आँखौं मा आंसू
प्रस्तावना
"आँखौं मा आंसू" एक भावनात्मक कविता है जो प्रेम, यादों और भावनाओं की गहराई को व्यक्त करती है। इस कविता में आँखों में आंसुओं के बहने के पीछे छिपी भावनाओं का बखान किया गया है। यह न केवल प्रेम की भावना को दर्शाती है, बल्कि इसके साथ जुड़ी दर्दनाक यादों और क्षणों को भी उजागर करती है।

कविता: आँखौं मा आंसू
यूँ आंख्यौं मा, कुजाणि क्यौकु,
बगणा छन, दण-मण आंसू,
मन मा मेरा, यनु कुछ निछ,
आज होयुं छ क्वांसू.....
प्यारी ब्वै होलि, याद कन्नि मैं,
मन होलु होयुं क्वांसू,
देळि मा बैठि, होलि बाटु हेन्नि,
तब्बि बगणा छन आंसू....
यूँ आंख्यौं मा, कुजाणि क्यौकु,
बगणा छन, दण-मण आंसू,
मन मा मेरा, यनु कुछ निछ,
आज होयुं छ क्वांसू.....
होलु क्वी दगड़्या, याद कन्नु मैं,
होयुं होलु मन वैकु क्वांसू,
यूँ आंख्यौं मा, तब्बि बगणा छन,
दण-मण ताता आंसू.....
यूँ आंख्यौं मा, कुजाणि क्यौकु,
बगणा छन, दण-मण आंसू,
मन मा मेरा, यनु कुछ निछ,
आज होयुं छ क्वांसू.....
खुद लगणि होलि, कै दगड़्या तैं,
कख होलु भैजि "जिग्यांसू",
यनु लगणु छ, तब्बि औणा छन,
यूँ आंख्यौं मा आंसू..........
यूँ आंख्यौं मा, कुजाणि क्यौकु,
बगणा छन, दण-मण आंसू,
मन मा मेरा, यनु कुछ निछ,
आज होयुं छ क्वांसू.....
कविता का विश्लेषण
इस कविता में, कवि ने आँखों के आंसुओं के माध्यम से गहरी भावनाओं को व्यक्त किया है। प्रेमिका की यादें और मन की बेचैनी यहाँ स्पष्ट रूप से दिखती है। यह उन क्षणों को दर्शाती है जब प्रेम की कमी और यादों की चुभन महसूस होती है।
निष्कर्ष
"आँखौं मा आंसू" न केवल एक कविता है, बल्कि यह भावनाओं का एक सागर है जो हमें याद दिलाता है कि प्रेम कभी-कभी दर्द और खुशी दोनों का मिश्रण होता है। यह कविता हमें सिखाती है कि अपनी भावनाओं को व्यक्त करना जरूरी है, चाहे वो कितनी भी गहरी क्यों न हों।
आपके विचार:
क्या आपने कभी ऐसे क्षणों का अनुभव किया है जब आपकी आँखों में आंसू आए हों? अपने अनुभव साझा करें और इस कविता को अपने दोस्तों और परिवार के साथ बांटें!
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