श्री बद्रीनाथ स्तुति और बद्रीनाथ पर संस्कृत उद्धरण (Badrinath Stuti and Quotes in Sanskrit)

श्री बद्रीनाथ स्तुति और बद्रीनाथ पर संस्कृत उद्धरण (Badrinath Stuti and Quotes in Sanskrit)

श्री बद्रीनाथ धाम, जिसे धरती का वैकुंठ कहा जाता है, भारत के उत्तराखंड में स्थित एक पवित्र तीर्थस्थल है। यह भगवान विष्णु के नर-नारायण स्वरूप को समर्पित है और लाखों भक्तों के लिए मोक्ष का मार्ग है। बद्रीनाथ के महत्व का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों, महाभारत, भागवत पुराण, स्कंद पुराण, और पद्म पुराण में मिलता है।

यहां प्रस्तुत हैं श्री बद्रीनाथ स्तुति, संस्कृत उद्धरण और बद्रीनाथ के पौराणिक महत्व की व्याख्या।

श्री बद्रीनाथ स्तुति (Shri Badrinath Stuti) Badrinath Quotes in Sanskrit

श्री बद्रीनाथ स्तुति (Shri Badrinath Stuti)

1.
भू-वैण्ठकृतावासं देवदेवं जगत्पतिम्।
चतुर्वर्गप्रदातारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

2.
तापत्रयहरं साक्षाच्छान्तिपुष्टिबलप्रदम्।
परमानन्ददातारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

3.
सद्यः पापक्षयकरं सद्यः कैवल्यदायकम्।
लोकत्रयविधातारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

4.
भक्तवाञ्छाकल्पतरुं करुणासारविग्रहम्।
भवाब्धिपारकर्तारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

5.
सर्वदेवनुतं शश्वत् सर्वतीर्थास्पदं विभुम्।
लीलयोपात्तवपुषं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

6.
अनादिनिधनं कालकालं भीमयमच्युतम्।
सर्वाश्चर्यमयं देवं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

7.
गन्धमादनकूटस्थं नरनारायणात्मकम्।
बदरीखण्डमध्यस्थं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

8.
शत्रूदासीनमित्राणां सर्वज्ञं समदर्शिनम्।
ब्रह्मानन्दचिदाभासं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम्।।

फलश्रुति (महात्म्य):
श्रीबद्रीशाष्टमिदं यः पठेत्प्रयतः शुचिः।
सर्वपापविनिर्मुक्तः स शान्तिं लभते पराम्।।


Badrinath Quotes in Sanskrit (बद्रीनाथ पर संस्कृत उद्धरण)

महाभारत से उद्धरण:

अन्यत्र मरणामुक्ति: स्वधर्म विधिपूर्वकात।
बदरीदर्शनादेव मुक्ति: पुंसाम करे स्थिता॥
अर्थ: अन्य तीर्थों में तो विधिपूर्वक धर्म का पालन और मृत्यु के बाद मुक्ति मिलती है, लेकिन बद्रीनाथ के दर्शन मात्र से ही मोक्ष प्राप्त हो जाता है।


श्री बद्रीवन स्तुति:

श्री बद्रीवन विच बद्री तरू तल बद्रीकाश्रम शोभितम्।
शैलशुभ हिमाल चाहुदिसि बदरीनाथ नमाभ्यहम्॥
ऋषि गंगा अलकनन्दा कुर्मधार प्रहृलादकम्।
शिला पंच शिर विरंजी बदरीनाथ नमाभ्यहम्॥

तप्तकुंड प्रचंड पावन धार गौमुख युग युगम्।
निकट नारद कुंड मंडित बदरीनाथ नमाभ्यहम्॥


श्री बद्रीनारायण स्तुति:

बद्रीनारायणं वन्दे, मञ्जुलकान्तिविग्रहम्।
तापसं परमं शुद्धम् सर्वसिद्धिप्रदं हरिम्॥


श्री बद्रीनाथ का पौराणिक महत्व:

  1. भागवत पुराण: भगवान विष्णु बद्रीनाथ में नर और नारायण के रूप में सहस्राब्दियों से ध्यान कर रहे हैं।
  2. स्कंद पुराण: "स्वर्ग और पृथ्वी पर कई तीर्थ हैं, लेकिन बद्रीनाथ जैसा कोई नहीं है।"
  3. पद्म पुराण: बद्रीनाथ का क्षेत्र आध्यात्मिक खजाने से भरा हुआ है।
  4. तमिल ग्रंथ नलयिरा दिव्य प्रबंधम: बद्रीनाथ मंदिर का उल्लेख दक्षिण भारत के पवित्र ग्रंथों में भी मिलता है।

सप्त बद्री (Sapta Badri)

उत्तराखंड में स्थित सप्त बद्री, भगवान विष्णु के सात मंदिरों का समूह है। बद्रीनाथ इन सप्त बद्री में सबसे प्रमुख स्थान है।

  • योगध्यान बद्री
  • अर्ध बद्री
  • नरसिंह बद्री
  • वृद्ध बद्री
  • धर बद्री
  • भविष्य बद्री
  • बद्रीनाथ

निष्कर्ष (Conclusion)

बद्रीनाथ का दर्शन और उसकी स्तुति मात्र से ही भक्तों को असीम शांति और मुक्ति की प्राप्ति होती है। यह धाम न केवल आध्यात्मिक साधना का केंद्र है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का भी अभिन्न हिस्सा है। आइए, श्री बद्रीनाथ स्तुति के माध्यम से उनकी कृपा प्राप्त करें।

ओम नमो भगवते वासुदेवाय!

