पहाड़ों वाली शायरी | देवभूमि उत्तराखंड की सुंदरता और प्रेम पर शायरी - Mountain Shayari | Shayari on the beauty and love of Devbhoomi Uttarakhand

उत्तराखंड की शायरी: पहाड़ों की सादगी, प्रेम और संस्कृति की अनमोल झलक


ब्लॉग पोस्ट: पहाड़ों वाली शायरी | देवभूमि उत्तराखंड पर शायरी | पहाड़ों वाली शायरी लव

चहचहाना पंछियों का, सादगी भरे लोगों के चेहरे
देवभूमि यूँ ही नहीं कहते इन्हें, भगवान भी यहाँ आकर हैं ठहरे।

उत्तराखंड की यह शायरी पहाड़ों की सादगी और वहाँ के लोगों की ईमानदारी को बयां करती है। देवभूमि, जिसे भगवान का निवास स्थान कहा जाता है, यहाँ की शांति और सौंदर्य से महकती है। यहाँ के पंछियों की चहचहाहट और लोगों के चेहरों की सादगी को शायरी में ढाला गया है।

पहाड़ों में छाए हुए घनघोर बादल, परिंदों की मधुर-मधुर सी चहचहाहट
नदियों की लहरें आवाज़ें करती हैं कलकल, खुशियाँ ही खुशियाँ बसती हैं यहाँ हर पल।

पहाड़ों की जिंदगी में भले ही मुश्किलें हों, परंतु इनकी सुंदरता और सुकून से भरी वादियों में हर पल खुशियों का बसेरा होता है। इस शायरी में पहाड़ों की प्राकृतिक सुंदरता और वहाँ के शांतिपूर्ण जीवन का जिक्र है।

गिरना, उठना, संभल कर चलना
टेड़े-मेड़े से रास्ते पहाड़ों के, सिखाते हैं आगे बढ़ते रहना।

पहाड़ों के जीवन में मुश्किलें हैं, लेकिन यह हमें जीवन के हर मोड़ पर सीख देते हैं। इस शायरी में पहाड़ी जीवन की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, उनसे मिलती प्रेरणाओं का वर्णन किया गया है।

पहाड़ी लोग रोज़गार की तलाश में, शहर जाते हैं।
और शहरी लोग शुद्ध साँसें लेने पहाड़ आते हैं।

यह शायरी पहाड़ों और शहरों के बीच की विषमता को दर्शाती है। जहाँ पहाड़ी लोग रोज़गार की तलाश में शहरों का रुख करते हैं, वहीं शहरी लोग शुद्ध वातावरण की चाहत में पहाड़ों की ओर खिंचे चले आते हैं।

पहाड़ों के निवासियों का जीवन है तपस्या,
पहाड़ों पर रहना है एक विकट समस्या।

पहाड़ों में रहने वाले लोग कठिन परिस्थितियों में रहते हुए भी जीवन की हर मुश्किल का सामना करते हैं। इस शायरी में उनकी तपस्या और संघर्ष का उल्लेख है।

बर्फीली चोटियों पर सूरज की लाली,
पहाड़ की है हर बात निराली।

बर्फीली चोटियों पर उगते सूरज की लालिमा और पहाड़ों की अनोखी विशेषताओं को इस शायरी में खूबसूरती से उकेरा गया है।

मंगल ध्वनियाँ गूँजतीं, यहाँ सुबह और शाम
पग-पग पर बसे हुए, तीर्थ और स्वर्ग तुल्य चारों धाम।

उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है क्योंकि यहाँ के हर कोने में तीर्थस्थल और स्वर्ग से सुंदर धाम बसे हुए हैं। यह शायरी उन पावन स्थलों की दिव्यता को दर्शाती है।

पहाड़ की सुहानी हवाएं, करती हैं मदहोश
पाँव जमीं पर न रहें, भर देतीं इतना जोश।

पहाड़ों की सुहानी हवाओं में एक अलग ही जोश और उमंग है, जो यहाँ के लोगों को उत्साह से भर देती हैं। इस शायरी में उन हवाओं के जादू का वर्णन किया गया है।

