श्री शैलपुत्री पूजा विधि: सम्पूर्ण अर्चना और तर्पण - Shri Shailputri Puja Vidhi: Complete Archana and Tarpan
श्री शैलपुत्री पूजा विधि: सम्पूर्ण अर्चना और तर्पण
श्री शैलपुत्री माता के पूजन के लिए एक विस्तृत और विशेष विधि है, जिसमें विभिन्न मुद्राओं और अर्चनाओं के माध्यम से पूजा की जाती है। इस विधि में विभिन्न मंत्रों और अर्चनाओं का उपयोग करके माता को पूजा जाता है। यहाँ पर इस विधि का संपूर्ण विवरण प्रस्तुत किया जा रहा है।
पूजन की प्रारंभिक प्रक्रिया
स्थापन मुद्रा (स्थापिता भव)
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः।
- विधि: श्री शैलपुत्री की प्रतिमा की स्थापना करते समय यह मंत्र उच्चारण करें।
संस्थित मुद्रा (संस्थितो भव)
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः।
- विधि: स्थापना के बाद प्रतिमा की स्थिरता और स्थापित स्थिति को सुनिश्चित करें।
सन्निरुद्ध मुद्रा (सन्निरुद्धो भव)
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः।
- विधि: पूजा के दौरान प्रतिमा को संलग्न और स्थिर बनाए रखें।
सम्मुखी मुद्रा (सम्मुखी भव)
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः।
- विधि: माता की प्रतिमा को स्वयं के सामने रखें।
अवकुण्ठन मुद्रा (अवकुण्ठितो भव)
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः।
- विधि: प्रतिमा की पूर्णता और पवित्रता सुनिश्चित करें।
पूजन की विधि
आसन अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। आसनं कल्पयामि नमः।
- विधि: माता के आसन को स्थापित करें।
पाद्य अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। पादयोः पाद्यं कल्पयामि नमः।
- विधि: माता के चरणों को धोकर पाद्य अर्पण करें।
हस्त अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। हस्तयोः अध्य कल्पयामि नमः।
- विधि: माता के हाथों को स्नान करवा कर अर्पण करें।
मुख अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। मुखे आचमनीयं कल्पयामि नमः।
- विधि: माता के मुख को आचमन के साथ अर्पण करें।
शुद्धोदक स्नान
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। शुद्धोदक स्नानं कल्पयामि नमः।
- विधि: माता को शुद्ध जल से स्नान कराएं।
वस्त्र अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। वस्त्राणि कल्पयामि नमः।
- विधि: माता को नए वस्त्र अर्पण करें।
आभरण अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। आभरणानि कल्पयामि नमः।
- विधि: माता को आभूषण अर्पण करें।
गन्ध अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। दिव्यपरिमळ गन्धं कल्पयामि नमः।
- विधि: माता को सुगंधित वस्त्र अर्पण करें।
फूल अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। पुष्पाक्षतान् कल्पयामि नमः।
- विधि: माता के चरणों में पुष्प अर्पण करें।
घूप अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। घूपं कल्पयामि नमः।
- विधि: माता के समक्ष घूप जलाएं।
दीप अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। दीपं कल्पयामि नमः।
- विधि: माता के समक्ष दीप जलाएं।
नैवेद्य अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। नैवेद्यं कल्पयामि नमः।
- विधि: माता को भोग अर्पण करें।
सुगन्ध ताम्बूल अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। सुगन्ध ताम्बूलं कल्पयामि नमः।
- विधि: माता को ताम्बूल अर्पण करें।
कर्पूर नीराञ्जन अर्पण
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। कर्पूर नीराञ्जनं कल्पयामि नमः।
- विधि: माता के सामने कर्पूर जलाएं।
प्रदक्षिण नमस्कार
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। श्री शैलपुत्र्यै नमः। प्रदक्षिण नमस्कारान् कल्पयामि नमः।
- विधि: माता की प्रतिमा के चारों ओर प्रदक्षिणा करें।
षडङ्ग तर्पणम्
हृदयाय तर्पण
- मंत्र: ह्रां हृदयाय नमः। हृदय शक्ति श्री पादुकां पूजयामि तर्पयामि नमः।
शिरसे तर्पण
- मंत्र: ह्रीं शिरसे स्वाहा। शिरो शक्ति श्री पादुकां पूजयामि तर्पयामि नमः।
शिखायै तर्पण
- मंत्र: हूं शिखायै वषट्। शिखा शक्ति श्री पादुकां पूजयामि तर्पयामि नमः।
कवचाय तर्पण
- मंत्र: हैं कवचाय हूं। कवच शक्ति श्री पादुकां पूजयामि तर्पयामि नमः।
नेत्रत्रयाय तर्पण
- मंत्र: ह्रौं नेत्रत्रयाय वौषट्। नेत्र शक्ति श्री पादुकां पूजयामि तर्पयामि नमः।
अस्त्राय तर्पण
- मंत्र: ह्रः अस्त्राय फट्। अस्त्र शक्ति श्री पादुकां पूजयामि तर्पयामि नमः।
लयाङ्ग तर्पणम्
- मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं ऐं सौः सौः ऐं श्रीं ह्रीं ॐ शैलपुत्र्यै नमः। पूजयामि तर्पयामि नमः।
इस पूजा विधि के माध्यम से माता श्री शैलपुत्री की आराधना कर आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति हो। यह विधि विशेषकर नवरात्रि में माता की पूजा के दौरान अनुष्ठान की जाती है।
ब्रह्मचारिणी
अर्थ: ब्रह्मचारिणी का अर्थ है "ब्रह्मचारीणी" अर्थात तपस्विनी। वह संयम और आत्म-संयम की प्रतीक हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन उनकी पूजा की जाती है। उनकी साधना हमें संयम और धैर्य की शिक्षा देती है।
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