शिव मंदिर रानी ताल नाहन (Shiv Mandir Rani Tal Nahan)

शिव मंदिर रानी ताल नाहन (Shiv Mandir Rani Tal Nahan)

शिव मंदिर रानी ताल नाहन
रानी ताल, जिसे रानी तालाब के नाम से भी जाना जाता है। भारत के हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन शहर में स्थित है। रानी ताल नाहन के मध्य में स्थित है। और समुद्र तल से लगभग 932 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक सुरम्य पहाड़ी शहर है। यह एक खूबसूरत झील है और इसके पास ही एक खूबसूरत बगीचा भी है। यह एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है और स्थानीय लोगों और आगंतुकों के लिए आराम करने और प्राकृतिक परिवेश का आनंद लेने के लिए एक शांत जगह है। नाहन सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और राज्य की राजधानी शिमला से लगभग 248 किमी दूर है।
शिव मंदिर रानी ताल नाहन

सिरमौर में रानी ताल नाहन

रानी ताल एक मानव निर्मित झील है, जिसका निर्माण 1687 में सिरमौर के राजा कर्ण प्रकाश ने करवाया था। झील लगभग 10 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है और हरे-भरे हरियाली, पेड़ों और प्राकृतिक उद्यानों से घिरी हुई है। यह एक शांतिपूर्ण और शांत वातावरण प्रदान करता है, जो इसे विश्राम और अवकाश गतिविधियों के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। नाहन में घूमने लायक और भी कई आकर्षण हैं। यह शहर अपने ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है, जिनमें रानी ताल पैलेस, जिसके नाम पर झील का नाम रखा गया है, और नाहन किला शामिल है, जो आसपास की पहाड़ियों का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। आसपास के आकर्षणों में सुकेती फॉसिल पार्क , त्रिलोकपुर मंदिर , पौंटा साहिब गुरुद्वारा और रेणुका जी झील शामिल हैं ।
शिव मंदिर रानी ताल नाहन

मुख्य आकर्षण और गतिविधि

रानी ताल का एक मुख्य आकर्षण नौका विहार है । पर्यटक झील में पैडल बोटिंग या नौकायन का आनंद ले सकते हैं, जो उनके अनुभव में एक मजेदार तत्व जोड़ता है। झील में नौकायन की सुविधा उपलब्ध है, और पर्यटक शांत वातावरण का आनंद लेने के लिए नाव किराए पर ले सकते हैं। रानी ताल में एक सुंदर संगीतमय फव्वारा भी है जो समग्र अनुभव को बढ़ाता है। फव्वारा रंगीन रोशनी से जगमगाता है और संगीत की धुन पर नृत्य करता है, जिससे आगंतुकों के लिए विशेष रूप से शाम के समय एक मनोरम दृश्य उत्पन्न होता है। अच्छी तरह से सुसज्जित बगीचों और रास्तों से घिरा , यह आगंतुकों को इत्मीनान से टहलने, बेंचों पर आराम करने या सुरम्य परिवेश के बीच पिकनिक मनाने का अवसर प्रदान करता है। अच्छी तरह से सुसज्जित लॉन, जीवंत फूल और एक शांत झील एक शांतिपूर्ण विश्राम प्रदान करते हैं।

नाहन: पहाड़ी राज्य हिमाचल 'पर्यटन राज्य' के तौर पर भी मशहूर है. यहां की खूबसूरती लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. ऐसे में इस छोटे से राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाएं है. अनछुआ हिमाचल की इस सीरीज में हम आपको ऐसी ही जगहों के बारे में जानकारी देते हैं, जो अपने आप में खास है. अनछुआ हिमाचल की आज की कड़ी में हम आपको नाहन में रानीताल बाग के बारे में बताने जा रहे हैं.

1621 में बसा ऐतिहासिक शहर नाहन हेरिटेज शहर के रूप में जाना जाता है. लिहाजा यहां बहुत सी ऐतिहासिक धरोहरें खुद में कई इतिहास को संजोए हुए हैं. इन्हीं में से एक शहर के बीचोंबीच स्थित रानीताल बाग भी है. इस बाग की स्थापना महाराजा शमशेर प्रकाश ने अपनी महारानी की याद में की थी, जोकि देवथल से ताल्लुक रखती थीं.

क्या कहते हैं शाही परिवार के सदस्य

शाही परिवार के सदस्य व पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर सिंह ने बताया कि 1889 में महाराजा शमशेर प्रकाश की रानी का शादी के बाद देहांत हो गया था, जोकि देवथल से थीं और महाराजा शमशेर प्रकाश के बहुत करीब थीं. उन्हीं की याद में यह रानीताल बाग व यहां मौजूद शिवालय बनाया गया. इस मंदिर के साथ तालाब भी बनाया गया था.
रियासतकाल में इस जगह पर राजपरिवार प्रमुख अधिकारियों और विशेष नागरिकों को दावतें देता था. साथ ही विशेष अभिनंदन कार्यक्रम भी किए जाते थे. उस समय यहां बहुत ही सुंदर सैरगाह थी, जिसमें हर मौसम के अनुसार कई तरह के फूल लगाए जाते थे.
शिव मंदिर के पास एक बहुत बड़ा प्राचीन कुआं भी है, जिसकी गहराई लगभग 90 फीट है. इसके अलावा बाग में एक प्राचीन तालाब भी मौजूद है, जो इस जगह की खूबसूरती को चार चांद लगा देता है.

