर्मल धार,
अब विलुप्त हो रहे हैं, हम सब पर है भार।

धीरे धीरे  विलुप्त होती जा  रही हैं किसी का ध्यान  इस ओर  नहीं है
उत्तराखंड का नौला ( एक जल मंदिर )

बात थी कभी पहाड़ों की, जहां जल था अमृत,
हर घर की नई बहू लाती, इसमें सजीव हसरत।
पहले पांव पड़ते थे, नौले की इस पूजा में,
अब बहक गए हैं हम, विकास की दौड़ के झांसे में।

एक जल मंदिर

सरकार आई, नियम बने, पाइप से आए पानी,
मगर सूखे पड़े नल, हमें सिखाते नई कहानी।
नौले की वो मिठास, अब न कोई समझेगा,
हमने खोया धरोहर, जिसे शायद कोई न पूछेगा।

धरती की कोख से निकला, ये शीतल अमृतजल,
रखें इसे संभाल कर, नहीं तो खो देंगे कल।
आओ फिर से सजाएं हम, अपने इन जल मंदिरों को,
उत्तराखंड का नौला, पहचान बने फिर से सबका।

एक जल मंदिर है ये, सहेज लो इसे,
पानी की इस पूजा में, न भटको अब किसी किसे।


उत्तराखंड का नौला - एक अमूल्य धरोहर

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