उत्तराखंड रत्न पुरस्कार विजेताओं की सूची
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उत्तराखंड रत्न पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने उत्तराखंड राज्य के विकास, स्वतंत्रता संग्राम, समाज सेवा, और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया है। इस पुरस्कार के माध्यम से, राज्य उन्हें सम्मानित करता है और उनके कार्यों को पहचान दिलाता है। यहाँ उत्तराखंड रत्न पुरस्कार विजेताओं की सूची दी गई है:
1. बद्री दत्त पाण्डेय (1882-1965)
- वर्ष: 2016
- कार्यक्षेत्र: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन, कुली-बेगार आंदोलन
- टिप्पणी: कुमाऊं केसरी के नाम से मशहूर बद्री दत्त पाण्डेय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और इतिहासकार थे। वे उत्तराखंड के पहले लोकसभा सदस्य भी बने।
2. वीर चंद्र सिंह गढ़वाली (1891-1979)
- वर्ष: 2016
- कार्यक्षेत्र: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन
- टिप्पणी: प्रथम विश्व युद्ध के अनुभवी, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, पेशावर कांड के लिए प्रसिद्ध हैं, जहाँ उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों के निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के आदेश का विरोध किया।
3. गौरा देवी (1925-1991)
- वर्ष: 2016
- कार्यक्षेत्र: चिपको आंदोलन
- टिप्पणी: गौरा देवी ने चिपको आंदोलन का नेतृत्व किया, जो पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका का एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
4. घनश्याम गिरी
- वर्ष: 2016
- कार्यक्षेत्र: समाज सेवा
- टिप्पणी: महंत घनश्याम गिरी आध्यात्मिक नेता और हरिद्वार से पूर्व विधायक रहे हैं। वे समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी सक्रियता के लिए प्रसिद्ध हैं।
5. इन्द्रमणि बडोनी (1924-1999)
- वर्ष: 2016
- कार्यक्षेत्र: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन, उत्तराखंड आंदोलन, समाज सेवा
- टिप्पणी: इन्द्रमणि बडोनी को उत्तराखंड का गांधी कहा जाता है। उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से उत्तराखंड राज्य के आंदोलन को दिशा दी।
6. जयानंद भारती (1881-1952)
- वर्ष: 2016
- कार्यक्षेत्र: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन, समाज सुधार
- टिप्पणी: जयानंद भारती ने डोला-पालकी आंदोलन का नेतृत्व किया और आर्य समाज के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
7. मंगला देवी (1956 - वर्तमान)
- वर्ष: 2016
- कार्यक्षेत्र: समाज सेवा, परोपकार
- टिप्पणी: माता मंगला देवी स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जानी जाती हैं। वे दिव्य प्रकाश मिशन से जुड़ी हुई हैं।
8. नारायण दत्त तिवारी (1925-2018)
- वर्ष: 2016
- कार्यक्षेत्र: जन सम्बन्धी
- टिप्पणी: नारायण दत्त तिवारी ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दी। वे भारत सरकार में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे।
9. श्री देव सुमन (1916-1944)
- वर्ष: 2016
- कार्यक्षेत्र: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन, नागरिक और राजनीतिक अधिकार सक्रियता
- टिप्पणी: श्री देव सुमन ने टिहरी रियासत में तानाशाही शासन के खिलाफ आवाज उठाई और अंततः उनकी मृत्यु भूख हड़ताल के दौरान हुई।
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