अल्मोड़ा चौबटिया-फलोद्यान का स्वर्ग पीडीएफ (Almora Chaubatia-Paradise of Orchards PDF)

चौबटिया-फलोद्यान का स्वर्ग

रानीखेत:

रानीखेत का प्राचीन नाम झूला देव था। यह स्थल कृत्यूरी राजा सुधारदेव की रानी पद्मिनी का रमणीय स्थल था, जिसके नाम पर इसका रानीखेत पड़ा। यह क्षेत्र न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, बल्कि यहाँ कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी स्थित हैं।


ताड़ीखेत

  • गांधीजी का आगमन:
    1920 में महात्मा गांधी यहां आए थे। यहाँ गांधी कुटिया स्थित है, जो उनके ऐतिहासिक प्रवास का साक्षी है।

  • उद्योग:
    ताड़ीखेत में एक ड्रग फैक्ट्री है, जो क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

  • धार्मिक स्थल:
    यहाँ गोलू देवता का मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, शीतलाखेत मंदिर, मनीला, नागदेव ताल, चिलियानौला एवं रानी झील जैसे दर्शनीय स्थल भी हैं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।


भिकियासैंण

भिकियासैंण गगास एवं रामगंगा नदी के तट पर स्थित है। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है।


द्वाराहाट

द्वाराहाट को "मंदिरों का नगर" और "कुमाऊं का खजुराहो" भी कहा जाता है। यहाँ के मंदिर स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण हैं।


विभाण्डेश्वर

यह द्वाराहाट के निकट स्थित है और इसे "उत्तर का काशी" कहा जाता है। यहाँ स्याल्दे-बिखौती का मेला आयोजित होता है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनता है।


दूनागिरी

  • द्रोणांचल पर्वत:
    यह पर्वत पुराणों में उल्लिखित है और कुमाऊँ का प्रसिद्ध सिद्धपीठ वैष्णवी शक्ति पीठ है, जिसका निर्माण 1183 में हुआ था।

मृत्युंजय मंदिर समूह

यह मंदिर समूह नागर शिखर शैली में निर्मित है और धार्मिक आस्था का केंद्र है।


लखनपुर का किला

  • इतिहास:
    कत्यूरी वंश की पुनर्रथापना के अवसर पर बैराटपट्टनम किले में यहां के लक्ष्मणपाल देव को "परम महारक महाधिराज" की उपाधि से विभूषित किया गया। उनके नाम पर ही किले का नाम लखनपुर पड़ा, जो 13वीं शताब्दी का है।

  • मंदिर समूह:
    मनियान मंदिर समूह में सात मंदिरों का समूह है, जिनमें जैन तीर्थकरों की मूर्तियां हैं। कुटुम्बरी मंदिर समूह भी 1960 तक अस्तित्व में था और आज भी ऐतिहासिक महत्व रखता है।


निष्कर्ष

रानीखेत और इसके आस-पास के क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक स्थलों का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं। यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था ने इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बना दिया है। यदि आप पहाड़ों की ठंडी हवा और ऐतिहासिक स्थलों की खोज में हैं, तो रानीखेत और इसके आसपास के क्षेत्र आपके लिए एक अद्भुत अनुभव साबित होंगे।

यह भी पढ़े

  1. टिहरी जनपद: प्रमुख आकर्षण, नदियाँ, और अन्य विशेषताएँ पीडीएफ के साथ
  2. टिहरी रियासत के समय प्रमुख वन आंदोलनों और सामाजिक प्रथाएं पीडीएफ के साथ
  3. जनपद - टिहरी पीडीएफ के साथ - District - Tehri with PDF
  4. टिहरी जनपद: एक संक्षिप्त परिचय पीडीएफ के साथ
  5. टिहरी जनपद: प्रमुख त्यौहार, मेले और सांस्कृतिक धरोहर पीडीएफ के साथ
  6. जानें टिहरी जनपद के बारे में 100 महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर पीडीएफ के साथ
  7. टिहरी जनपद की जानकारी: ज्ञानवर्धक प्रश्न और उत्तर पीडीएफ के साथ

चौबटिया-फलोद्यान के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FQCs)

1. रानीखेत का पुराना नाम क्या था?

