हिमाचल प्रदेश के कृषि व बागवानी (Agriculture and Horticulture of Himachal Pradesh)

हिमाचल प्रदेश के कृषि व बागवानी (Agriculture and Horticulture of Himachal Pradesh)

हिमाचल प्रदेश के कृषि व बागवानी

हिमाचल प्रदेश के कृषि व बागवानी

  • कृषि - राज्य के कुल राज्य घरेलू उत्पाद का लगभग 15% कृषि तथा इससे संबंधित क्षेत्रों से प्राप्त होता है। प्रदेश के कुल 55.67 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में से 9.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र 9.33 लाख किसानों द्वारा जोता जाता है। प्रदेश में औसतन जोत 1.04 हेक्टेयर है।
हिमाचल प्रदेश के कृषि व बागवानी
  • कृषि जलवायु - कुल जोते गए क्षेत्र में से 81.5% क्षेत्र वर्षा पर आधारित है। चावल, गेहूँ तथा मक्की राज्य की मुख्य खाद्य फसलें हैं। मूंगफली, सोयाबीन तथा सूरजमुखी खरीफ मौसम की तथा तिल, सरसों और तोरियां रबी मौसम की प्रमुख फसलें हैं। उड़द, बीन, मूंग, राजमाश राज्य में खरीफ की तथा चना, मसूर रबी की प्रमुख दालें हैं। कृषि जलवायु के अनुसार राज्य को चार क्षेत्रों में बाँटा जा सकता है जैसे -
  1. उपोष्णीय, उप पर्वतीय निचले पहाड़ी क्षेत्र
  2. उप समशीतोष्ण नमी वाले मध्य पर्वतीय क्षेत्र
  3. नमी वाले ऊँचे पर्वतीय क्षेत्र
  4. शुष्क तापमान वाले ऊँचे पर्वतीय क्षेत्र व शीत मरुस्थल
  • प्रदेश की कृषि जलवायु आलू, अदरक तथा बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन के लिए बहुत ही उपयुक्त है। राज्य में औसतन 1435 मिमी. वर्षा होती है।
  • हिमाचल प्रदेश के कुल क्षेत्रफल के 12% भाग पर बिजाई की जाती है।
  • हिमाचल प्रदेश के कुल बिजाई क्षेत्रफल के 83.10% भाग में खाद्यान्नों की बिजाई की जाती है। सर्वाधिक बोयी जाने वाली फसल गेहूँ है।
  1. गेहूँ - 38.5%
  2. मक्की - 31.6%
  3. धान - 8.6%
  4. जौ - 2.7%
  5. अन्य खाद्यान्न - 1.7%
👉कुल = 83.10%
👉 वर्ष 2009-10, 2010-11 और 2011-12 में मक्की का उत्पादन गेहूँ से अधिक हुआ है।

कुल बिजाई क्षेत्रफल के 3.6% भाग में दालों, 3.4% भाग में सब्जियों और 5.6% भाग में फलों की खेती होती है। सर्वाधिक खेती काँगड़ा जिले में होती है। काँगड़ा के बाद मण्डी जिले का स्थान आता है। लाहौल-स्पीति जिले में सबसे कम खेती होती है।

  • प्रमुख फसलें -

👉 गेहूँ - गेहूँ रबी की फसल है। हिमाचल प्रदेश के 38.5% कृषि योग्य भूमि पर गेहूँ की खेती होती है। कृषि अधीन क्षेत्र की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश में गेहूँ का स्थान प्रथम स्थान है। गेहूँ उत्पादन की दृष्टि से मक्की के बाद दूसरे स्थान पर आता है। कांगड़ा जिले में गेहूँ के अंतर्गत सर्वाधिक (93859 हेक्टेयर) कृषि भू-भाग है, जबकि लाहौल-स्पीति में सबसे कम (57 हेक्टेयर) कृषि भू-भाग है। काँगड़ा जिले में गेहूँ का सर्वाधिक (90430 मीट्रिक टन) उत्पादन होता है जबकि लाहौल-स्पीति में सबसे कम (80 मीट्रिक टन) उत्पादन होता है। आर. आर. -21, कल्याण सोना, सोनालिका गेहूँ की उत्तम किस्में है।