प्रकृति सिखाती हमें, जीने का सलीका
धूप हो या बरसात, फूलों-सा खिलने का तरीका।

प्रकृति से जुड़ी यह शायरी जीवन के हर पहलू को सहजता और सरलता से अपनाने का संदेश देती है। उत्तराखंड की प्रकृति सिखाती है कि चाहे कोई भी मौसम हो, हमें हमेशा खिलना चाहिए, जैसे कि फूल।


देवभूमि उत्तराखंड पर शायरी

बादलों के साये में, पर्वतों के आँचल में
राहतें बसती हैं, पहाड़ों की पनाहों में।

उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में पहाड़ों की गोद में बसी राहत और शांति को इस शायरी में खूबसूरती से उकेरा गया है।

पहाड़ की ओट से निकलता, पहाड़ की ओट में ही छिपता
ऐसा लगता मानों पहाड़ के साये में ही सूरज, खुद को महफूज समझता।

यह शायरी उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और सूरज की किरणों की छांव में पहाड़ों की महफूज छवि को दर्शाती है।

बंजर भूमि में भी, लाती हैं हरियाली
ये पहाड़ की नारी, मेहनत से न डरने वाली।

उत्तराखंड की नारियों की मेहनत और साहस की प्रशंसा करती यह शायरी उनके संघर्षों और ताकत को बयां करती है।

हर तरफ शांति और सुकून, खूबसूरत पहाड़ों की वादियाँ
हरे-भरे बुग्याल यहाँ, फूलों की हैं घाटियाँ।

उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों, हरे-भरे बुग्यालों, और फूलों की घाटियों की अद्वितीय छवि को इस शायरी में दर्शाया गया है।

जो हिम्मत कभी न हारी है, ये पहाड़ की ही नारी है।

यह शायरी पहाड़ों की नारियों की हिम्मत और संघर्ष को सलाम करती है, जो कभी हार नहीं मानतीं।


पहाड़ों वाली शायरी Love

घर ज़मीं पे है पर हम जन्नत में रहते हैं,
हमें गर्व है कि हम उत्तराखंड में रहते हैं 🥀🥀

उत्तराखंड की धरती को स्वर्ग समान बताते हुए, इस शायरी में वहाँ के लोगों के गर्व को दर्शाया गया है।

स्वर्ग छोड़कर शहरों में बस गए,
अब मंजर ये है कि ग्रीन व्यू के लिए तरस गए !!

यह शायरी शहर की व्यस्त जिंदगी और पहाड़ों की शांति के बीच के अंतर को दर्शाती है, जहाँ शहर की भागदौड़ में लोग प्राकृतिक सुंदरता के लिए तरस जाते हैं।

गर्मियों में हो, या जाड़ों में,
बहुत शुकून मिलता है उत्तराखंड की पहाड़ो में !

उत्तराखंड के पहाड़ों में हर मौसम में मिलने वाले सुकून को इस शायरी में बयान किया गया है।


Conclusion:

उत्तराखंड की शायरी में पहाड़ों की सादगी, वहाँ के लोगों के संघर्ष और प्रेम की गहराई का विशेष स्थान है। इस ब्लॉग में दी गई शायरी आपको देवभूमि की सुंदरता और वहाँ के लोगों के दिलों की गहराई का एहसास कराती है। चाहे वह पहाड़ी प्रेम हो, कठिनाइयाँ हों, या वहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, उत्तराखंड की शायरी में सब कुछ समाया हुआ है।

यहाँ भी पढ़े

  1. . झंगोरा: उत्तराखंड का पारंपरिक पोषक अनाज
  2. . झंगोरा: पहाड़ी अनाज का परिचय और फायदे
  3. . झंगोरा खिचड़ी पर एक छोटी सी कविता
  4. . झंगोरे की खीर रेसिपी

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