गढ़वाली शायरी पहाड़ की शायरी भाग 3 (Garhwali Shayari Pahar Shayari Part -3)
"त्यारा बाना अलज्यूं
मै बाटा बाटों मा"
#गढ़वाली_शायरी
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आंख्युं मा तर तर बग्णा छन आंसु
चूल्हा रव्ट्टी पकोण बैठिं च सासु
#गढ़वाली_शायरी
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चुग्लखोर कु जमानु च
फोन कंदूड मा लगोण एक बानु च
बानु त् तुम फुंड बणीदि रा
स्यो बुन्नू क्या च त् तुम सुणदि रा
तैकि छुयूँ मा तुम ध्यान ना द्या
चुग्लखोर स्यो छैच तेंथै फुंड खाण द्या
#गढ़वाली_शायरी
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गोटू म बैठयां रेन्दा छन
बस्गाल हियुन्दा का दीना,
घास कटण दीबा जान्दा
छ्यूति का म्याला बुखाणा,
#गढ़वाली_शायरी
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कख होली यू काफल डाली
अब हून्दा कखड़ी का चीरा,
कब होलू फिर से दें बोज
कब होलू ग्यूं की मंडाण,
#गढ़वाली_शायरी
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ऐ जावा तुम फिर लौटी की
डांडयू गोर चराणा जूला,
फिर च्यूडा भंगलू बुखेकी
हम भी दीबा घासा जोला,
#गढ़वाली_शायरी
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#गढ़वाली_शायरी **** |
हम भी गगरी पाणी ल्योला
म्योंलू का डाल्यू म जौंला,
नै भोजी जब भी अब
आली कन्डू-बुवाजू ले की आली,
#गढ़वाली_शायरी
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जुकुडी कु बाटु भी बल आँखियौं बीटी व्हेकी जान्दु
रातु कु सुईणा और दिन मा बस तेरु ही ख़्याल आन्दु
#गढ़वाली_शायरी
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Garhwali Shayari |
तेरा ही ख़्यालों मा कटणि अब दिन-रात
त्वै पर ही शुरु त्वै पर ही ख़त्म होन्दी मेरी हर बात
#गढ़वाली_शायरी
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तेरी मुल मुल हँसी अब भी दिल मा छपिं छ
त्वे फिर से देखण सणि मेरी आँखी लगी छ
नीद पहले मी भी नी औन्दी थी रात्यु मा
पर औण लगी जब्सी सिराण तेरी तस्वीर रखिं छ
#गढ़वाली_शायरी
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