अल्मोड़ा जिले के प्रमुख मंदिरों का संपूर्ण विवरण पीडीएफ (Complete details of major temples of Almora district PDF)

अल्मोड़ा जिले के प्रमुख मंदिरों का संपूर्ण विवरण

अल्मोड़ा जिले में कई ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के मंदिर हैं, जिनका धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व है। ये मंदिर अद्वितीय वास्तुकला, आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पूरे देश से भक्तों को आकर्षित करते हैं। इस ब्लॉग में हम अल्मोड़ा जिले के प्रमुख मंदिरों और दर्शनीय स्थलों का विवरण देंगे।


1. चितई के गोलू देवता मंदिर

  • महत्व: गोलू देवता को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। इनका मंदिर अल्मोड़ा के चितई गांव में स्थित है और यहाँ न्याय के लिए लोगों की अर्जी लगाई जाती है। ये कत्यूरी राजा झालराई के पुत्र माने जाते हैं।

2. कटारमल का सूर्य मंदिर

  • महत्व: यह सूर्य मंदिर भारत का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर है, जो कोणार्क के सूर्य मंदिर के बाद प्रसिद्ध है। यह अद्वितीय वास्तुकला का एक सुंदर उदाहरण है।

3. झांकर सेम का मंदिर

  • महत्व: यह मंदिर नागवंशीय शासकों का प्रतीक है और इसे देवदार वनों का रक्षक माना जाता है। यह प्रकृति और आस्था के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।

4. सोमेश्वर महादेव मंदिर

  • महत्व: यह महादेव मंदिर अपने प्राचीन दूध कुण्ड के लिए प्रसिद्ध है, जहां महादेव की विशेष पूजा की जाती है।

5. द्वाराहाट का मंदिर समूह

  • महत्व: द्वाराहाट मंदिरों का एक समूह है, जिसे मध्यकाल में "दोरा" के नाम से जाना जाता था। यहाँ अनेक मंदिरों का संगम है, जो कुमाऊं की प्राचीन स्थापत्य शैली को दर्शाते हैं।

6. रत्नेश्वर मंदिर

  • महत्व: यह मंदिर गोरखा काल में निर्मित है और इसकी वास्तुकला गोरखा शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है।

7. कसार देवी मंदिर

  • महत्व: यह मंदिर कश्यप पर्वत पर स्थित एक गुफा मंदिर है, जो देवी कात्यायनी को समर्पित है। यहाँ का वातावरण ध्यान और साधना के लिए उपयुक्त माना जाता है।

8. उद्योत चन्द्रेश्वर मंदिर

  • महत्व: इस मंदिर का निर्माण राजा उद्योत चंद ने 1690-91 में करवाया था। यह मंदिर इतिहास और वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

9. शारदा मठ

  • महत्व: यह मठ विशेष रूप से स्त्री सन्यासिनियों के लिए गठित है और अध्यात्मिक साधना के लिए आदर्श स्थान है।

10. रामकृष्ण कुटीर

  • महत्व: यह ब्राइटन कॉर्नर, जिसे विवेकानंद कॉर्नर भी कहते हैं, पर स्थित है। इसे 22 मई 1916 को स्वामीजी के गुरुभाई तुरियानन्द द्वारा स्थापित किया गया था।

11. डोल आश्रम

  • महत्व: डोल आश्रम की स्थापना महंत बाबा कल्याणदासजी महाराज ने की थी। यहाँ अध्यात्मिक साधना और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं।

12. रानीखेत के प्रसिद्ध मंदिर

  • महत्व: रानीखेत में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जैसे कि हैड़ाखान मंदिर, झूला देवी मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, कालिका मंदिर एवं शिव मंदिर।

