स्व. इंद्रमणि बडोनी जी पर कविता – "पहाड़ का गांधी" - Poem on Late Indramani Badoni - "The Gandhi of the Mountains"
स्व. इंद्रमणि बडोनी जी पर कविता – "पहाड़ का गांधी"
उत्तराखंड की मिट्टी में समाया था जो जुनून,
स्व. इंद्रमणि बडोनी जी का था एक अलग ही मिजाज।
कभी ना थमने वाला उनका संघर्ष था अनमोल,
जिसने उत्तराखंड की भूमि को दिया एक नया उजाला।
पहाड़ों की वाणी, निडर थी उनकी आवाज,
जो हर दिल में बसा, वही था उनका राज।
दूरदृष्टि और संकल्प, क़दमों में थे विश्वास,
उत्तराखंड के लिए, वो थे अपार ताज।
बचपन से ही उनके मन में जलती थी एक आस,
नन्हे कदमों से ही बढ़ाए उन्होंने विश्वास।
सपना था उनका एक राज्य मिले अलग,
जहाँ का हर बच्चा, माने स्वतंत्रता का रंग।
"पहाड़ का गांधी", यही था उनका नाम,
हर दिल में बसे वो, जिनके लिए था काम।
वो ना थे राजनेता, पर जन नेता बने,
देश की धड़कन, उत्तराखंड के बने।
सिंहासन की ललक नहीं थी उनके दिल में,
बस एक सपना था, अपनी धरती पर अलख जलाए।
आंधी आई, तूफ़ान आए, फिर भी ना रूके कदम,
इंद्रमणि जी के संघर्ष में था जीवन का परम।
उत्तराखंड की धारा, उस दिशा में बह चली,
जिसे इंद्रमणि जी ने सुझाया था सही।
आज राज्य है हमारा, पर उनका था स्वप्न,
उनके संघर्ष के बिना, यह अधूरा सा था कर्म।
शत शत नमन, इंद्रमणि जी को,
आपकी शक्ति से ही, पहाड़ों ने पाया है जो।
जीवन को संघर्ष माना, रास्ता आपके दिखाए,
आपका योगदान, उत्तराखंड हमेशा याद बनाए।
निष्कर्ष:
स्व. इंद्रमणि बडोनी जी का जीवन एक प्रेरणा है, जिन्होंने उत्तराखंड राज्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष किया। उनकी तन्मयता, दूरदृष्टि, और बलिदान ने उत्तराखंड को एक नई दिशा दी। उनका योगदान हमेशा उत्तराखंडवासियों के दिलों में जीवित रहेगा।
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