हिमाचल प्रदेश के कल्याणकारी योजनाएँ(Welfare Schemes of Himachal Pradesh)
हिमाचल प्रदेश के कल्याणकारी योजनाएँ(Welfare Schemes of Himachal Pradesh)
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हिमाचल प्रदेश के कल्याणकारी योजनाएँ |
कल्याणकारी योजनाएँ
- वृद्धावस्था पेंशन - ऐसे वृद्ध व्यक्ति जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है तथा जिनकी वार्षिक परिवार की आय 35 हजार से कम हो।
- अपंग राहत भत्ता - ऐसे अपंग व्यक्ति जिन्हें 40% या इससे अधिक स्थायी अपंगता हो तथा जिनकी वार्षिक परिवार की आय 35 हजार से कम हो।
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना - 40 से 79 वर्ष की (BPL) चयनित परिवारों की विधवाओं को यह पेंशन दी जा रही है।
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना - इस योजना के अंतर्गत 18 से 70 वर्ष की आयु वर्ग में BPL के चयनित परिवारों के 80% विकलांग व्यक्तियों को यह पेंशन दी जाती है।
- 'मुख्यमंत्री बाल उद्धार' योजना - अनाथ, अर्ध-अनाथ तथा निराश्रित बच्चों की देखभाल के लिए महिला और बाल विकास विभाग बालक / बालिका आश्रमों को चलाने हेतु अनुदान प्रदान कर रहा है। विभाग द्वारा परागपुर (काँगड़ा), मशोबरा, टूटीकण्डी, मासली (शिमला), सुजानपुर (हमीरपुर) तथा किलाड़ (चम्बा) में बाल / बालिका आश्रमों का संचालन किया जा रहा है। यहाँ बच्चों को नि:शुल्क खाने-पीने तथा रहने के अतिरिक्त 10 + 2 तक शिक्षा दी जाती है।
- नारी सेवा सदन मशोवरा - इस योजना का मुख्य उद्देश्य विधवा, बेसहारा तथा निराश्रय महिलाओं को आश्रय, खाद्य, कपड़ा, शिक्षा तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण देना है।
- मुख्यमंत्री कन्यादान योजना - इस योजना के अंतर्गत बेसहारा लड़कियों (पिता की मृत्यु हो गई हो) को शादी के लिए 25000 रुपये का अनुदान किया जाता है जिनकी वार्षिक आय 35 हजार से अधिक न हो।
- विधवा पुनर्विवाह योजना - इस योजना का उद्देश्य विधवाओं को पुनर्विवाह के लिए प्रेरित करके पुनर्वास करना है। इस योजना में दम्पति को 50 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है।
- मदर टेरेसा असहाय मातृ सम्बल योजना - इस योजना में (BPL) की नि:सहाय महिलाओं को अपने 2 बच्चों के पालने के लिए आर्थिक सहायता (18 वर्ष तक 3000 रुपये प्रतिवर्ष प्रति बच्चा) उपलब्ध करवाना है।
- इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (IGMSY) - यह योजना 2010-11 से हमीरपुर जिले में लागू की गई जिसका मुख्य उद्देश्य 19 वर्ष से ऊपर की गर्भवती तथा धात्री महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाना है। इसमें 4000 रु. की प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। वर्ष 2015-16 में इसे सिरमौर, काँगड़ा और किन्नौर जिले में लागू किया जा रहा है। पहले 2 जीवित जन्म National Food Security Mission तथा और अंतोदय परिवार की गर्भवती एवं धात्री इससे वर्तमान में लाभान्वित होगी।
- "हिमाचल प्रदेश माता शबरी महिला सशक्तिकरण योजना 2011" - इस योजना में अनुसूचित जाति की गरीबी रेखा से नीचे की (BPL) महिलाओं को गैस कनेक्शन खरीदने के लिए 50% की राशि (अधिकतम 1300 रु.) उपदान के रूप में उपलब्ध करवाई जाएगी। इसमें प्रत्येक विधानसभा से प्रतिवर्ष 75 महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा।
- बलात्कार पीड़ितों के लिए वित्तीय सहायता एवं समर्थन योजना 2012 - इसे 22-9-2012 को शुरू किया गया जिसमें बलात्कार पीड़ितों को वित्तीय सहायता परामर्श, चिकित्सा, विधिक सहायता, शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षक आदि सेवाएं प्रदान करने का प्रावधान है। प्रभावित महिला को 75000 रु. तक की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है।
