नवरात्रि 2024: शुभकामनाओं के साथ शायरी - Navratri 2024: Shayari with Wishes

नवरात्रि 2024: शुभकामनाओं के साथ शायरी

1. हैप्पी नवरात्रि शायरी
माँ की आराधना का ये पर्व है,
माँ के 9 रूपो के भक्ति का ये पर्व है,
बिगड़े काम बनाने का ये पर्व है,
भक्ति का दिया दिल में जलाने का पर्व है।
शुभ नवरात्रि!

2. हैप्पी नवरात्रि शायरी (Status)
पग-पग में फूल खिले,
खुशी आप सबको इतनी मिले,
कभी न हो दुखों का सामना, यही है मेरी मनोकामना।
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं!

3. हैप्पी नवरात्रि शायरी
देवी माँ के कदम आपके घर में आये,
आपका जीवन खुशियों से भर जाए,
परेशानियाँ आपसे आँख चुराए,
नवरात्रि की आपको ढेर सारी शुभकामनाएं!

4. हैप्पी नवरात्रि शायरी
कुमकुम भरे कदमों से आयें माँ दुर्गा आपके द्वार,
सुख सम्पत्ति मिले आपको अपार,
मेरे परिवार की तरफ से नवरात्रि की शुभकामनाएं करें स्वीकार।
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं!

5. हैप्पी नवरात्रि शायरी (Status)
Hey Maa Tumse Vishwas Na Uthne Dena,
Teri Duniya Mein Bhaye Se Jab Simat Jao,
Charo Or Andhera Hi Ghana Pao,
Ban Ke Tum Roshni Raah Dikha Dena.
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं!

6. हैप्पी नवरात्रि शायरी
माँ के ज्योति से नूर मिलता है,
सबके दिलों को सुरूर मिलता है,
जो भी जाता है माँ के द्वार,
उन्हें कुछ न कुछ जरूर मिलता है।
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं!

7. हैप्पी नवरात्रि शायरी
माँ लक्ष्मी का हाथ हो,
सरस्वती का साथ हो,
गणेश का निवास हो,
और माँ दुर्गा के आशीर्वाद से आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो।
जय माता दी, आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं!

8. नवरात्रि शायरी
सारा जहाँ है जिसकी शरण में,
नमन है उस माँ के चरण में,
बने उस माँ के चरणों की धूल,
आओ मिल के चढ़ाएँ उनपे श्रद्धा के फूल।
नवरात्रि 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं!

9. नवरात्रि शायरी (Status)
माता रानी वरदान न देना हमें,
बस थोड़ा सा प्यार देना हमें,
आपके चरणों में बीते ये जीवन सारा,
एक बस यही आशीर्वाद देना हमें।
नवरात्रि 2024 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

10. नवरात्रि शायरी
प्यार का तरहना उपहार हो,
खुशियों का नजराना बेशुमार हो,
न कोई ग़म का एहसास हो,
ऐसा नवरात्रि का उत्सव हर साल हो।
नवरात्रि 2024 Happy Navratri 2024

नवरात्रि का पर्व माँ दुर्गा की आराधना का विशेष समय है। इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। हर दिन माँ के एक अलग रूप की पूजा की जाती है, जो अलग-अलग गुणों और शक्तियों का प्रतीक है। इस ब्लॉग में, हम नवदुर्गा प्रार्थना के माध्यम से माँ के नौ रूपों की महिमा का वर्णन करेंगे और उनकी स्तुति करेंगे।


नवदुर्गा प्रार्थना:

जय-जयकार करो माता की, आओ शरण भवानी की।
एक बार सब प्रेम से बोलो, जय दुर्गे महारानी की।

पहली देवी शैलपुत्री हैं, किए बैल पर सवारी।
अर्ध चन्द्र माथे पर सोहे, सुन्दर रूप मनोहारी।

माँ दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री का है, जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। शैलपुत्री देवी बैल पर सवार हैं और उनके मस्तक पर अर्ध चन्द्र सुशोभित है। उनका यह रूप अत्यंत शांत और सुंदर है, जो भक्तों के मन को आकर्षित करता है।