13. भिकियासैंण के मंदिर

  • मंदिर: निलेश्वर महादेव, रूद्रेश्वर महादेव मंदिर यहाँ के प्रमुख मंदिर हैं।

14. स्याल्दे के मंदिर

  • मंदिर: स्याल्दे में वृद् केदार मंदिर, देघाट का देवी माता मंदिर, और पत्थर खोला का शिव मंदिर मुख्य आकर्षण हैं।

15. सल्ट के मंदिर

  • मंदिर: यहाँ मनीला देवी का मंदिर, भौना देवी मंदिर और राजा हरूहीत मंदिर स्थित हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण स्थल हैं।

16. सोमेश्वर के अन्य मंदिर

  • मंदिर: सोमेश्वर में सोमनाथ मंदिर और बयाल बद्रीनाथ भी दर्शनीय स्थल हैं।

17. मनियान मंदिर समूह

  • मंदिर: इस समूह में सती पद चिह्न विभाण्डेश्वर, ईडा बाराखाम का वीर स्तम्भ और वनदेव मंदिर शामिल हैं। यह स्थल विशेष रूप से इतिहास और संस्कृति के प्रति आस्था रखने वालों के लिए महत्वपूर्ण है।

18. भनोली के मंदिर

  • मंदिर: यहाँ जागेश्वर मंदिर, डाण्डेश्वर मंदिर, त्रिनेत्रेश्वर मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण मंदिर हैं।

19. जैती के मंदिर

  • मंदिर: पानेश्वर मंदिर और मुडेश्वर महादेव मंदिर जैती के प्रमुख मंदिरों में शामिल हैं।

20. चौखुटिया के मंदिर

  • मंदिर: चौखुटिया में अगनेरी मैयया मंदिर, चित्रेश्वर महादेव और महाकालेश्वर मंदिर स्थित हैं, जो यहाँ की धार्मिक विरासत को समृद्ध करते हैं।

21. मासी के मंदिर

  • मंदिर: मासी में भूमिया मंदिर, सोमनाथेश्वर महादेव मंदिर, चूडाकर्ण महादेव मंदिर और राम पादुका मंदिर स्थित हैं।

22. ऊंटेश्वर मंदिर समूह

  • मंदिर: यह 11 मंदिरों का समूह है, जो कनारा गांव, अल्मोड़ा में स्थित है।

23. अल्मोड़ा मुख्यालय के पास के मंदिर

  • मंदिर: अल्मोड़ा मुख्यालय के पास उद्योत चन्द्रेश्वर मंदिर, त्रिपुरा सुन्दरी मंदिर, शै भैरव मंदिर, चितई मंदिर, कसार देवी मंदिर और कटारमल सूर्य मंदिर हैं, जो क्षेत्र के धार्मिक वातावरण को और भी पवित्र बनाते हैं।

24. अन्य मंदिर

  • मंदिर: यहाँ के अन्य मंदिरों में राम शिला मंदिर, नन्दा देवी मंदिर, पाताल देवी मंदिर, कपिलेश्वर, बिनसर महादेव और गणनाथ गुफा मंदिर शामिल हैं।

अन्य प्रमुख आकर्षण

  1. गोल्फ मैदान: गगास नदी के तट पर स्थित यह गोल्फ मैदान, जिसे उपट भी कहा जाता है, क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत उदाहरण है।

  2. भालू डैम: 1903 में निर्मित यह कृत्रिम डैम एक आकर्षक पिकनिक स्थल है और इसे स्वर्णलता ताल भी कहते हैं।


अल्मोड़ा का यह धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर से परिपूर्ण क्षेत्र न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है बल्कि अध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ के मंदिर और आकर्षण पर्यटकों और श्रद्धालुओं को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं

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अल्मोड़ा जिले के प्रमुख मंदिरों का FQCs

1. चितई के गोलू देवता मंदिर क्या है?

