पहाड़ों पर उगने वाला मीठा करेला बन रहा सबकी पसंद - Sweet bitter gourd grown in the mountains is becoming everyone's favourite

पहाड़ों पर उगने वाला मीठा करेला बन रहा सबकी पसंद

पहाड़ी संस्कृति और खान-पान में विशेषता का रंग घुला हुआ है, जो इसे विशिष्ट और पौष्टिक बनाता है। पहाड़ों में उगने वाली सब्जियों में एक नाम है मीठा करेला, जिसे विभिन्न क्षेत्रों में परमला, ककोड़ा, राम करेला, गुजकरेला, किंकोड़ा, घुनगड़ी जैसे कई नामों से पहचाना जाता है। इसे मुख्यतः पर्वतीय इलाकों में अगस्त से नवंबर तक उगाया जाता है। अपने औषधीय गुणों और स्वाद के कारण यह सबकी पसंद बन गया है।

मीठा करेले के स्वास्थ्यवर्धक गुण

मीठा करेला न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। इसमें भरपूर मात्रा में आयरन, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, प्रोटीन, और कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और खून को साफ करने में सहायक हैं। इसके सेवन से एनीमिया, सिरदर्द, और थकान जैसी समस्याओं से निजात मिलती है।

एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण यह कैंसर, आंखों की रोशनी, और लिवर की मजबूती के लिए भी लाभकारी है। इसके सेवन से डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याओं में भी आराम मिलता है, ठीक वैसे ही जैसे कड़वा करेला डायबिटीज का दुश्मन माना जाता है।

मीठे करेले के विभिन्न उपयोग

मीठा करेला कच्चा, पकाकर, या सुखाकर तीनों तरीकों में खाया जा सकता है। इसका स्वाद हल्का मीठा और खीरे जैसा होता है, और इसे छोटी उम्र में कच्चा भी खाया जा सकता है। इसकी सब्जी बनाने के लिए इसे हल्का भूनकर या बेसन का घोल मिलाकर भी तैयार किया जा सकता है, जो बहुत ही स्वादिष्ट होता है। इसके बीजों को भी भूनकर खाया जा सकता है।

औषधीय लाभ

  • चर्म रोगों में: इसकी पत्तियों का रस त्वचा रोगों में लाभकारी होता है।
  • पाचन तंत्र के लिए: यह पेट के कीड़ों को मारने में सहायक है।
  • डायबिटीज के लिए: इसके सेवन से ब्लड शुगर नियंत्रित रहती है।
  • चोट और घावों में: इसकी जड़ का चूर्ण त्वचा पर लेप करने से राहत मिलती है।

मीठे करेले की पहचान और नामकरण

इसका वैज्ञानिक नाम Cilanthra pedata है। कहा जाता है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान इसका सेवन किया था, इसी कारण इसे राम करेला भी कहा जाने लगा।

लोकप्रियता में वृद्धि

पहाड़ी इलाकों में इसकी अच्छी पैदावार के कारण यह कई लोगों की आजीविका का साधन भी बन गया है। अब यह देहरादून, हल्द्वानी जैसे शहरों के बाजारों में भी उपलब्ध है और तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है।

निष्कर्ष: मीठा करेला एक ऐसी पौष्टिक और औषधीय सब्जी है, जो न केवल स्वास्थ्य लाभ देती है बल्कि इसकी अद्वितीय स्वाद और पोषण संबंधी गुण इसे हर घर की पसंद बना रहे हैं।

पहाड़ों पर उगने वाला मीठा करेला बन रहा सबकी पसंद - Frequently Asked Questions (FAQs)


1. मीठा करेला (ककोड़ा) क्या होता है?

मीठा करेला (ककोड़ा) एक पहाड़ी सब्जी है, जिसे विभिन्न क्षेत्रों में परमला, ककोड़ा, राम करेला, गुजकरेला, किंकोड़ा, और घुनगड़ी जैसे नामों से जाना जाता है। इसका स्वाद हल्का मीठा और खीरे जैसा होता है, और यह मुख्य रूप से उत्तराखंड और हिमाचल जैसे पर्वतीय इलाकों में उगाया जाता है।

2. मीठा करेला (ककोड़ा) कब उगता है?