दूसरी ब्रह्मचारिणी, करें जगत में उजियाला।
लिए कमण्डल, फूल कमल और रुद्राक्षों की माला।

दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा की जाती है। यह ज्ञान और तपस्या की देवी हैं, जिनके हाथ में कमण्डल और कमल का फूल होता है। उनका यह रूप साधकों के जीवन में ज्ञान और प्रकाश का संचार करता है।

पूर्णचन्द्रमा सी शोभित है देवी चन्द्रघण्टा माता।
इनके सुमिरन निर्बल भी, सबल शत्रु पर जय पाता।

तीसरे दिन चन्द्रघण्टा देवी की पूजा की जाती है। यह देवी शांति और वीरता की प्रतीक हैं, जिनके दर्शन से भक्त निर्बल से सबल हो जाता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।

चौथी देवी कूष्माण्डा हैं, इनकी लीला है न्यारी।
अमृत भरा कलश है कर में, किए बाघ की सवारी।

चतुर्थी को कूष्माण्डा देवी की पूजा होती है। इनका रूप अत्यंत मनोरम है, जो जीवन में सुख और समृद्धि का संचार करता है। इनके हाथ में अमृत का कलश है और वे बाघ पर सवार हैं।

कर में कमल सिंह पर आसन, सबका शुभ करने वाली।
मंगलमयी स्कन्दमाता हैं, जग के दुःख हरने वाली।

पांचवें दिन स्कन्दमाता की पूजा की जाती है। यह देवी अपने पुत्र कार्तिकेय के साथ सिंह पर विराजमान होती हैं। उनका आशीर्वाद जीवन के समस्त दुःखों को हरने वाला होता है।

मुनि कात्यायन की कन्या हैं, सबकी कात्यायनी माँ।
दानवता की शत्रु और मानवता की सुखदायनी माँ।

छठे दिन कात्यायनी देवी की पूजा होती है। यह देवी दानवता का नाश करने वाली और मानवता की रक्षा करने वाली हैं। उनका आशीर्वाद सदैव भक्तों के साथ रहता है।

सप्तम कालरात्री हैं, देवी महाप्रलय ढाने वाली।
प्राणी मात्र का रक्षण करतीं, महाकाल को खाने वाली।

सप्तमी के दिन कालरात्रि देवी की पूजा की जाती है। यह देवी महाप्रलय की शक्ति का प्रतीक हैं और सभी प्राणियों की रक्षा करती हैं। उनका यह रूप महाकाल को भी परास्त करने वाला है।

श्वेत बैल है वाहन जिनका, तन पर श्वेताम्बर माला।
यही महागौरी देवी हैं, सबकी जगदम्बा माता।

आठवें दिन महागौरी देवी की पूजा होती है। यह देवी श्वेताम्बर धारण किए हुए हैं और श्वेत बैल पर सवार हैं। उनका यह रूप अति पवित्र और शांत है, जो भक्तों के जीवन में शांति और सौभाग्य का संचार करता है।

शंख, चक्र और गदा पद्म, कर में धारण करने वाली।
यही सिद्धिदात्री देवी हैं, ऋद्धि-सिद्धि देने वाली।

अंतिम दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है। यह देवी शंख, चक्र, गदा और कमल का पद्म धारण करती हैं। उनका आशीर्वाद सभी प्रकार की ऋद्धि और सिद्धि प्रदान करता है।


Conclusion:

नवदुर्गा की प्रार्थना हर भक्त के जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार करती है। माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस नवरात्रि, माँ दुर्गा के इन नौ रूपों की पूजा करें और उनके आशीर्वाद से अपना जीवन धन्य बनाएं।

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ब्रह्मचारिणी

  1. अर्थ: ब्रह्मचारिणी का अर्थ है "ब्रह्मचारीणी" अर्थात तपस्विनी। वह संयम और आत्म-संयम की प्रतीक हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन उनकी पूजा की जाती है। उनकी साधना हमें संयम और धैर्य की शिक्षा देती है।

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