जिले के प्रमुख मेले
उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में अनेक प्रमुख मेले आयोजित होते हैं, जो संस्कृति, परंपरा, और धार्मिक आस्था का प्रतीक होते हैं। ये मेले स्थानीय लोगों के लिए खुशी और उत्साह का अवसर होते हैं। आइए जानते हैं जिले के कुछ प्रमुख मेलों के बारे में:
1. पुरा का मेला - नौटी
- यह मेला पुरा गाँव में आयोजित होता है और स्थानीय जनजीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
2. नौठा का मेला - आदि बदरी
- आदि बदरी के ऐतिहासिक स्थल पर आयोजित होने वाला यह मेला धार्मिक आस्था का केंद्र है।
3. पाँचाली का मेला - गैरसैंण
- यह मेला गैरसैंण में स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को दर्शाता है।
4. सिरगुर का मेला - सिरगुर
- सिरगुर में होने वाला यह मेला एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है।
5. देवाल का मेला - देवाल
- यह मेला देवाल क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक समारोह है।
6. कुलसारी का मेला - कुलसारी
- कुलसारी में आयोजित होने वाला यह मेला स्थानीय उत्सवों का प्रमुख हिस्सा है।
7. अठवाड़ का मेला - रैंस - चोपता
- यह मेला चोपता में स्थानीय जनजातियों की परंपराओं को प्रदर्शित करता है।
8. नन्दा राजरात का मेला - कासुंवा का नौटी से सिल्ला समुद्र तक
- यह मेला नंदा देवी की पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है।
9. तोमश्वर की मयाल - थराली खाल
- थराली में आयोजित होने वाला यह मेला स्थानीय मान्यताओं और परंपराओं से जुड़ा हुआ है।
10. नन्दकशरी का मेला - थराली
- थराली में होने वाला यह मेला स्थानीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का प्रतीक है।
11. बिखोत का मेला - कर्णप्रयाग
- यह मेला कर्णप्रयाग क्षेत्र के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
12. अनुसूया का मेला - अनुसूया ग्राम
- अनुसूया ग्राम में आयोजित होने वाला यह मेला धार्मिक उत्सवों का हिस्सा है।
13. नागनाथ का मेला - पोखरी
- पोखरी में यह मेला नागों की पूजा के लिए आयोजित किया जाता है।
14. धरैदा का मेला - गैरसैंण
- यह मेला भी गैरसैंण क्षेत्र के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
15. खांकर खेत का जात - लोबा खंसर - स्यूणी मल्ली
- यह मेला स्थानीय जनजातियों के लिए विशेष महत्व रखता है।
16. जसोली का मेला - धनुपर
- जसोली में होने वाला यह मेला स्थानीय सांस्कृतिक परंपराओं का हिस्सा है।
17. हरियाली का मेला - जसोली
- यह मेला प्राकृतिक सौंदर्य और हरियाली को मनाने के लिए आयोजित होता है।
18. तिमुण्डिया का मेला - जोशीमठ
- जोशीमठ में आयोजित होने वाला यह मेला स्थानीय पर्वों का हिस्सा है।
19. माढ़वी का मेला - नैणी - नौटी
- यह मेला नैणी में मनाया जाता है और स्थानीय जनजीवन का प्रतीक है।
20. कुरुड़ देवराड़ा - दशौली - बधाण
- यह मेला दशौली क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
21. गैण्डा का मेला - बंधाण, चांदपुर
- यह मेला स्थानीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है।
22. बम्पा - नीति घाटी में
- यह मेला नीति घाटी में स्थानीय धार्मिक आस्था का प्रतिनिधित्व करता है।
23. बसंत बुरांश मेला
- यह मेला बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है।
24. झाकड़ी उत्सव - जामु फाटा
- जामु फाटा में यह उत्सव स्थानीय संस्कृति का भाग है।
25. वनयात्रा - मैखण्डा
- यह मेला प्रकृति और पर्यावरण के प्रति जागरूकता का प्रतीक है।
26. अनुसूया देवी का मेला - अनुसूया मंदिर