प्राचीन गुफा भी है मौजूद

रानीताल बाग में एक गुफा भी है. स्थानीय लोगों की मानें तो यह गुफा शाही महल से रानीताल बाग के लिए निकलती थी. इस गुफा से राज परिवार की रानियां माथा टेकने व बाग में घूमने के लिए आती थीं. आज भी गुफा का कुछ हिस्सा बाग में मौजूद है.
फिल्म और गानों की हो चुकी है शूटिंग
रानीताल बाग में 70 के दशक में जितेंद्र की फिल्म 'गुनाहों का देवता' की शूटिंग भी हुई थी. इसके अलावा भी कई पंजाबी फिल्मों के गाने यहां फिल्माए गए.
विकसित करने पर बन सकता है पर्यटन स्थल
लोगों की मानें तो रानीताल बाग को और अधिक आकर्षक बनाया जा सकता है. सरकार व प्रशासन के इस ओर ध्यान देने पर रानीताल बाग पर्यटकों के लिए एक अच्छे पर्यटन स्थल के रूप विकसित हो सकता है.

पक्का तालाब…
पक्का तालाब हैरीटेज धरोहर है। इसके किनारे प्राचीन मंदिर है। इसमें शिवलिंग की स्थापना 1866 (विक्रमी सम्वत् 1923) में राजा फतेह प्रकाश के पुत्र कुंवर सुरजन सिंह ने करवाई थी। ये मंदिर शहर के बिलकुल बीचोंबीच स्थित है। कह सकते हैं कि इस मंदिर का निर्माण 155 वर्ष पूर्व हुआ था। इसी मंदिर के किनारे एक धर्मशाला का भी जनहित में निर्माण हुआ था।
शिव मंदिर रानी ताल नाहन

पहुँचने के लिए कैसे करें

नाहन सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, और चंडीगढ़ और शिमला जैसे नजदीकी शहरों से बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध हैं। चंडीगढ़ से सीधी बस उपलब्ध है और यह 3 से 4 घंटे का सफर है। नाहन पहाड़ों में स्थित एक खूबसूरत शहर है और पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और शिमला के बहुत करीब है। यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए परिवार और दोस्तों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने के लिए एक लोकप्रिय और शांतिपूर्ण स्थान है।

सिरमौर जिला -

  • गायत्री मंदिर - यह मंदिर रेणुका में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण महात्मा पराया नन्द ब्रह्मचारी ने करवाया था। गायत्री माता को वेदों की माता भी कहा जाता है।

  1. गायत्री मंदिर रेणुका में स्थित (Gayatri Temple located in Renuka)

  • जगन्नाथ मंदिर - यह मंदिर सिरमौर जिले में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1681 ई. में राजा बुद्ध प्रकाश ने करवाया था। यहाँ सावन द्वादशी का मेला लगता है।

  1. हिमाचल प्रदेश में जगन्नाथ मंदिर( Jagannath Temple in Himachal Pradesh)
  2. श्री जगन्नाथ आरती - चतुर्भुज जगन्नाथ ( Shri Jagannath Aarti - Chaturbhuj Jagannath)

  • त्रिलोकपुर मंदिर - यह मंदिर सिरमौर जिले के त्रिलोकपुर स्थान पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1573 ई. में दीप प्रकाश ने करवाया था। यह मंदिर माता बाला सुन्दरी को समर्पित है, जिसे 84 घंटियों वाली देवी भी कहा जाता है।

  1. त्रिलोकपुर मंदिर सिरमौर (Trilokpur Temple Sirmaur)

  • शिर्गुल मंदिर - यह मंदिर चूड़धार पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिर्गुलको समर्पित है।

  1. चूड़धार: शिरगुल महाराजा मंदिर(शिर्गुल मंदिर ) (Churdhar: Shirgul Maharaja Temple)

  • देई साहिब मंदिर - देई साहिब मंदिर पौंटा का निर्माण 1889 ई. में राजा शमशेर प्रकाश की बहन देई साहिबा ने करवाया था।

  1. देई-का-मंदिर, पांवटा साहिब (Dei-ka-Mandir, Paonta Sahib)

  • कटासन मंदिर - कटासन मंदिर कोलर का निर्माण राजा जगत प्रकाश ने करवाया था।

  1. कटासन देवी मंदिर (सिरमोर) (Katasana Devi Temple (Sirmor))

  • लक्ष्मी नारायण मंदिर - लक्ष्मी नारायण मंदिर नाहन का निर्माण 1708 ई. में राजा भूप प्रकाश ने करवाया था।

  1. लक्ष्मी नारायण मंदिर नाहन (Laxmi Narayan Temple Nahan )

  • शिव मंदिर - शिव मंदिर रानी ताल नाहन का निर्माण 1889 ई. में राजा शमशेर प्रकाश ने अपनी रानी कुटलानी की स्मृति में करवाया था।

  1. शिव मंदिर रानी ताल नाहन (Shiv Mandir Rani Tal Nahan)

  • रामकुण्डी मंदिर - रामकुण्डी मंदिर नाहन का निर्माण 1767 ई. में राजा कीर्ति प्रकाश ने करवाया था।

  1. रामकुण्डी मंदिर नाहन(Ramkundi Temple Nahan)

  •  श्री महामाया बालासुंदरी जी मंदिर नाहन
  1. श्री महामाया बालासुंदरी जी मंदिर नाहन Shri Mahamaya Balasundari Ji Temple Nahan

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