भट्वाणी (चुड़कानी) बनाने की विधि:
सामग्री:
- 1 कप भट्ट की दाल
- 1 छोटा चम्मच घी
- 1 चम्मच तेल
- 1 प्याज (बारीक कटा हुआ)
- 1 टमाटर (बारीक कटा हुआ)
- 5-6 लहसुन की कलियाँ (कटी हुई)
- 1 छोटा चम्मच जख्या (अदरक-लहसुन का पेस्ट)
- 1 चम्मच जम्बू (आलू का चटपटा मसाला)
- 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1/2 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
- नमक स्वाद अनुसार
- 1-2 टेबलस्पून धनिया पाउडर
- 1/2 कप झंगोरा या भात (साथ में परोसने के लिए)
विधि:
भट्ट की दाल भूनना:
- सबसे पहले, भट्ट की दाल को हल्की राख डालकर बिना तेल के अच्छे से भून लें। इससे दाल चटक जाएगी और बर्तन में चिपकेगी नहीं।
तड़का तैयार करना:
- एक कढ़ाई में घी और तेल डालें। उसमें प्याज, लहसुन, जख्या और जम्बू का तड़का दें।
- जब प्याज सुनहरा हो जाए, तो उसमें टमाटर डालकर पका लें।
मसाले डालना:
- अब, हल्दी पाउडर, मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और नमक डालें। अच्छे से मिलाकर 2-3 मिनट तक पकने दें।
भट्ट डालना और पकाना:
- भुनी हुई भट्ट की दाल को तड़के में डालें और अच्छे से मिला लें। फिर, इसे ढककर कुछ देर पकने दें ताकि सारी खुशबू और स्वाद दाल में समा जाए।
सर्विंग:
- भट्वाणी को गर्मागर्म भात या झंगोरा के साथ परोसें।
टिप्स:
- भट्ट की दाल को बिना तेल के भूनने से इसका स्वाद और भी बेहतर हो जाता है।
- भट्वाणी को सर्दियों में ताजे घी के साथ खाना खास अनुभव देता है।
भट्ट की दाल के फायदे
भट्ट की दाल, जो उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में एक पारंपरिक और लोकप्रिय भोजन है, न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है। यहां भट्ट की दाल के कुछ महत्वपूर्ण फायदे दिए जा रहे हैं:
प्रोटीन का अच्छा स्रोत
भट्ट की दाल प्रोटीन से भरपूर होती है, जो शरीर के लिए आवश्यक है। यह मांसपेशियों को मजबूत बनाने और शरीर में ऊर्जा बनाए रखने में मदद करती है। यह शाकाहारी लोगों के लिए एक बेहतरीन प्रोटीन स्रोत है।पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखता है
भट्ट की दाल फाइबर से समृद्ध होती है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। यह कब्ज़ की समस्या को दूर करने में मदद करती है और आंतों को साफ रखती है।रक्तचाप नियंत्रित करने में मददगार
भट्ट की दाल में पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज होते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।वजन नियंत्रण में सहायक
भट्ट की दाल में फाइबर और प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है, जो लंबे समय तक तृप्ति का अहसास कराती है। इससे ओवरईटिंग से बचने में मदद मिलती है और वजन नियंत्रण में रहता है।हड्डियों के लिए फायदेमंद
भट्ट की दाल में कैल्शियम और आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। यह अस्थि रोगों से बचाव में भी सहायक है।हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखता है
भट्ट की दाल में मौजूद जिंक, आयरन, और फाइबर हृदय की सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है
भट्ट की दाल में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं और संक्रमण से बचाव करते हैं।कम रक्त शर्करा (Blood Sugar) के लिए फायदेमंद
भट्ट की दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है। यह मधुमेह के रोगियों के लिए एक अच्छा आहार विकल्प है।त्वचा के लिए लाभकारी
भट्ट की दाल में मौजूद आयरन और जिंक त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह त्वचा की समस्याओं को कम करने और चमक बनाए रखने में मदद करती है।स्वास्थ्यवर्धक और संतुलित आहार
भट्ट की दाल में प्रमुख पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज होते हैं, जो शरीर के समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी होते हैं।
भट्वाणी बनाने की विधि - FQCs (Frequently Asked Cooking Questions)
भट्वाणी में किस प्रकार की दाल का उपयोग किया जाता है?
- भट्वाणी में भट्ट की दाल का उपयोग किया जाता है, जो उत्तराखंड की पारंपरिक दाल है।
क्या भट्ट की दाल को पहले से भिगोने की आवश्यकता है?
- नहीं, भट्ट की दाल को भट्वाणी बनाने से पहले भिगोने की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन कुछ लोग इसे कुछ समय के लिए भिगोते हैं ताकि यह जल्दी पक जाए।
भट्वाणी में किस प्रकार के मसाले डाले जाते हैं?
- भट्वाणी में हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, जख्या (अदरक-लहसुन का पेस्ट), और जम्बू (आलू का मसाला) डाले जाते हैं।
क्या भट्वाणी में तेल का उपयोग किया जाता है?
- हां, भट्वाणी में तड़के के लिए घी और तेल का मिश्रण उपयोग किया जाता है।
क्या भट्वाणी को गर्मागर्म किसके साथ परोसा जा सकता है?
- भट्वाणी को झंगोरा (एक प्रकार का चावल) या भात के साथ गर्मागर्म परोसा जा सकता है।
भट्ट की दाल को भूनने का क्या फायदा है?
- भट्ट की दाल को बिना तेल के हल्का सा भूनने से इसका स्वाद और भी बेहतर हो जाता है और यह बर्तन में चिपकती नहीं है।
क्या भट्वाणी सिर्फ सर्दियों में ही बनानी चाहिए?
- भट्वाणी खासकर सर्दियों में बहुत पसंद की जाती है, लेकिन इसे अन्य मौसमों में भी बनाया जा सकता है।
क्या भट्वाणी को स्टोर किया जा सकता है?
- भट्वाणी को ताजे-ताजे खाना सबसे अच्छा होता है, लेकिन यदि बच जाए तो इसे फ्रिज में स्टोर किया जा सकता है और फिर गर्म करके खाया जा सकता है।
भट्वाणी को किसे पसंद आता है?
- भट्वाणी उत्तराखंड में विशेष रूप से शीतकाल में पसंद की जाती है, लेकिन यह सभी उम्र के लोगों को पसंद आती है, खासकर मसालेदार और गरमागरम खाने के शौक़ीनों को।
क्या भट्वाणी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है?
- हां, भट्वाणी पोषक तत्वों से भरपूर होती है और सर्दियों में शरीर को गर्माहट देने के लिए बहुत फायदेमंद है। यह पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखती है।
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