मीठा करेला (ककोड़ा) की स्वादिष्ट रेसिपी ((kakoda) Delicious recipe of sweet bitter gourd )

मीठा करेला (ककोड़ा) की स्वादिष्ट रेसिपी

उत्तराखंड के पहाड़ों में पाई जाने वाली एक अनोखी सब्जी, मीठा करेला जिसे ककोड़ा भी कहा जाता है, स्वाद और सेहत दोनों में बेहतरीन है। इसके गुण इसे विशेष बनाते हैं। यहां हम इसके पौष्टिक तत्वों के साथ एक सरल रेसिपी भी साझा कर रहे हैं जिसे आप आसानी से घर पर बना सकते हैं।


सामग्री:

  • 250 ग्राम मीठा करेला (ककोड़ा)
  • 1 आलू, टुकड़ों में कटा हुआ
  • 1 प्याज, बारीक कटा हुआ
  • 2 टमाटर, बारीक कटे हुए
  • नमक स्वादानुसार
  • लाल मिर्च पाउडर स्वादानुसार
  • गरम मसाला स्वादानुसार
  • हल्दी (आवश्यकता अनुसार)
  • तेल

बनाने की विधि:

स्टेप 1:

  • एक पैन में तेल गर्म करें।
  • प्याज को सुनहरा होने तक भूनें।

स्टेप 2:

  • अब कटा हुआ मीठा करेला (ककोड़ा) और आलू डालें। साथ में मसाले और टमाटर डालकर अच्छी तरह से भूनें।

स्टेप 3:

  • सब्जी को ढककर धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक आलू नरम न हो जाए।

स्टेप 4:

  • लीजिए, आपकी मीठा करेला की स्वादिष्ट सब्जी तैयार है। इसे गर्मागर्म रोटी या चावल के साथ परोसें।

मीठा करेला (ककोड़ा) के लाभ:

मीठा करेला उत्तराखंड की पारंपरिक सब्जियों में से एक है। इसमें आयरन, एंटीऑक्सिडेंट्स, और खून को साफ करने वाले तत्व होते हैं। डायबिटीज, चर्म रोग और पेट के कीड़ों के लिए यह बहुत लाभकारी माना गया है। इसे नियमित आहार में शामिल करने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिल सकते हैं।

नोट: पहाड़ों में यह सब्जी राम करेला, परला, गुजकरेला जैसे नामों से भी जानी जाती है।

मीठा करेला (ककोड़ा) की स्वादिष्ट रेसिपी पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)


1. मीठा करेला (ककोड़ा) क्या है और इसका स्वाद कैसा होता है?

मीठा करेला (ककोड़ा) एक पहाड़ी सब्जी है जो हल्के मीठे और खीरे जैसे स्वाद वाली होती है। यह आमतौर पर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय इलाकों में पाया जाता है। इसका स्वाद कड़वे करेले के मुकाबले हल्का और स्वादिष्ट होता है, जो इसे कई लोगों का पसंदीदा बनाता है।

2. मीठा करेला (ककोड़ा) को किस प्रकार पकाया जा सकता है?

मीठा करेला (ककोड़ा) को कई तरह से पकाया जा सकता है। इसे कच्चा, पकाकर या सुखाकर खाया जा सकता है। सबसे सामान्य तरीका इसे सब्जी के रूप में पकाना है, जिसमें प्याज, आलू, टमाटर और मसालों के साथ इसे स्वादिष्ट बनाया जाता है।

3. मीठा करेला (ककोड़ा) की सब्जी बनाने की विधि क्या है?

मीठा करेला (ककोड़ा) की स्वादिष्ट सब्जी बनाने के लिए:

  1. सबसे पहले एक पैन में तेल गर्म करें।
  2. उसमें प्याज को सुनहरा होने तक भूनें।
  3. फिर उसमें कटा हुआ मीठा करेला और आलू डालकर भूनें।
  4. टमाटर, नमक, लाल मिर्च, हल्दी और गरम मसाले डालकर अच्छी तरह से पकाएं।
  5. ढककर धीमी आंच पर पकने दें, जब तक आलू नरम न हो जाए।
  6. सब्जी तैयार है, इसे गर्मागर्म रोटी या चावल के साथ परोसें।

4. क्या मीठा करेला (ककोड़ा) के सेवन से स्वास्थ्य लाभ होते हैं?

जी हां, मीठा करेला (ककोड़ा) में आयरन, एंटीऑक्सिडेंट्स, और खून को साफ करने वाले तत्व होते हैं। यह:

  • डायबिटीज: ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।
  • चर्म रोग: त्वचा रोगों के लिए फायदेमंद है।
  • पाचन तंत्र: पेट के कीड़ों को समाप्त करने में सहायक है।
  • कैंसर: इसके एंटीऑक्सिडेंट्स से कैंसर से बचाव हो सकता है।

5. क्या मीठा करेला (ककोड़ा) को बच्चों के लिए खिला सकते हैं?

मीठा करेला (ककोड़ा) बच्चों के लिए एक स्वस्थ विकल्प है। इसका स्वाद हल्का मीठा होने के कारण छोटे बच्चों को भी यह पसंद आ सकता है। आप इसे हल्के मसालों के साथ पका सकते हैं, जिससे यह स्वादिष्ट बन जाए।

6. मीठा करेला (ककोड़ा) को कैसे सही तरीके से चुनें?

मीठा करेला (ककोड़ा) को चुनते समय यह सुनिश्चित करें कि वह ताजे और हरे रंग का हो। यदि इसका रंग हल्का पीला या सूखा हो तो वह ज्यादा ताजगी नहीं रखता। ताजे करेले का आकार लंबा और पतला होता है।

7. क्या मीठा करेला (ककोड़ा) के बीजों का कोई उपयोग है?

मीठा करेला (ककोड़ा) के बीजों का भी उपयोग किया जा सकता है। इन्हें भूनकर खाया जा सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।

8. मीठा करेला (ककोड़ा) का क्या धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व है?

मीठा करेला (ककोड़ा) का पहाड़ी संस्कृति में विशेष स्थान है। इसे "राम करेला" भी कहा जाता है, क्योंकि यह माना जाता है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान इसका सेवन किया था।

9. मीठा करेला (ककोड़ा) के और कौन-कौन से नाम हैं?

मीठा करेला को विभिन्न पहाड़ी क्षेत्रों में विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे ककोड़ा, राम करेला, परमला, गुजकरेला, और परला।

10. क्या मीठा करेला (ककोड़ा) को हर दिन खाना स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है?

मीठा करेला (ककोड़ा) के नियमित सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन इसका सेवन उचित मात्रा में करना चाहिए। अत्यधिक सेवन से पेट में गैस या असहजता हो सकती है। सामान्य रूप से इसका सेवन किया जा सकता है, विशेषकर अगर किसी को पेट या डायबिटीज की समस्या हो।



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