उधम सिंह नगर जिला: प्रमुख आकर्षण पीडीएफ के साथ - Udhamsingh Nagar district: Main attraction with PDF

उधम सिंह नगर जिला: प्रमुख आकर्षण

उधम सिंह नगर जिला न केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहाँ के प्रमुख आकर्षण भी इसे और भी खास बनाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख स्थानों का वर्णन किया गया है:

1. गोविषाण का किला

  • इतिहास: गोविषाण का किला प्राचीन समय का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जिसका उल्लेख प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु हवेनसांग ने भी किया है। गोविषाण का अर्थ "गाय का सींग" है।
  • वाणिज्यिक महत्व: यह क्षेत्र प्राचीन समय में कपड़े, धातु और बर्तनों का मुख्य बाजार था।
  • शासक: दूसरी सदी तक यह क्षेत्र कुणिन्द शासकों के अधीन था। यहां से प्राप्त सिक्कों के अनुसार इसका इतिहास समृद्ध है।
  • महत्वपूर्ण मूर्तियां: यहाँ से विष्णु त्रिविक्रम की एक मूर्ति प्राप्त हुई है, जो वर्तमान में नई दिल्ली के संग्रहालय में रखी गई है।
  • अन्य स्थल: किले के निकट भीमगड़ा का टीला, वंशीवाला का टीला, खोखरे वाला का टीला, ललता देवी मंदिर टीला, और जागीश्वर मंदिर टीला भी पाए गए हैं।

2. द्रोण सागर

  • स्थान: गोविषाण के निकट स्थित द्रोण सागर एक महत्वपूर्ण जलाशय है।
  • पौराणिक संदर्भ: यहाँ गुरु द्रोणाचार्य द्वारा अपने शिष्यों के साथ निवास करने का उल्लेख मिलता है।

3. उज्जैन का किला/बाला सुंदरी मंदिर

  • मंदिर: द्रोण सागर के किनारे स्थित आधुनिक शैली का ज्वालादेवी मंदिर जिसे उज्जैनी देवी भी कहते हैं।
  • महत्व: इसे बाला सुंदरी का मंदिर माना जाता है, जो चन्दों की कुल देवी है।
  • मेला: यहाँ चैत्र महीने में चैती का मेला लगता है।
  • अन्य मंदिर: भूतेश्वर, मुक्तेश्वर, नागनाथ एवं जागीश्वर का मंदिर भी समीप में है।

4. मोटेश्वर महादेव मंदिर

  • इसे भी भीमशंकर महादेव के नाम से जाना जाता है। इसके अतिरिक्त, ऋषिताल और चामुंडा मंदिर भी प्रसिद्ध हैं।

5. गिरी सरोवर

  • स्थान: काशीपुर बस अड्डे के निकट रामनगर रोड पर स्थित यह सरोवर प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है।

6. रुद्रपुर

  • इतिहास: रुद्रचन्द द्वारा बसाया गया, यह नैनीताल का प्रवेश द्वार माना जाता है।
  • प्राचीन नाम: यहाँ का प्राचीन नाम बोक्साड़ है, जो बोक्सा जनजाति के आदिनिवासियों के कारण पड़ा है।
  • नदियाँ: यहाँ कल्याणी नदी बहती है, जो इस क्षेत्र की खूबसूरती को और बढ़ाती है।

7. नानकमत्ता

  • इतिहास: इस स्थान को पहले बक्शी/बख्शी, तपेड़ा और सिद्धतमा कहा जाता था।
  • गुरु नानक का आगमन: 1508 में गुरु नानकदेव जी ने यहाँ आने के बाद इस क्षेत्र का नाम नानकमत्ता रखा।
  • महत्वपूर्ण स्थान: यहाँ का सूखा पीपल वृक्ष जिसे पंजा साहिब कहा जाता है, गुरु नानकजी के आगमन की स्मृति है।
  • दीपावली मेला: यहाँ दीपावली के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है।

8. दूध वाला कुआं

  • कहानी: यह कुआं सिद्धों की एक घटना का प्रमाण है, जब उन्होंने गुरु नानकजी से 36 प्रकार के भोजन के लिए दूध की मांग की थी।
  • विशेषता: आज भी यहाँ से कच्चे दूध की महक आती है, जो इस स्थान को खास बनाता है।

उधम सिंह नगर जिले के ये प्रमुख आकर्षण न केवल यहाँ के इतिहास और संस्कृति को दर्शाते हैं, बल्कि पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं

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उधम सिंह नगर जिला: प्रमुख आकर्षण - FAQ

  1. गोविषाण का किला क्या है?

    • गोविषाण का किला प्राचीन समय का महत्वपूर्ण स्थल है, जिसका उल्लेख बौद्ध भिक्षु हवेनसांग ने किया है। इसे "गाय का सींग" भी कहा जाता है। यह क्षेत्र कपड़े, धातु और बर्तनों का मुख्य बाजार था।
  2. द्रोण सागर का महत्व क्या है?

    • द्रोण सागर गोविषाण के निकट स्थित एक महत्वपूर्ण जलाशय है, जहाँ गुरु द्रोणाचार्य द्वारा अपने शिष्यों के साथ निवास करने का उल्लेख मिलता है।
  3. उज्जैन का किला/बाला सुंदरी मंदिर कहाँ स्थित है?

    • यह द्रोण सागर के किनारे स्थित आधुनिक शैली का ज्वालादेवी मंदिर है, जिसे बाला सुंदरी का मंदिर माना जाता है। यहाँ चैत्र महीने में चैती का मेला लगता है।
  4. मोटेश्वर महादेव मंदिर की विशेषता क्या है?

    • इसे भी भीमशंकर महादेव के नाम से जाना जाता है। यहाँ ऋषिताल और चामुंडा मंदिर भी प्रसिद्ध हैं।
  5. गिरी सरोवर कैसे पहुँचें?

    • गिरी सरोवर काशीपुर बस अड्डे के निकट रामनगर रोड पर स्थित है और यह प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है।
  6. रुद्रपुर का ऐतिहासिक महत्व क्या है?

    • रुद्रचन्द द्वारा बसाया गया, यह नैनीताल का प्रवेश द्वार है। इसे प्राचीन समय में बोक्साड़ के नाम से जाना जाता था।
  7. नानकमत्ता का नाम कैसे पड़ा?

    • इसे पहले बक्शी/बख्शी, तपेड़ा और सिद्धतमा कहा जाता था। गुरु नानकदेव जी ने 1508 में यहाँ आने के बाद इसका नाम नानकमत्ता रखा।
  8. दूध वाला कुआं क्यों प्रसिद्ध है?

    • यह कुआं सिद्धों की एक घटना का प्रमाण है, जिसमें उन्होंने गुरु नानकजी से 36 प्रकार के भोजन के लिए दूध की मांग की थी। आज भी यहाँ से कच्चे दूध की महक आती है।

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