- यह मेला अनुसूया देवी की पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है।
27. बमोलों की जात - रामदा - लोबा खंसर, चमोली
- यह मेला चमोली क्षेत्र में मनाया जाता है और स्थानीय परंपराओं को दर्शाता है।
28. हरेन्दा बिखौती - गैरसैंण
- यह मेला गैरसैंण क्षेत्र की संस्कृति का हिस्सा है।
29. रम्माण उत्सव - सलूड़ गांव
- यह उत्सव प्रतिवर्ष अप्रैल में मनाया जाता है और स्थानीय जनजीवन का प्रतीक है।
30. गोचर का मेला
- गोचर में 1943 से आयोजित होने वाला यह मेला अब 14 नवंबर को पं. नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाता है।
निष्कर्ष
उपरोक्त मेले न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं बल्कि स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखते हैं। ये मेले लोगों को एकत्रित करते हैं और सामाजिक एकता को बढ़ावा देते हैं। हर मेला अपनी अनूठी परंपराओं और उत्सवधर्मिता के लिए प्रसिद्ध है, जो स्थानीय लोगों की पहचान का हिस्सा है।
जिले के प्रमुख मेलों के बारे में FAQ
1. पुरा का मेला - नौटी क्या है?
- उत्तर: यह मेला पुरा गाँव में आयोजित होता है और स्थानीय जनजीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
2. आदि बदरी में नौठा का मेला कब आयोजित होता है?
- उत्तर: यह मेला आदि बदरी के ऐतिहासिक स्थल पर आयोजित होता है और धार्मिक आस्था का केंद्र है।
3. गैरसैंण में पाँचाली का मेला क्यों महत्वपूर्ण है?
- उत्तर: यह मेला स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को दर्शाता है।
4. सिरगुर का मेला किस प्रकार का आयोजन है?
- उत्तर: सिरगुर में होने वाला यह मेला एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है।
5. देवाल का मेला किसके लिए आयोजित होता है?
- उत्तर: यह मेला देवाल क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक समारोह है।
6. कुलसारी का मेला क्या दर्शाता है?
- उत्तर: कुलसारी में आयोजित होने वाला यह मेला स्थानीय उत्सवों का प्रमुख हिस्सा है।
7. अठवाड़ का मेला क्या प्रदर्शित करता है?
- उत्तर: यह मेला चोपता में स्थानीय जनजातियों की परंपराओं को प्रदर्शित करता है।
8. नन्दा राजरात का मेला किस पूजा के लिए आयोजित होता है?
- उत्तर: यह मेला नंदा देवी की पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है।
9. थराली में तोमश्वर की मयाल मेला कब मनाया जाता है?
- उत्तर: थराली में आयोजित होने वाला यह मेला स्थानीय मान्यताओं और परंपराओं से जुड़ा हुआ है।
10. अनुसूया का मेला कहाँ आयोजित होता है?
- उत्तर: अनुसूया ग्राम में आयोजित होने वाला यह मेला धार्मिक उत्सवों का हिस्सा है।
11. गोचर का मेला कब और क्यों मनाया जाता है?
- उत्तर: गोचर में 1943 से आयोजित होने वाला यह मेला अब 14 नवंबर को पं. नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाता है।
12. रम्माण उत्सव कब मनाया जाता है?
- उत्तर: यह उत्सव प्रतिवर्ष अप्रैल में मनाया जाता है और स्थानीय जनजीवन का प्रतीक है।
13. नागनाथ का मेला कहाँ आयोजित होता है?
- उत्तर: पोखरी में यह मेला नागों की पूजा के लिए आयोजित किया जाता है।
14. गैण्डा का मेला किस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है?
- उत्तर: यह मेला बंधाण और चांदपुर क्षेत्र की संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है।
15. बसंत बुरांश मेला क्यों आयोजित किया जाता है?
- उत्तर: यह मेला बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और प्राकृतिक सौंदर्य को मनाने के लिए आयोजित होता है।
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