👉 मक्का - मक्का खरीफ की फसल है। हिमाचल प्रदेश के 31.6% कृषि योग्य भूमि पर मक्का की खेती होती है। कृषि अधीन क्षेत्र की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश में मक्का का स्थान दूसरा है। मक्का उत्पादन की दृष्टि से प्रथम स्थान पर है। काँगड़ा जिले में मक्का के अधीन सर्वाधिक (58455 हेक्टेयर) कृषि भू-भाग है। लाहौल-स्पीति जिले में सबसे कम मक्का का उत्पादन होता है। हिम-123, गंगा-3, विजय और अम्बर मक्का की उत्तम किस्में है। मक्का उत्पादन में हिमाचल प्रदेश भारत में पाँचवें स्थान पर है।
👉 चावल - चावल/धान खरीफ की फसल है। कृषि योग्य भूमि के 8.6% भाग पर चावल की खेती होती है। कृषि अधीन क्षेत्र की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश में चावल का तीसरा स्थान है। काँगड़ा जिले में सर्वाधिक चावल की खेती और उत्पादन होता है।
👉 जौ - वर्ष 2011-12 में 32.68 हजार टन जौ का उत्पादन हुआ था। कुल कृषि योग्य भूमि के 2.7% भू-भाग में जौ की खेती होती है। वर्ष 2008-09 में जौ का सर्वाधिक उत्पादन (4290 मीट्रिक टन) कुल्लू जिले में हुआ था जबकि जौ के अधीन सर्वाधिक क्षेत्रफल में खेती (4042 हेक्टेयर) चम्बा जिले में हुई। ऊना जिले में न्यनतम जौ का उत्पादन होता है।
👉 रागी - वर्ष 2011-12 में 2.80 हजार टन रागी का उत्पादन हुआ था। शिमला जिले में रागी का सर्वाधिक उत्पादन होता है।
👉 दालें - वर्ष 2011-12 में 34.92 हजार टन दालों का उत्पादन हुआ था। वर्ष 2008-09 में शिमला जिले में 4740 मीट्रिक टन तथा मण्डी जिले में 4670 मीट्रिक टन दालों का उत्पादन हुआ था। शिमला जिले में दालों के अंतर्गत सर्वाधिक कृषि भू-भाग है। लाहौल-स्पीति में दालों का उत्पादन नहीं होता है। कृषि योग्य भूमि के 3.6% भू-भाग पर दालों की खेती होती है।
कुल खाद्यान्न उत्पादन में काँगड़ा जिला प्रथम, मण्डी जिला दूसरे और ऊना जिला तीसरे स्थान पर है।
👉 तिलहन - तिलहन का सर्वाधिक उत्पादन काँगड़ा जिले में होता है जबकि न्यनतम उत्पादन किन्नौर जिले में होता है। वर्ष 2008-09 में 4980 मीट्रिक टन तिलहन का उत्पादन हुआ जबकि 15441 हेक्टेयर में तिलहन की खेती की गई।
👉 चुकंदर - किन्नौर में चुकंदर का उत्पादन होता है।
👉 अदरक - हिमाचल प्रदेश का अदरक उत्पादन में देश भर में केरल के बाद दूसरा स्थान है। सिरमौर में सर्वाधिक अदरक (11692 मीट्रिक टन 2008-09 में) का उत्पादन होता है।