- बेटी है अनमोल - यह योजना (BPL) परिवार की 2 लड़कियों को लाभान्वित करने के लिए 2010 से आरम्भ की गई जिसमें जन्म के पश्चात बालिका के नाम 10 हजार रु.बैंक में जमा करवा दिए जाते हैं जो उसे 18 वर्ष की आयु के बाद मिलते हैं। स्कूल जाने से लेकर 12वीं कक्षा तक रु. 300 से रु. 1,500 प्रति वर्ष छात्रवृति वार्षिक तौर पर भी दी जाती है।
- किशोरी शक्ति योजना - किशोरी शक्ति योजना प्रदेश के 8 जिलों में 46 ICDS परियोजनाओं के माध्यम से 2001 से चलाई जा रही है। इस योजना का मुख उद्देश्य 11 से 18 वर्ष की किशोरियों के स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति में सुधार लाना, गृह कौशल में सुधार लाना।
- राजीव गांधी किशोरी सशक्तिकरण योजना (सबला) - किशोरी शक्ति योजना के स्थान पर भारत सरकार ने चार जिलों सोलन, कुल्लू, चम्बा और काँगड़ा के लिए 19-11-2010 में प्रायोगिक आधार पर सबला नामक योजना चलाई गई है। इसमें किशोरियों में साक्षरता, गृह एवं व्यावसायिक कौशल, स्वास्थ्य, पोषाहार, स्वच्छता, गृह प्रबन्धन को बढ़ावा देना है।
- मुस्कान योजना - राज्य के 60 वर्ष या इसमें अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को नि:शुल्क डैंचर उपलब्ध करवाने के आशय से लागू की गई है।
- राष्ट्रीय एम्बुलेन्स सेवा (N.A.S.) - अटल स्वास्थ्य सेवा योजना वर्ष 2010 में शुरू की गई जिसे वर्तमान में राष्ट्रीय एम्बुलेन्स सेवा के नाम से जाना जाता है। इस योजना में प्रसूति, आपात स्थिति और गम्भीर बीमारी में नि:शुल्क 108 एम्बुलेन्स सेवाएं प्रदान की जाती है। वर्ष 2014 में 102 एम्बुलेन्स सेवा प्रसूति के बाद प्रसूता को अस्पताल से घर तक छोड़ने के लिए शुरू की गई है।
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय औषधि सेवा योजना - इस योजना के अंतर्गत बी. पी. एल. परिवार के सदस्यों को 38 दवाइयाँ मुफ्त प्रदान की जा रही है।
- राष्ट्रीय बीमा योजना - यह योजना B.P.L. परिवारों के लिए है। इस योजना के अधीन गम्भीर बीमारी पर रु. 1.75 लाख देने का प्रावधान है।
- अम्बेडकर मेधावी छात्रवृति योजना - यह योजना अनुसूचित जाति के मेधावी छात्रों के लिए हैं। इस योजना के तहत 10 + 1 तथा 10 + 2 कक्षाओं के 2000 छात्रों को वार्षिक छात्रवृति दी जा रही है।
- स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार (SGSY) - यह योजना हिमाचल प्रदेश में 1999-2000 से चलाई जा रही है।
- निर्मल ग्राम पुरस्कार - सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार ने 2003 में निर्मल ग्राम पुरस्कार योजना प्रारम्भ की तथा वर्ष 2005 में प्रथम बार पुरस्कार वितरित किए गए।
- नरेगा / मनरेगा -2 फरवरी, 2006 में चम्बा और सिरमौर में नरेगा को लागू किया गया जिसे 01-04-2007 (द्वितीय चरण) को मण्डी और काँगड़ा जिलों में भी लागू किया गया। 01-04-2008 को शेष आठ जिलों में इसे लागू किया गया।
- जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना - इस योजना की घोषणा 3 दिसम्बर, 2005 को की गई। भारत सरकार ने इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के केवल शिमला शहर को राजधानी होने के नाते शामिल किया। इसका उद्देश्य शहरों की आर्थिक, सामाजिक संरचना तथा गरीबों के लिए मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना है।
- स्वयं सिद्धा योजना - यह योजना 2001-02 में हिमाचल प्रदेश के 8 ICDS विकास खण्डों में शुरू की गई। इसमें महिलाओं को SHG (स्वयं सहायता समूह) समूह के माध्यम से आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जाता है।
- हिमाचल प्रदेश में प्रेषण एवं विशेष गृह ऊना में तथा बाल गृह सुंदरनगर में है।
- हिमाचल प्रदेश माता पिता एवं आश्रित भरण पोषण अधिनियम - 2001 / नियम - 2002
- हिमाचल प्रदेश व्यक्ति अक्षमता नियम – 2005
- हिमाचल प्रदेश भिक्षा निवारण अधिनियम – 1979 / नियम – 1980
- हिमाचल प्रदेश महिला आयोग अधिनियम – 1996
- हिमाचल प्रदेश विवाह पंजीकरण अधिनियम – 1996 / नियम – 2000
- हिमाचल प्रदेश महिला अनैतिक व्यापार दमन नियम – 1982
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