श्री बद्रीनाथ स्तुति और उद्धरण FAQs

यहां श्री बद्रीनाथ स्तुति, बद्रीनाथ के संस्कृत उद्धरण, और तीर्थ के महत्व से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) दिए गए हैं।


1. श्री बद्रीनाथ कौन हैं?

उत्तर:
श्री बद्रीनाथ, भगवान विष्णु के नर-नारायण स्वरूप हैं, जो उत्तराखंड के हिमालय में स्थित बद्रीनाथ धाम में निवास करते हैं। यह स्थान वैकुंठ का प्रतीक माना जाता है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग है।


2. बद्रीनाथ की स्तुति का क्या महत्व है?

उत्तर:
बद्रीनाथ की स्तुति भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और सांसारिक पापों से मुक्ति पाने का साधन है। स्तुति का पाठ करने से भक्त को शांति, सुख, और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


3. बद्रीनाथ के दर्शन का पौराणिक महत्व क्या है?

उत्तर:
महाभारत और पुराणों के अनुसार, बद्रीनाथ के दर्शन मात्र से ही मोक्ष प्राप्ति संभव है। अन्य तीर्थों में स्वधर्म पालन और मृत्यु के बाद मुक्ति मिलती है, लेकिन बद्रीनाथ में यह दर्शन से ही संभव हो जाता है।


4. महाभारत में बद्रीनाथ के बारे में क्या लिखा गया है?

उत्तर:
महाभारत में उल्लेख है:
अन्यत्र मरणामुक्ति: स्वधर्म विधिपूर्वकात।
बदरीदर्शनादेव मुक्ति: पुंसाम करे स्थिता॥

इसका अर्थ है कि बद्रीनाथ के दर्शन मात्र से मोक्ष प्राप्त होता है।


5. श्री बद्रीनाथ स्तुति के क्या लाभ हैं?

उत्तर:
श्री बद्रीनाथ स्तुति के लाभ इस प्रकार हैं:

  • पापों का नाश
  • मोक्ष की प्राप्ति
  • शांति और सुख का अनुभव
  • भक्त की मनोकामनाओं की पूर्ति

6. बद्रीनाथ से जुड़े कौन-कौन से ग्रंथ हैं?

उत्तर:
बद्रीनाथ का उल्लेख निम्नलिखित ग्रंथों में मिलता है:

  • महाभारत
  • भागवत पुराण
  • स्कंद पुराण
  • पद्म पुराण
  • तमिल ग्रंथ नलयिरा दिव्य प्रबंधम

7. सप्त बद्री क्या है?

उत्तर:
सप्त बद्री, भगवान विष्णु के सात पवित्र मंदिरों का समूह है, जो उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है। इनमें प्रमुख हैं:

  • बद्रीनाथ
  • योगध्यान बद्री
  • अर्ध बद्री
  • नरसिंह बद्री
  • वृद्ध बद्री
  • धर बद्री
  • भविष्य बद्री

8. बद्रीनाथ धाम कब जाना चाहिए?

उत्तर:
बद्रीनाथ धाम मई से नवंबर के बीच खुला रहता है। खासतौर पर गर्मियों और चारधाम यात्रा के दौरान यहां जाना शुभ माना जाता है।


9. बद्रीनाथ के पास कौन-कौन से पवित्र स्थल हैं?

उत्तर:
बद्रीनाथ के पास स्थित पवित्र स्थल:

  • तप्त कुंड
  • नारद कुंड
  • शेष नेत्र
  • चरणपादुका
  • माणा गांव

10. बद्रीनाथ स्तुति का पाठ कैसे करें?

उत्तर:
श्री बद्रीनाथ स्तुति का पाठ स्वच्छता और श्रद्धा के साथ सुबह-शाम किया जा सकता है। इसे भगवान बद्रीनाथ के चित्र या मूर्ति के समक्ष बैठकर पढ़ें।


11. बद्रीनाथ धाम को धरती का वैकुंठ क्यों कहा जाता है?

उत्तर:
बद्रीनाथ धाम को धरती का वैकुंठ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह भगवान विष्णु का निवास स्थान है। यहां के दर्शन से भक्त को मोक्ष प्राप्त होता है।


12. क्या बद्रीनाथ यात्रा कठिन है?

उत्तर:
बद्रीनाथ यात्रा अब काफी सुविधाजनक हो गई है। सड़क मार्ग, बस, और हेलीकॉप्टर जैसी सेवाएं उपलब्ध हैं। यात्रा के दौरान ठंडी जलवायु के लिए तैयारी जरूरी है।


13. क्या बद्रीनाथ में केवल हिंदू ही दर्शन कर सकते हैं?

उत्तर:
नहीं, बद्रीनाथ धाम सभी धर्मों और आस्थाओं के लोगों के लिए खुला है। यहां कोई भी भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।


14. क्या बद्रीनाथ में अन्य तीर्थ भी हैं?

उत्तर:
हां, बद्रीनाथ के आसपास कई तीर्थ हैं, जैसे तप्त कुंड, नारद कुंड, माणा गांव, और पंच बद्री के अन्य स्थल।


15. बद्रीनाथ स्तुति पाठ से जुड़ी कोई विशेष मान्यता है?

उत्तर:
मान्यता है कि जो भक्त श्री बद्रीनाथ स्तुति को शुद्ध मन से पढ़ते हैं, उन्हें सभी पापों से मुक्ति मिलती है और वे शाश्वत शांति का अनुभव करते हैं।


“जय बद्रीनारायण”

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