pahad mero janma bhumi मेरो जन्मभूमि मेरो पहाड़

मेरो जन्मभूमि मेरो पहाड़

pahad mero janma bhumi मेरो जन्मभूमि मेरो पहाड़

मेरो जन्मभूमि मेरो पहाड़

"पहाड़ जन्म मेरो"

पहाड़ा जन्म मेरो , पहाड़े करनू बात ।

परदेश में रोनू अब , हेगयू नीलाम ।।

pahad mero janma bhumi मेरो जन्मभूमि मेरो पहाड़

            (पहाड़ का हाल )

पेली गो - गो लागछी, अब सुनसान लागमेई।

अपुन सब भाझमेई , मुसेई ये आमेई ।।

आई ले भखत छू , बेचेलियो पहाड़ , 

नी करो रे पहाड़ हलाल ।।

           (पलायन का कारण)

पेलिकेबे बाहारी लोग यति दवाप लागरेई ।

जेक नान तीन स्यान हेते गई , ऊ तलिही जाते रई।।

किलेकी यति सरकार नाकाम छू,

शराबे रेट कम करबे , बसे रेट बढ़ा मेई।।

यस छू पहाड़े सरकार हाल ,

सरकार ले कर रो पहाड़े बरबाद।


           (पहाड़ की समस्या)

चीड़ दाओ लेगेबे उतार हेली पहाड़े खाल।

डाओ , बोटी , पंछी , नोहो सुकेहेली तुमुल सब धार।।

अरे के भल भल योजना लेबे , गो - गोनुमे पाण पहुचाओ।

आई ले भाखत छू , अपुन पहाड़े के बचाओ।।

किले की कुछ साल में ख़तम हेजाल पहाड़ ।

जीतू बच राई उन गू नी करो बेहाल।।


               (शहरों में )

पेली मेस- मेस होछी , अब राक्षक हेमेई ।

काम कम  , शिकार सकर खामेई।।

जादू - टोना , तंतर मंतर करनी ।

च्योल बाप के , ब्वारी सास के मारमेई।।

कीपार विश्वास करू , याति सब पराया छी।

शहरों में अपुन ले गायब छी । 

हे मेरा कुल देवता , अब तेरी छू आस 

धर दिए तू मेरी पहाड़ की लाज।।


              (देवभूमि)

मेल सोच रो एक साल , सैमज्यू थानम बैस करुल।

अपुन संस्कृति , अपुन दयापताऊ ले ख्याल रखुल ।।

हे मेरा इष्टा ,

यो संसार त्यारे छू , किरपा धरिए ।

तेरी फूले बाड़ी छू , पहर करिए ।।


पहाड़े जन्म मेरो , पहाड़े करनू बात ।

देवभूमि छू , तपोभूमि छू मेरो पहाड़ ।

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