👉 सब्जियां - 

हिमाचल प्रदेश के कुल कृषि योग्य भूमि के 3.4% भू-भाग पर सब्जियां उगाई जाती हैं। वर्ष 2011-12 में 1356.60 हजार टन सब्जियों का उत्पादन हुआ। हिमाचल प्रदेश में 67968 हेक्टेयर भू-भाग में सब्जियाँ उगाई जाती हैं। वर्ष 2011-12 में सर्वाधिक सब्जियाँ शिमला जिले में (11986 हेक्टेयर) उगाई गई परन्तु सर्वाधिक सब्जियों का उत्पादन सोलन जिले में (244.43 हजार टन) हुआ। सबसे कम सब्जियों का उत्पादन व खेती ऊना जिले में होती है।
  1. आलू - हिमाचल प्रदेश को 'होम ऑफ़ सीड पोटैटो' कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश आलू के उत्पादन में दसवें स्थान पर है। शिमला जिले में आलू का सर्वाधिक उत्पादन होता है। शिमला जिले में 77 हजार टन आलू का उत्पादन हुआ। कुफरी चन्द्रमुखी, कुफरी अलंकार, कुफरी जीवन, कुफरी ज्योति, गिरिराज, पुखराज, अशोका, जवाहर, ज्योति, सिंदरी, बादशाह, गुलमर्ग आलू की मुख्य किस्में हैं। शिमला के कुफरी में CPRI (केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान) स्थित है जो 1956 में पटना से शिमला के कुफरी में स्थानांतरित किया गया। लाहौल घाटी का प्रति हेक्टेयर आलू उत्पादन में विश्व रिकार्ड है।
  2. मटर - लिंकन बून विला मटर की एक किस्म है।
  3. टमाटर - सोलन जिले में सर्वाधिक टमाटर का उत्पादन होता है।
  4. काला जीरा - काला जीरा किन्नौर में सर्वाधिक होता है।
  5. मिर्च - सिरमौर जिले में मिर्च का सर्वाधिक उत्पादन होता है। सिरमौर जिले में 92 मीट्रिक टन मिर्च का उत्पादन हुआ।
  6. खुम्भ/मशरूम - सोलन को खुम्भ नगरी / मशरूम शहर कहते हैं। यहाँ मशरूम का सर्वाधिक उत्पादन होता है। सोलन में राष्ट्रीय मशरूम अनुसंधान संस्थान स्थित है। वर्ष 2012-13 में 3471 मीट्रिक टन मशरूम उत्पादन हुआ।

👉 कृषि से जुड़े अन्य क्रियाकलाप - 

वर्ष 2010-11 मिट्टी जांच के लिए एक चलित प्रयोगशाला पालमपुर में स्थापित की गई है। हिमालय क्षेत्र के कुल बायोगैस उत्पादन का लगभग 90.86% अकेले हिमाचल प्रदेश में होता है। हिमाचल प्रदेश में सितम्बर 2012 तक 1614 बैंक शाखाओं ने 4,91,756 K.K.C. (किसान क्रेडिट कार्ड) जारी किए थे और 2334 करोड़ के कृषि ऋण दिए गए थे। वर्ष 1999-2000 में "राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना" आरंभ की गई। हिमाचल प्रदेश कृषि वानिकी उत्पादन विपणन एक्ट 2005 लागू किया गया, जिसके अंतर्गत हिमाचल प्रदेश विपणन बोर्ड की स्थापना की गई। वर्ष 2007-08 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना प्रदेश में आरंभ हुई।
👉बागवानी - हिमाचल प्रदेश के 5.6% कृषि योग्य भू-भाग पर फलों को उगाया जाता है। वर्ष 2010-11 में बागवानी के अंतर्गत 211.295 हजार हेक्टेयर क्षेत्र था जिसमें से सेब के अधीन 101.485 हजार हेक्टेयर और आम के अधीन 39.194 हजार हेक्टेयर क्षेत्र था। सर्वाधिक 41.328 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर फलों को शिमला जिले में उगाया गया, दूसरा स्थान काँगड़ा जिले का आता है।

हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2011-12 में 3.60 लाख टन फलों का उत्पादन हुआ जिसमें से 2.75 लाख टन सेब का और 27 हजार टन आम का उत्पादन हुआ। शिमला जिला 1.73 लाख टन फलों के उत्पादन के साथ प्रथम स्थान पर व कुल्लू जिला 54 हजार टन फलों के उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर रहा।