  • रानीखेत का प्राचीन नाम झूला देव था। यह कृत्यूरी राजा सुधारदेव की रानी पद्मिनी का रमणीय स्थल था।

2. ताड़ीखेत में महात्मा गांधी का क्या संबंध है?

  • ताड़ीखेत में महात्मा गांधी 1920 में आए थे। यहाँ गांधी कुटिया स्थित है, जो उनके प्रवास का स्मारक है।

3. ताड़ीखेत में क्या-क्या दर्शनीय स्थल हैं?

  • ताड़ीखेत में गोलू देवता का मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, शीतलाखेत मंदिर, मनीला, नागदेव ताल, चिलियानौला, और रानी झील जैसे कई दर्शनीय स्थल हैं।

4. भिकियासैंण कहाँ स्थित है?

  • भिकियासैंण गगास एवं रामगंगा नदी के तट पर स्थित है। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।

5. द्वाराहाट को किस नाम से जाना जाता है?

  • द्वाराहाट को "मंदिरों का नगर" और "कुमाऊं का खजुराहो" भी कहा जाता है।

6. विभाण्डेश्वर का महत्व क्या है?

  • विभाण्डेश्वर द्वाराहाट के निकट स्थित है और इसे "उत्तर का काशी" कहा जाता है। यहाँ स्याल्दे-बिखौती का मेला आयोजित होता है।

7. दूनागिरी पर्वत किस प्रकार का स्थल है?

  • दूनागिरी पुराणों में उल्लिखित द्रोणांचल पर्वत है और कुमाऊँ का प्रसिद्ध सिद्धपीठ वैष्णवी शक्ति पीठ है।

8. मृत्युंजय मंदिर समूह किस शैली में बना है?

  • मृत्युंजय मंदिर समूह नागर शिखर शैली में निर्मित है, जो धार्मिक आस्था का केंद्र है।

9. लखनपुर का किला किसके लिए प्रसिद्ध है?

  • लखनपुर का किला कत्यूरी वंश की पुनर्रथापना से संबंधित है। यहाँ के लक्ष्मणपाल देव को "परम महारक महाधिराज" की उपाधि से विभूषित किया गया।

10. मनियान मंदिर समूह में क्या है?

  • मनियान मंदिर समूह में सात मंदिरों का समूह है, जिनमें जैन तीर्थकरों की मूर्तियां हैं। यह समूह ऐतिहासिक महत्व रखता है।

यह भी पढ़े

  1. उत्तराखंड की प्रमुख फसलें | 
  2. उत्तराखण्ड में सिंचाई और नहर परियोजनाऐं | 
  3. उत्तराखण्ड की मृदा और कृषि | 
  4. उत्तराखण्ड में उद्यान विकास का इतिहास | 
  5. उत्तराखंड की प्रमुख वनौषिधियां या जड़ी -बूटियां |
  6. उत्तराखण्ड के प्रमुख त्यौहार | 
  7. उत्तराखण्ड के प्रमुख लोकनृत्य | 
  8. उत्तराखंड में वनों के प्रकार 
  9. उत्तराखंड के सभी राष्ट्रीय उद्यान | 
  10. उत्तराखंड के सभी वन्य जीव अभ्यारण्य |
  11. उत्तराखंड की जैव विविधता: एक समृद्ध प्राकृतिक धरोहर
  12. उत्तराखंड के सभी राष्ट्रीय उद्यान | 
  13. उत्तराखंड की प्रमुख वनौषिधियां या जड़ी -बूटियां 
  14. उत्तराखंड की प्रमुख वनौषिधियां या जड़ी -बूटियां 
  15. उत्तराखंड के सभी वन्य जीव अभ्यारण्य 

टिप्पणियाँ

Popular Posts

Pahadi A Cappella 2 || Gothar Da Bakam Bham || गोठरदा बकम भम || MGV DIGITAL

एक कहानी वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की

Pahadi A Cappella 2 || Gothar Da Bakam Bham || गोठरदा बकम भम || MGV DIGITAL

कुमाऊँनी/गढ़वाली गीत : धूली अर्घ (Kumaoni/Garhwali Song : Dhuli Argh)

माँगल गीत : हल्दी बान - मंगल स्नान ( Mangal Song : Haldi Ban - Mangal Snan)