प्रश्न: चितई के गोलू देवता मंदिर की विशेषता क्या है?
उत्तर: चितई के गोलू देवता मंदिर न्याय के देवता गोलू देवता को समर्पित है, जो कुमाऊं में अत्यधिक मान्यता प्राप्त है। यह मंदिर कत्यूरी राजा झालराई के पुत्र का माना जाता है और यहाँ श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएँ पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।


2. कटारमल का सूर्य मंदिर कहाँ स्थित है?

प्रश्न: कटारमल का सूर्य मंदिर किस चीज़ के लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: कटारमल का सूर्य मंदिर, जो कोणार्क के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर है, अपनी अद्वितीय स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। यह सूर्य देवता को समर्पित है और अल्मोड़ा के पास स्थित है।


3. झांकर सेम मंदिर का क्या महत्व है?

प्रश्न: झांकर सेम मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर: झांकर सेम मंदिर नागवंशीय शासकों का प्रतीक है और इसे देवदार वनों का रक्षक माना जाता है। यह मंदिर धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और स्थानीय मान्यताओं से जुड़ा है।


4. सोमेश्वर महादेव मंदिर का क्या विशेष महत्व है?

प्रश्न: सोमेश्वर महादेव मंदिर क्यों जाना जाता है?
उत्तर: सोमेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन दूध कुण्ड की मान्यता के लिए प्रसिद्ध है। इसे शिवजी के पावन स्थल के रूप में माना जाता है और यहाँ भक्तों की भीड़ हमेशा रहती है।


5. कसार देवी मंदिर कहाँ स्थित है?

प्रश्न: कसार देवी मंदिर की विशेषता क्या है?
उत्तर: कसार देवी मंदिर कश्यप पर्वत पर स्थित गुफा मंदिर है, जो देवी कात्यायनी को समर्पित है। यह स्थान पर्यटकों और साधकों के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है।


6. उद्योत चन्द्रेश्वर मंदिर कब बनाया गया था?

प्रश्न: उद्योत चन्द्रेश्वर मंदिर का निर्माण कब हुआ था?
उत्तर: उद्योत चन्द्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1690-91 में राजा उद्योत चंद द्वारा किया गया था। यह क्षेत्रीय वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है और स्थानीय श्रद्धालुओं के बीच गहरी आस्था है।


7. रामकृष्ण कुटीर किसने स्थापित किया था?

प्रश्न: रामकृष्ण कुटीर की स्थापना किसने की थी?
उत्तर: रामकृष्ण कुटीर की स्थापना स्वामी विवेकानंद के गुरूभाई तुरियानन्द ने 22 मई, 1916 को की थी। यह आश्रम धार्मिक गतिविधियों का केंद्र है।


8. रानीखेत में कौन से प्रमुख मंदिर हैं?

प्रश्न: रानीखेत में कौन से प्रमुख मंदिर देखने को मिलते हैं?
उत्तर: रानीखेत में हैड़ाखान मंदिर, झूला देवी मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, कालिका मंदिर और शिव मंदिर प्रमुख रूप से स्थित हैं।


9. भिकियासैंण के प्रमुख मंदिर कौन से हैं?

प्रश्न: भिकियासैंण क्षेत्र में कौन से प्रमुख मंदिर हैं?
उत्तर: भिकियासैंण क्षेत्र में निलेश्वर महादेव और रूद्रेश्वर महादेव मंदिर अत्यधिक पूजनीय हैं।


10. अल्मोड़ा मुख्यालय के प्रमुख मंदिर कौन से हैं?

प्रश्न: अल्मोड़ा मुख्यालय में कौन-कौन से प्रमुख मंदिर हैं?
उत्तर: अल्मोड़ा मुख्यालय में उद्योतचन्द्रेश्वर मंदिर, त्रिपुरा सुन्दरी मंदिर, चितई मंदिर, कसार देवी मंदिर, कटारमल सूर्य मंदिर, तुला रामेश्वर, लक्ष्मेश्वर, कपिलेश्वर और बिनसर महादेव मंदिर प्रमुख हैं।

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