माँ महागौरी की पूजा विधि, मंत्र और भोग: महाष्टमी पर प्राप्त करें देवी की विशेष कृपा - Worship method, mantras, and offerings for Goddess Mahagauri: Receive the special blessings of the Goddess on Mahashtami.

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माँ महागौरी की पूजा विधि, मंत्र और भोग: महाष्टमी पर प्राप्त करें देवी की विशेष कृपा

नवरात्रि की अष्टमी तिथि को माँ महागौरी की पूजा का विशेष महत्व है। इस साल, महाष्टमी का व्रत 16 अप्रैल को मनाया जा रहा है। माना जाता है कि माँ महागौरी की पूजा से साधक को मनचाहा वर मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। माँ का स्वरूप अत्यंत करुणामयी और ममतामयी है, जो अपने भक्तों पर कृपा करती हैं। उनकी पूजा से शुक्र ग्रह मजबूत होता है और जीवन में सौभाग्य आता है। सफेद वस्त्र धारण करने वाली माँ महागौरी वृषभ पर सवारी करती हैं। 

आइए जानते हैं महाष्टमी की पूजा विधि, मंत्र और भोग के बारे में।


1 माँ महागौरी पूजा विधि (Maa Mahagauri Puja Vidhi)

महाष्टमी के दिन विधिपूर्वक माँ महागौरी की पूजा करना विशेष फलदायी होता है। यहाँ उनकी पूजा की सही विधि बताई गई है:

  1. प्रातःकाल स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इस दिन गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
  2. मूर्ति स्थापना: पूजा स्थान पर माँ महागौरी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. तिलक और अर्पण: माँ को रोली, कुमकुम का तिलक लगाएं और अक्षत अर्पित करें।
  4. भोग अर्पण: नारियल का भोग माँ को अर्पित करें। यह माँ महागौरी का विशेष प्रिय भोग है, जिसे अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं।
  5. कथा पाठ और आरती: माँ महागौरी की कथा का पाठ करें और आरती के साथ पूजा समाप्त करें।
  6. हवन और कन्या पूजन: महाष्टमी के दिन हवन और कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन कन्या पूजन से माँ की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

2 माँ महागौरी पूजा विधि (Maa Mahagauri Puja Vidhi)

महाष्टमी के दिन माँ महागौरी की पूजा अत्यंत विधिपूर्वक की जाती है। पूजा की सही विधि इस प्रकार है:

  1. प्रातःकाल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
  2. पूजा स्थान पर माँ महागौरी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. माँ को रोली और कुमकुम से तिलक लगाएं और अक्षत अर्पित करें।
  4. नारियल का भोग माँ को अर्पित करें, क्योंकि नारियल माँ महागौरी को विशेष रूप से प्रिय होता है।
  5. माँ महागौरी की कथा का पाठ करें और विधिवत आरती करें।
  6. इस दिन हवन और कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है। कन्या पूजन से माँ की कृपा विशेष रूप से प्राप्त होती है।

माँ महागौरी का प्रिय रंग (Maa Mahagauri Priya Rang)

माँ महागौरी को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है। सफेद वस्त्र शुद्धता और शांति का प्रतीक होते हैं, इसलिए इस दिन माँ को सफेद वस्त्र अर्पित करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इससे माँ प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

माँ महागौरी भोग (Maa Mahagauri Bhog)

नवरात्रि के अष्टमी के दिन माँ महागौरी को नारियल का भोग लगाना चाहिए। नारियल का भोग अर्पित करने से माँ विशेष रूप से प्रसन्न होती हैं और साधक की सारी मुरादें पूरी करती हैं। इसके अलावा, भक्त फल, मिठाई और जल भी माँ को अर्पित कर सकते हैं।

माँ महागौरी के मंत्र (Maa Mahagauri Mantra)

माँ महागौरी की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके मंत्रों का जाप करना अत्यधिक लाभकारी होता है। यहाँ कुछ प्रमुख मंत्र दिए जा रहे हैं जिन्हें महाष्टमी के दिन जाप करना चाहिए:

1- माँ महागौरी के मंत्र 

ललाटं कर्णो हुं बीजं पातु महागौरी मां नेत्रं घ्राणो।
कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मा सर्ववदनो॥

2- माँ महागौरी के मंत्र 

श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।

3- माँ महागौरी के मंत्र 

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

4- माँ महागौरी के मंत्र 

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

माँ महागौरी स्तुति मंत्र:

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

माँ महागौरी आरती (Maa Mahagauri Aarti)

माँ महागौरी की आरती से पूजा का समापन होता है। आरती के माध्यम से भक्त माँ की महिमा का गुणगान करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं:

जय महागौरी जगत की माया।  
जया उमा भवानी जय महामाया॥  

हरिद्वार कनखल के पासा।  
महागौरी तेरा वहां निवासा॥  

चंद्रकली और ममता अम्बे।  
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे॥  

भीमा देवी विमला माता।  
कौशिकी देवी जग विख्याता॥  

हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।  
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥  

सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया।  
उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥  

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।  
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥  

तभी मां ने महागौरी नाम पाया।  
शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥  

शनिवार को तेरी पूजा जो करता।  
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥  

भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।  
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो॥

निष्कर्ष

माँ महागौरी की पूजा महाष्टमी के दिन विशेष रूप से की जाती है। उनकी उपासना से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और साधक को मनचाहा वर प्राप्त होता है। माँ महागौरी की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। उनकी पूजा से पापों का नाश होता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। माँ महागौरी की आराधना और उनकी कृपा से जीवन में संतुलन, शांति और समृद्धि का वास होता है।

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