  • सेब - हिमाचल प्रदेश भारत में सेब उत्पादन में जम्मू-कश्मीर के बाद दूसरे स्थान पर आता है। अलेक्जेण्डर कोल्ट ने 1887 ई. में शिमला के मशोबरा में सेब के बाग़ लगवाए। सेब की खेती वास्तव में 1918 ई. में प्रारम्भ हुई जब सैमुअल इवान्स स्टोक्स ने कोटगढ़ में अमेरिकी किस्म के सेब के बाग़ लगवाए। आर. सी. ली. ने 1870 ई. में हिमाचल प्रदेश में ब्रिटिश किस्म के सेब के बाग़ लगवाए। जॉनथन रेड डिलीशियस, रोम ब्यूटी, आर. ली. शानवरी, ब्यूटी ऑफ़ शिमला सेब की किस्में है। शिमला जिले में सर्वाधिक सेब का उत्पादन होता है।
  • कुठ - कुठ की खेती मुख्यत: लाहौल-स्पीति में की जाती है। इसका उत्पादन 1925 ई. में शुरू हुआ।
  • केसर - केसर का उत्पादन लाहौल-स्पीति जिले में होता है।
  • किवी - किवी को चीनी गुजबैरी भी कहते हैं। शिमला में किवी का उत्पादन 1969 ई. में शुरू हुआ। सर्वाधिक किवी का उत्पादन सोलन जिले में होता है।
  • आम - आम का सर्वाधिक उत्पादन (16.7 हजार टन) काँगड़ा जिले में होता है। ऊना जिले का आम उत्पादन में दूसरा स्थान है।
  • फल उत्पादक जिले -
1. फल :- सेब
👉 सर्वाधिक फल उत्पादन करने वाला जिला :- शिमला
👉 सर्वाधिक फल क्षेत्रफल वाला जिला :- शिमला
2. फल :- प्लम
👉 सर्वाधिक फल उत्पादन करने वाला जिला :- कुल्लू
👉 सर्वाधिक फल क्षेत्रफल वाला जिला :- मण्डी
3. फल :- चैरी
👉 सर्वाधिक फल उत्पादन करने वाला जिला :- शिमला
👉 सर्वाधिक फल क्षेत्रफल वाला जिला :- शिमला
4. फल :- बादाम
👉 सर्वाधिक फल उत्पादन करने वाला जिला :- शिमला
👉 सर्वाधिक फल क्षेत्रफल वाला जिला :- शिमला
5. फल :- अखरोट
👉 सर्वाधिक फल उत्पादन करने वाला जिला :- सिरमौर
👉 सर्वाधिक फल क्षेत्रफल वाला जिला :- चम्बा
6. फल :- आम
👉 सर्वाधिक फल उत्पादन करने वाला जिला :- काँगड़ा
👉 सर्वाधिक फल क्षेत्रफल वाला जिला :- काँगड़ा
7. फल :- लीची
👉 सर्वाधिक फल उत्पादन करने वाला जिला :- काँगड़ा
👉 सर्वाधिक फल क्षेत्रफल वाला जिला :- काँगड़ा
8. फल :- अमरूद
👉 सर्वाधिक फल उत्पादन करने वाला जिला :- काँगड़ा
👉 सर्वाधिक फल क्षेत्रफल वाला जिला :- काँगड़ा
9. फल :- अंगूर
👉 सर्वाधिक फल उत्पादन करने वाला जिला :- किन्नौर
👉 सर्वाधिक फल क्षेत्रफल वाला जिला :- किन्नौर
10. फल :- अनार
👉 सर्वाधिक फल उत्पादन करने वाला जिला :- कुल्लू
👉 सर्वाधिक फल क्षेत्रफल वाला जिला :- मण्डी
  • चाय - चाय का सर्वाधिक उत्पादन काँगड़ा जिले में होता है। काँगड़ा जिले में चाय का उत्पादन 1850 ई. में शुरू हुआ। काँगड़ा चाय ग्रीन गोल्ड नाम से बिकती है। चाय की खेती 2300 हेक्टेयर क्षेत्र में होती है।
  • सूखे मेवे - सूखे फल और मेवों का क्षेत्र 1960-61 के 231 हेक्टेयर से बढ़कर 2011-12 में 11,039 हेक्टेयर हो गया।
  • अन्य बागवानी फसलें - हिमाचल प्रदेश में 2012 तक 556 हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती होती थी। वर्ष 2012-13 में 243 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन हुआ। खड़ा पत्थर (शिमला) के समीप \"एंटी हेलगन तथा रडार\" स्थापित किया गया है। शिमला के नौबहार, काँगड़ा के धर्मशाला और कुल्लू के बजौरा में (FPNL) फलीय पौधे पोषाहार प्रयोगशाला स्थित है।

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