मीठा करेला पर्वतीय इलाकों में मुख्य रूप से अगस्त से नवंबर तक उगाया जाता है। यह मौसम के हिसाब से बहुत ही खास और पौष्टिक होता है, जो खासकर सर्दियों में अधिक पाया जाता है।

3. मीठा करेला के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?

मीठा करेला कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसमें आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, प्रोटीन, और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जो:

  • एनीमिया (खून की कमी) और थकान से राहत दिलाते हैं।
  • डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक है।
  • कैंसर और लिवर की समस्याओं को कम करने में मददगार होता है।
  • चर्म रोगों (त्वचा से जुड़ी समस्याएं) में भी फायदा होता है।

4. मीठा करेला (ककोड़ा) कैसे खाया जा सकता है?

मीठा करेला कई तरह से खाया जा सकता है:

  • इसे कच्चा खा सकते हैं, जो हल्का मीठा और ताजगी से भरा होता है।
  • इसे पकाकर सब्जी बना सकते हैं।
  • इसे सुखाकर भी खाया जा सकता है।
  • बेसन के साथ इसका घोल बनाकर भूनकर स्वादिष्ट बनाया जा सकता है।

5. क्या मीठा करेला (ककोड़ा) का सेवन बच्चों के लिए सुरक्षित है?

मीठा करेला बच्चों के लिए सुरक्षित है, खासकर यदि इसे हल्के मसालों के साथ पकाया जाए। इसके हल्के मीठे स्वाद के कारण बच्चे भी इसे पसंद कर सकते हैं और यह उनके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

6. मीठा करेला (ककोड़ा) का औषधीय उपयोग क्या है?

मीठा करेला औषधीय गुणों से भरपूर होता है:

  • चर्म रोगों में: इसके पत्तियों का रस त्वचा के रोगों में राहत देता है।
  • पाचन तंत्र: पेट के कीड़ों को खत्म करने में सहायक है।
  • डायबिटीज: ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  • चोटों और घावों में: इसकी जड़ का चूर्ण त्वचा पर लगाने से घाव जल्दी ठीक होते हैं।

7. मीठा करेला का वैज्ञानिक नाम क्या है?

मीठा करेला का वैज्ञानिक नाम Cilanthra pedata है। यह नाम इसके पौधे की विशेषता और जड़ी-बूटी के रूप में उपयोग को दर्शाता है।

8. मीठा करेला का नाम 'राम करेला' क्यों पड़ा?

कहा जाता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान मीठा करेला का सेवन किया था। इसी कारण इसे "राम करेला" भी कहा जाने लगा। यह एक धार्मिक संदर्भ से जुड़ा हुआ नाम है।

9. क्या मीठा करेला के बीजों का उपयोग किया जा सकता है?

जी हां, मीठा करेला के बीजों का भी उपयोग किया जा सकता है। इन्हें भूनकर खाया जा सकता है, और यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।

10. मीठा करेला कहाँ-कहाँ मिलता है?

मीठा करेला मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है, लेकिन अब यह देहरादून, हल्द्वानी और अन्य शहरी बाजारों में भी उपलब्ध है। इसकी लोकप्रियता बढ़ने के कारण अब यह अधिकांश स्थानों पर आसानी से मिल सकता है।

11. मीठा करेला के फायदे डायबिटीज में कैसे काम करते हैं?

मीठा करेला का सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को फायदा होता है। इसके अंदर मौजूद घटक पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करते हैं।

12. क्या मीठा करेला खाने से वजन घटाने में मदद मिल सकती है?

जी हां, मीठा करेला कम कैलोरी और उच्च फाइबर से भरपूर होता है, जो पेट को भरकर भूख को नियंत्रित करता है और वजन घटाने में सहायक हो सकता है।


 

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