अल्मोड़ा जिले की प्रमुख नदियाँ
अल्मोड़ा जिले में कई प्रमुख नदियाँ हैं, जो न केवल यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य में वृद्धि करती हैं, बल्कि कृषि, सांस्कृतिक उत्सवों और धार्मिक महत्त्व के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। नीचे जिले की प्रमुख नदियों का विस्तृत वर्णन दिया गया है:
1. रामगंगा नदी
- प्राचीन नाम: इस नदी का प्राचीन नाम "रथस्था" था।
- उत्पत्ति स्थल: यह नदी दधातोली से निकलती है और प्रारंभ में इसे रिथिया कहा जाता है।
- नामकरण: लोभा क्षेत्र में बहने पर इसे "लोहावती" नाम दिया गया, जबकि पल्ला गिवाड़ और चौखुटिया से बहने पर इसे "पश्चिमी रामगंगा" के नाम से जाना जाता है।
- सहायक नदियाँ: विनौ इसकी प्रमुख सहायक नदियों में से एक है, इसके साथ ही खनसर गाड़ (खारी गाड़), गगास और नैल भी इसके सहायक हैं।
- अन्य विशेषताएँ: भिकियासैण में गगास नदी बाएं से और नौरार गाड़ दाएं तट से इसमें मिलती हैं।
- सांस्कृतिक महत्त्व: इस नदी में "मौण मेले" के दौरान "डहौ उठाना" जैसे कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
2. कोसी (कौशल्या/कोसिला) नदी
- उत्पत्ति स्थल: यह बूढ़ा पिननाथ शिखर, बारामण्डल परगना के भदकोट से निकलती है।
- नामकरण: इसे "कोसिला नदी" के नाम से भी जाना जाता है।
- उपजाऊ घाटी: इस नदी के किनारे पर स्थित सोमेश्वर घाटी को एक उपजाऊ क्षेत्र माना जाता है, जिसे उत्तराखण्ड में "धान का कटोरा" (कौसानी से हवालबाग तक) कहा जाता है।
- सहायक नदी: सुयाल नदी चौसिला में कोसी से मिलती है।
3. गोमती नदी
- भौगोलिक विशेषता: गोमती नदी कत्यूर घाटी का निर्माण करती है।
- उत्पत्ति: यह बधाण परगना की पिंडरपार पट्टी में अयारी मादेव के गोमुख से आती है।
4. गगास नदी
- उत्पत्ति स्थल: यह दूनागिरी से निकलती है।
- सहायक नदियाँ: चंदास, रिस्कोई, और बलवागाड़ इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।
- नामकरण: इस नदी का नामकरण गर्ग ऋषि के नाम पर "गगास" हुआ है।
- मिलन बिंदु: यह नदी भिकियासैण के निकट पं0 रामगंगा नदी में समाहित हो जाती है।
5. सुआल नदी
- उत्पत्ति स्थल: यह बाड़ेछीना क्षेत्र से निकलती है।
- मिलन बिंदु: कोसी नदी में समाहित हो जाती है।
अल्मोड़ा जिले की ये प्रमुख नदियाँ न केवल जिले की जल आपूर्ति और कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनमें आयोजित सांस्कृतिक और धार्मिक पर्व भी लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं।
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FAQs: अल्मोड़ा जिले की प्रमुख नदियाँ
अल्मोड़ा जिले में कितनी प्रमुख नदियाँ हैं?
- अल्मोड़ा जिले में मुख्यतः पाँच प्रमुख नदियाँ हैं: रामगंगा, कोसी, गोमती, गगास, और सुआल नदी।
रामगंगा नदी का प्राचीन नाम क्या था और यह कहाँ से निकलती है?
- रामगंगा नदी का प्राचीन नाम "रथस्था" था, और यह दधातोली से निकलती है।
रामगंगा नदी के किन्हीं अन्य नामों का उल्लेख करें।
- इस नदी को लोभा क्षेत्र में "लोहावती" और पल्ला गिवाड़ तथा चौखुटिया के पास "पश्चिमी रामगंगा" के नाम से जाना जाता है।
रामगंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ कौन-कौन सी हैं?
- विनौ, खनसर गाड़ (खारी गाड़), गगास और नैल इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।
रामगंगा नदी का सांस्कृतिक महत्त्व क्या है?
- इस नदी में "मौण मेला" के दौरान "डहौ उठाना" जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
कोसी नदी को और किस नाम से जाना जाता है और यह कहाँ से निकलती है?
- कोसी नदी को "कौशल्या" या "कोसिला नदी" के नाम से भी जाना जाता है, और यह बूढ़ा पिननाथ शिखर, भदकोट (बारामण्डल परगना) से निकलती है।
कोसी नदी के किनारे स्थित उपजाऊ क्षेत्र का क्या नाम है?
- कोसी नदी के किनारे "सोमेश्वर घाटी" स्थित है, जिसे उत्तराखण्ड का "धान का कटोरा" भी कहा जाता है (कौसानी से हवालबाग तक)।
गोमती नदी का स्रोत कहाँ है और इसका मुख्य भौगोलिक योगदान क्या है?
- गोमती नदी बधाण परगना की पिंडरपार पट्टी में अयारी मादेव के गोमुख से निकलती है और कत्यूर घाटी का निर्माण करती है।
गगास नदी का नाम कैसे पड़ा और यह कहाँ समाहित होती है?
- गगास नदी का नाम गर्ग ऋषि के नाम पर रखा गया है, और यह भिकियासैण के पास रामगंगा में समाहित हो जाती है।
सुआल नदी कहाँ से निकलती है और यह किस नदी में मिलती है?
- सुआल नदी बाड़ेछीना क्षेत्र से निकलती है और कोसी नदी में मिलती है।
अल्मोड़ा जिले की नदियों का क्या महत्त्व है?
- ये नदियाँ जिले की जल आपूर्ति, कृषि, और सांस्कृतिक एवं धार्मिक गतिविधियों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
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